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ग्रेटर नगर निगम के 28 करोड़ के 74 कार्य किए निरस्त

ग्रेटर नगर निगम की राजस्व की स्थिति को देखते हुए आयुक्त यज्ञ मित्र सिंहदेव ने 28 करोड़ के 74 कार्य निरस्त कर दिए हैं. इनमें 17.96 करोड़ रुपए के 42 कार्यों की स्वीकृति जयपुर नगर निगम ने दी थी. इनकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी गई थी. हालांकि, कार्य आदेश नहीं हुए थे. वहीं, 9.96 करोड़ के 32 कार्यों के दो कार्य आदेश भी जारी हो गए थे.

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Published : Jan 13, 2021, 1:51 PM IST

Greater Municipal Corporation Jaipur, जयपुर ग्रेटर नगर निगम
ग्रेटर नगर निगम के 28 करोड़ के कार्य निरस्त

जयपुर. ग्रेटर नगर निगम की राजस्व की स्थिति को देखते हुए आयुक्त यज्ञ मित्र सिंहदेव ने 28 करोड़ के 74 कार्य निरस्त कर दिए हैं. इनमें 17.96 करोड़ रुपए के 42 कार्यों की स्वीकृति जयपुर नगर निगम ने दी थी. इनकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी गई थी. हालांकि, कार्य आदेश नहीं हुए थे.

बताया जा रहा है कि निगम में आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए पहली बार विकास कार्यों को रोकने के आदेश जारी किए गए हैं. आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी पत्र में लिखा है कि जयपुर नगर निगम दो भागों में बांटने से जोन और वार्डों का सीमांकन अलग हुआ. ऐसे में स्वीकृति भी अलग-अलग जारी करनी जरूरी है. साथ ही नगर निगम की वर्तमान आर्थिक स्थिति का भी आदेश में जिक्र किया गया, जिसके तहत करीब 28 करोड़ के 74 कार्य निरस्त कर दिए गए. इनमें 17.6 करोड़ के 42 कार्यों की स्वीकृति निगम ने दी थी. इनकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई थी. हालांकि, कार्यादेश जारी नहीं हुए थे.

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वहीं, 9.96 करोड़ रुपए के 32 कार्य के तो कार्यादेश भी जारी हो गए थे. हालांकि, काम शुरू होना बाकी था. इन सभी कार्यों को निरस्त करने के आदेश दिए हैं. बता दें, ग्रेटर नगर निगम में राजस्व की वसूली नहीं हो पा रही है. ठेकेदारों का 180 करोड़ रुपए बकाया है. भुगतान नहीं मिलने के कारण वो हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं, निगम की आर्थिक स्थिति को देखते हुए महापौर ने भी सरकार को पत्र लिख आर्थिक सहयोग मांगा था.

जयपुर. ग्रेटर नगर निगम की राजस्व की स्थिति को देखते हुए आयुक्त यज्ञ मित्र सिंहदेव ने 28 करोड़ के 74 कार्य निरस्त कर दिए हैं. इनमें 17.96 करोड़ रुपए के 42 कार्यों की स्वीकृति जयपुर नगर निगम ने दी थी. इनकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी गई थी. हालांकि, कार्य आदेश नहीं हुए थे.

बताया जा रहा है कि निगम में आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए पहली बार विकास कार्यों को रोकने के आदेश जारी किए गए हैं. आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी पत्र में लिखा है कि जयपुर नगर निगम दो भागों में बांटने से जोन और वार्डों का सीमांकन अलग हुआ. ऐसे में स्वीकृति भी अलग-अलग जारी करनी जरूरी है. साथ ही नगर निगम की वर्तमान आर्थिक स्थिति का भी आदेश में जिक्र किया गया, जिसके तहत करीब 28 करोड़ के 74 कार्य निरस्त कर दिए गए. इनमें 17.6 करोड़ के 42 कार्यों की स्वीकृति निगम ने दी थी. इनकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई थी. हालांकि, कार्यादेश जारी नहीं हुए थे.

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वहीं, 9.96 करोड़ रुपए के 32 कार्य के तो कार्यादेश भी जारी हो गए थे. हालांकि, काम शुरू होना बाकी था. इन सभी कार्यों को निरस्त करने के आदेश दिए हैं. बता दें, ग्रेटर नगर निगम में राजस्व की वसूली नहीं हो पा रही है. ठेकेदारों का 180 करोड़ रुपए बकाया है. भुगतान नहीं मिलने के कारण वो हड़ताल पर चले गए हैं. वहीं, निगम की आर्थिक स्थिति को देखते हुए महापौर ने भी सरकार को पत्र लिख आर्थिक सहयोग मांगा था.

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