जयपुर. निकाय से फ्री होल्ड पट्टे के लिए राज्य सरकार ने छूट का दायरा और बढ़ा दिया है. अब पहले के बकाया पुनर्ग्रहण शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट दी गई है. और तो और फ्री-होल्ड पट्टा प्राप्त करने की तारीख से 3 साल तक पुनर्ग्रहण शुल्क भी नहीं देना होगा.
प्रदेश के नगरीय निकायों में अकृषि भूमि का हस्तांतरण, सरेंडर या फ्री होल्ड पट्टा जारी करने के लिए बीते दिनों दरों का निर्धारण किया गया था. साथ ही प्राधिकरण और न्यास क्षेत्र में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से बनाए गए नियम लागू होने के निर्देश भी दिए गए थे. बावजूद प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shahron Ke Sang Abhiyan) को रफ्तार नहीं मिल पा रही है.
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प्रदेश में अब तक महज 1 लाख 35 हजार पट्टे ही बांटे जा सके हैं. जबकि 1 लाख पट्टे देने का लक्ष्य अभियान के पहले दिन ही रखा गया था. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार लगातार छूट दे रही है, ताकि लोगों को पट्टा लेने में आसानी रहे. इस क्रम में अब राजस्थान नगर सुधार न्यास (नगरीय भूमि निस्तारण) नियम, 1974, राजस्थान नगरीय क्षेत्र (कृषि भूमि का गैर कृषिक प्रयोजन के लिए उपयोग की अनुज्ञा और आवंटन) नियम, 2012 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021 के लिए जनहित में लीज होल्ड से फ्री होल्ड पट्टे को लेकर छूट प्रदान की है.
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निकाय से फ्री होल्ड पट्टे के लिए राज्य सरकार ने छूट का दायरा और बढ़ा दिया है. अब पहले के बकाया रिकवरी फीस में 75 प्रतिशत की छूट दी गई है. और तो और फ्री-होल्ड पट्टा प्राप्त करने की तारीख से 3 साल तक रिकवरी फीस भी नहीं देनी होगी.
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इससे पहले राजस्थान नगर पालिका (अकृषि भूमि का सरेंडर या फ्री होल्ड पट्टा) नियम, 2015 (2021 में संशोधित) में दरों का निर्धारण भी किया गया था.