जयपुर. सीएम गहलोत शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के 77वें जन्मदिवस के अवसर पर वर्चुअल माध्यम से आयोजित राजस्थान इनोवेशन विजन यानी 'राजीव-2021' की अध्यक्षता की. 'सूचना तकनीक से सुशासन' थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने राज किसान साथी पोर्टल, आई-स्टार्ट वर्चुअल इन्क्यूबेशन प्रोग्राम और राजीव गांधी आईटी क्विजथॉन का भी शुभारंभ किया. साथ ही, राजीव/75 फंड के तहत 21 चयनित स्टार्ट-अप्स को दो करोड़ रुपये के फंड का वितरण किया गया.
प्रदेश में 85 हजार ई-मित्र केंद्रों से हो रहा सुशासन का संकल्प : मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. राजीव गांधी ने बेहद विकट परिस्थितियों के बावजूद देश को तकनीकी क्षेत्र में नई दिशा दी. उन्होंने इनोवेशन को प्राथमिकता देकर संचार क्रांति का आगाज किया. उनकी दूरदर्शी सोच और मंशा को अंगीकार करते हुए राजस्थान ने भी आईटी के क्षेत्र में तेजी से कदम आगे बढ़ाए हैं.
पारदर्शी और जबावदेह सुशासन के रूप में प्रदेशवासियों को इसका भरपूर लाभ मिल रहा है. राजस्थान में करीब 85 हजार ई-मित्र केंद्र संचालित हैं. अब एक हजार से अधिक जनसंख्या वाले राजस्व गांवों में भी इनकी स्थापना की जा रही है. राज्य के 7,513 राजस्व गांवों में नए ई-मित्र खोले गए हैं और 33 जिलों, 328 तहसीलों और 171 उप-तहसीलों में ई-मित्र प्लस मशीनें स्थापित की गई हैं.
ई-गवर्नेन्स में राजस्थान देश का अग्रणी राज्य : गहलोत ने कहा कि ई-गवर्नेन्स को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्रों की स्थापना की गई थी. आज इन केंद्रों पर विभिन्न विभागों की करीब 475 सेवाएं ऑनलाइन दी जा रही हैं. संपर्क पोर्टल के माध्यम से शिकायतों का शीघ्र निराकरण और पारदर्शी मॉनिटरिंग की जा रही है.
ऑनलाइन माध्यम से सरकारी कामकाज, भुगतान, हैल्थ रिकॉर्ड और रेवेन्यू रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन, छात्रवृत्ति वितरण में राजस्थान देश का अग्रणी राज्य है. करीब 80 लाख परिवारों को पेंशन का ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है. जन सूचना पोर्टल के माध्यम से 73 विभागों की 432 तरह की सूचनाएं आमजन के लिए उपलब्ध कराई गई हैं. उच्च स्तरीय स्टेट डाटा सेंटर के माध्यम से आईटी आधारित सेवाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों तक करेंगे स्टार्ट-अप का विस्तार : बैठक में सामने आया कि देश के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए स्टार्ट-अप्स को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है. शहरों के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्रों तक इनका विस्तार करने का प्रयास किया जाएगा. तकनीकी शिक्षा को अधिक रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए जोधपुर में करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से फिनटेक यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है.
उन्होंने इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर करने की घोषणा की. जयपुर में करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी की स्थापना भी की जा रही है. इसके माध्यम से युवाओं को सूचना तकनीक के नए पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने का अवसर मिलेगा.
200 मेधावी विद्यार्थियों के लिए राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस की घोषणा : मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्टार्ट-अप के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले युवाओं को 'राजीव गांधी इनोवेशन अवार्ड' देने की घोषणा की. इसके तहत प्रथम पुरस्कार के रूप में 2 करोड़ रुपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 1 करोड़ रुपये और तीसरा पुरस्कार के रूप में 50 लाख रुपये की राशि दी जाएगी.
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बैठक में प्रदेश में 14 नवंबर से 'राजीव गांधी युवा कोर' का शुभारंभ भी किया जाएगा. साथ ही, प्रदेश के 200 मेधावी विद्यार्थियों को देश-विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में अध्ययन के लिए उन्होंने 'राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस' की घोषणा की. इस योजना पर प्रतिवर्ष करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें विद्यार्थी के अध्ययन का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.
लोकतंत्र की मजबूती के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व.गांधी ने उठाए साहसिक कदम : गहलोत ने कहा कि देश को तेजी से आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने के लिए पेयजल, टीकाकरण, साक्षरता, टेलीकॉम, खाद्य तेल और डेयरी के लिए 6 तकनीकी मिशन शुरू किए. उन्होंने 18 वर्ष की आयु के युवाओं को मताधिकार दिया और 73वें तथा 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायत एवं नगरीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की पहल की. उन्होंने देश की एकता और अखंडता के साथ ही लोकतंत्र की मजबूती के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर साहसिक कदम उठाए.
