जयपुर. राजधानी की मानसरोवर थाना पुलिस और साइबर सेल ने एक महिला पर फायरिंग कर जान से मारने का प्रयास करने वाली अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के सरगना राजवीर सिंह सहित 6 अपराधियों को गिरफ्तार किया है.
दरअसल, मानसरोवर क्षेत्र के उदयनगर में एक अज्ञात बदमाश ने दिनदहाड़े घर मे घुसकर महिला संतोष अग्रवाल को गोली मारकर हत्या करने का प्रयास किया गया था. गनीमत रही कि निशाना चूक गया और गोली महिला के पैर में लगी, जिससे वो घायल हो गई. महिला के पति अश्वनी अग्रवाल ने इसको लेकर मानसरोवर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई. इस पर पुलिस ने एक संयुक्त टीम का गठन कर घर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिस पर पुलिस को अंतर्राज्यीय अपराधी राजवीर सिंह के गिरोह द्वारा वारदात को अंजाम देना का मामला सामने आया था.
इसके आधार पर पुलिस टीम द्वारा अंतर्राज्यीय अपराधी गिरोह के सरगना राजवीर सिंह सहित उसके अन्य साथी सुरेश धानका, पंकज जयपाल उर्फ फौजी, विनोद कुमार, अमित मूंदड़ा और विजय जाजुन्दा को अलग-अलग जगहों से हिरासत में लेकर गिरफ्तार किया गया. जहां आरोपी राजवीर सिंह के कब्जे से 4 कारतूस मय 1 पिस्टल पुलिस ने बरामद की. हालांकि बदमाश पंकज द्वारा जिस हथियार से संतोष अग्रवाल को गोली मारकर हत्या करने का प्रयास किया गया था, उसकी बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं.
बता दें कि 22 नवंबर 2005 को शंकर अग्रवाल का अपहरण कर उसकी गोली मारकर हत्या की गई थी. शंकर अग्रवाल उर्फ शंकर सेठ का मर्डर उसके सगे साले अश्विनी अग्रवाल ने हरियाणा की राजवीर गैंग को 10 लाख रुपये की सुपारी देकर करवाया था. जिसके बाद अश्वनी अग्रवाल ने अमन जाट और राजवीर सिंह की गैंग को सुपारी की रकम का भुगतान नहीं किया. भुगतान के बदले उसने गैंग के सदस्यों को 1300 वर्गगज का प्लॉट दिया था, जो बाद में विवादित निकला. राजवीर सिंह और गैंग के अन्य सदस्यों ने अश्विनी अग्रवाल पर सुपारी की रकम देने का दबाव बनाया और 10 लाख की रकम को ब्याज और अन्य बढ़ोतरी को देखते हुए एक करोड़ देने की बात कही.
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जिसकी रंजिश के चलते गैंग के बदमाश सुरेश धानका और पंकज ने अश्वनी अग्रवाल को जान से मारने के लिए घर की रैकी की और पहचान के बाद 23 अक्टूबर को घर मे घुसकर अश्वनी अग्रवाल के बारे में पूछा. लेकिन तब अश्वनी अग्रवाल घर पर नहीं था और उसकी पत्नी संतोष अग्रवाल थी. ऐसे में अश्वनी के नहीं मिलने की खुन्नस में बदमाशों ने उसके पत्नी संतोष को मारने के लिए उसपर फायर कर दिया, जिसके प्रकरण में पुलिस ने राजवीर की गैंग का पर्दाफाश किया. बता दें कि हत्या, हत्या का प्रयास, मारपीट, लूट, पैरोल से फरार और अवैध हथियार संबधित राजवीर के खिलाफ 09 प्रकरण, पंकज उर्फ फौजी पर 17 प्रकरण, सुरेश धानका पर 2 मामले, विनोद और अमित पर 1-1 प्रकरण और विजय के खिलाफ 1 प्रकरण दर्ज हैं.