जयपुर. प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था काफी लचर नजर आने लगी है और इसका जिक्र मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में भी हुआ. जब खुद एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने स्वीकार कर लिया कि, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 91 हजार 150 पद खाली हैं. बाकायदा आंकड़ों के साथ उन्होंने सदन में बताया कि, किस पद पर कितनी रिक्तियां हैं. वहीं, डोटासरा ने बताया कि 2 अगस्त को 31 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पद भरने के लिए रीट की एग्जाम कराना प्रस्तावित है.
डोटासरा ने बताया ये पद हैं रिक्त...
- प्रधानाचार्य के 10847 स्वीकृत पदों में से 685 पद रिक्त
- प्रधानाध्यापक और समकक्ष के 3650 स्वीकृत पदों में से 967 पद रिक्त
- व्याख्याता स्कूल शिक्षा और समकक्ष के 52,699 पदों में से 10,665 पद रिक्त
- शारीरिक शिक्षा ब्रेड प्रथम के 265 में से 229 पद रिक्त
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कोच और समकक्ष के 40 में से 13 पद रिक्त...
- अध्यापक श्रेणी द्वितीय/वरिष्ठ अध्यापक के 91,150 में से 21775 पद रिक्त
- शारीरिक शिक्षक सेकंड ग्रेड के 3374 में से 654 पद रिक्त
- द्वितीय श्रेणी अध्यापक लेवल 1 और समकक्ष के 1 लाख 62 हजार 451 स्वीकृत पदों में से 17 हजार 966 पद रिक्त
- तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल 2 के 1 लाख 5 हजार 130 स्वीकृत पदों में से 13 हजार 527 पद रिक्त
- शारीरिक शिक्षक ग्रेड थर्ड के 19,639 में से 4232 पद रिक्त
- प्रदेश में कुल 4 लाख 49 हजार 245 स्वीकृत पद में से 70 हजार 993 पद रिक्त
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इस दौरान स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने आसन से ही पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि इंग्लिश और गणित विषय के द्वितीय श्रेणी के शिक्षकों के खाली चल रहे पदों का हवाला देते हुए कहा कि, इससे ग्रामीण इलाकों में 10वीं की बोर्ड एग्जाम में अधिकतर बच्चे इन्हीं विषयों में फेल हो गए, यह पद आखिर कब तक भरे जाएंगे. जिस पर डोटासरा ने कहा कि,आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले डीपीसी या आरपीएससी में प्रक्रिया अधीन भर्ती परीक्षा के जरिए भर लिया जाएगा.
हालांकि, यह विषय प्रश्नकाल में उठा लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेऔर देवनानी ने आरोप लगाया कि मौजूदा शिक्षा मंत्री जो भर्तियों की बात कर रहे हैं वह तमाम भर्तियां पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में निकाली गई थी, जो तब कानूनी पेच दगियों में प्रक्रियाधीन रह गई थी. जबकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नई भर्ती के नाम पर कुछ नहीं हुआ.