राजीव गांधी दूरदर्शी और वैज्ञानिक सोच के थे पक्षधर : सैम पित्रोदा
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इनोवेशन सलाहकार रहे सैम पित्रोदा ने कहा कि स्व. गांधी एक दूरदर्शी नेता थे. वे तार्किक ज्ञान और वैज्ञानिक सोच के पक्षधर थे. उन्होंने देश को 21वीं सदी में ले जाने की तैयारी करने के लिए अलग-अलग सेक्टर के विशेषज्ञ लोगों के साथ मिलकर कई विकास योजनाएं बनाईं और उन्हें लागू किया. पूर्व प्रधानमंत्री ने विकास के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल पर फोकस किया. इस क्रम में उन्होंने देश के समक्ष उपस्थित गंभीर चुनौतियों के मुकाबले के लिए 6 मिशन शुरू किए.
पित्रोदा ने कहा कि स्व. राजीव गांधी के प्रयासों से ही देश आज पोलियो से मुक्त हो पाया है. उन्होंने खाद्य तेल और दुग्ध उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गंभीर प्रयास किए. स्व. गांधी के कार्यकाल में सी-डॉट, सी-डैक, एनआईसी जैसी प्रतिष्ठित आईटी संस्थाओं की स्थापना हुई. जिनके माध्यम से देश के युवा सॉफ्टवेयर डवलपमेंट, एडवांस कम्प्यूटिंग और नेटवर्किंग आदि क्षेत्रों में दुनियाभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं.
गहलोत का मोदी सरकार पर हमला : दल-बदल राजनीति को लेकर सीएम गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला. गहलोत ने कहा कि देश में ऐसी सरकार सत्ता में बैठी है, जिसे अपनी आलोचना ही बर्दाश्त नहीं है. सरकार की आलोचना करने वाले को देशद्रोही मान लिया जाता है, जबकि लोकतंत्र में आलोचना और असहमति का सम्मान होना चाहिए. केंद्र की सरकार दल-बदल कानून की धज्जियां उड़ा रही है.
इतिहास को तोड़-मरोड़ना आसान : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी के फैसले देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाएंगे. कहना आसान है कि 70 सालों में कांग्रेस ने क्या किया, लेकिन उस दौरान हुए काम और लोकतंत्र की मजबूती के चलते ही वर्तमान में मोदी सरकार सत्ता में है, यह किसी को नहीं भूलना चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी आज होते तो देश का नक्शा ही कुछ और होता. उन्होंने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोगों का काम इतिहास को तोड़ना और मरोड़ना है. इतिहास को तोड़ना और मरोड़ना आसान काम होता है, लेकिन बनाना मुश्किल होता है.
दल-बदल कानून लाए : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पहले देश में 'आया राम गया राम' की परंपरा थी. आया राम, गया राम की परंपरा को बदलने के लिए कांग्रेसी सरकार दल-बदल कानून लेकर आई, लेकिन आज भी कुछ लोग हैं जो इस कानून की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं. शासन करने वालों ने अब इसका नया तरीका निकाल लिया है. विधायकों के इस्तीफा दिलवा दीजिए और फिर विधायकों को वापस खड़ा करवा दीजिए और धनबल के आधार पर चुनाव जीत कर आ जाएंगे. आज देश में चुनी हुई सरकारें बदली जा रही हैं. देश कैसे हालातों में चल रहा है, यह आज की पीढ़ी को समझना होगा.
नई पीढ़ी को इतिहास पढ़ना चाहिए : सीएम गहलोत ने कहा कि आज देश किन हालातों में गुजर रहा है, नई पीढ़ी को और हम सबको इसे समझना पड़ेगा. यह तब समझेंगे जब हम इतिहास का अध्ययन करेंगे, चाहे वे आजादी के आंदोलन का इतिहास हो या फिर उसके बाद का. इतिहास हो तब जाकर हम अपना खुद का इतिहास बना पाएंगे. इतिहास वही बना पाते हैं जो खुद इतिहास का अध्ययन करते हैं.
18 साल के युवाओं को मिला वोटिंग का अधिकार : मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सोच थी कि लोकतंत्र मजबूत रहना चाहिए. देश का भविष्य उज्जवल हो, युवाओं को राजनीति में भागीदारी मिले, इसके लिए उन्होंने 18 साल के युवाओं को वोटिंग का अधिकार दिया. एससी-एसटी, ओबीसी, माइनॉरिटी को पंचायतों में आरक्षण दिया, जिससे इन जातियों के लोग सरपंच, मेयर और सभापति बनें.