जयपुर. जिले में टिड्डियों का जो हमला हुआ है, वह कोरोना महामारी से कम नहीं है. टिड्डियों के हमले को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से फेल रहा है और टिड्डियां एक तहसील से दूसरे तहसील में घूम रही हैं. किसानों को चिंता है कि यदि टिड्डियों ने अंडे दे दिए हैं तो भविष्य में और संकट आने वाला है और किसानों की पूरी फसलें चौपट हो जाएंगी.
किसान छोगालाल सैनी ने बताया कि टिड्डियों का हमला खतरनाक है, यह फसलों को तो क्या पेड़ों को भी चट कर जाती हैंं. राजस्थान में पिछले 6 महीने से लगातार टिड्डियों के हमले हो रहे हैं. जबकि सरकार इन हमलों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. उन्होंने कहा कि यदि टिड्डियों ने अंडे दे दिए तो भविष्य में होने वाली किसानों की फसलों को बड़ा नुकसान होगा और किसान के पास कुछ भी नहीं बचेगा. छोगालाल सैनी ने बताया कि जयपुर जिले की बात की जाए तो यहां 40 से 50 प्रतिशत फसलों को नुकसान हुआ है.
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किसान कालूराम बागड़ा ने बताया कि पशुओं के लिए रंजका उगाया था, उसमें टिड्डियों ने नुकसान किया है. इसके अलावा बाजरा, मूंगफली की फसल में टिड्डियों के हमले से नुकसान हुआ. सब्जी की फसल तो टिड्डियों ने पूरी तरह से ही खत्म कर दी है. नई फसल को भी नुकसान पहुंचाया है. बागड़ा ने अंदेशा जताया है कि यदि बरसात हुई तो इन अंडों के कारण टिड्डियों की संख्या बढ़ जाएगी और उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने मांग की, कि सरकार को जन सहयोग से एक बड़ा अभियान चलाना चाहिए ताकि टिड्डियों को कंट्रोल में किया जा सके.
बागड़ा ने कहा कि जयपुर जिले में टिड्डियों का तीन बार हमला हो चुका है और सरकार महज औपचारिकता ही निभा रही है. सरकार का अमला आने से पहले ही टिड्डियां रवाना हो जाती हैं. किसान भी अपने स्तर पर टिड्डियों को भगाने के लिए प्रयास करता है, लेकिन वह नाकाफी है. उन्होंने कहा कि यदि लॉकडाउन नहीं होता तो किसान जरूर इसके लिए आंदोलन करते.
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भारतीय किसान संघ के प्रचार प्रमुख राजीव दीक्षित ने बताया कि जयपुर में किसानों ने मूंग और मूंगफली की फसल बोई थी, लेकिन टिड्डियों के हमले ने इन फसलों की बिजाई को खत्म कर दिया. उन्होंने कहा कि काफी समय बाद टिड्डियों का दल जयपुर जिले तक पहुंचा है. नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर में सरकार टिड्डियों को रोकने में असफल रही, जिसके कारण यह जयपुर जिले तक पहुंच गई.
उन्होंने कहा टिड्डियां जो अंडे देती हैं वह 5 से 8 दिन में व्यस्क रूप ले लेते हैं और उड़ने और फसल खाने के लिए तैयार हो जाते हैं. टिड्डियों को हमले में सरकार नाकाम रही, जिसके कारण वह यूपी तक पहुंच गए. दीक्षित ने कहा कि यदि टिड्डियों ने अंडे दे दिए हैं तो नमी के कारण वे वयस्क रूप ले लेंगे और 2020 में किसानों की हालत और भी खराब होने वाली है. इसलिए सरकार को इन टिड्डियों के हमले को खत्म करने के लिए एक सघन अभियान चलाना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि जयपुर जिले का किसान सब्जियों की फसल पर ज्यादा निर्भर है और टिड्डियों के हमले में सब्जियों की फसल में 40 से 50 फीसदी का खराबा हुआ है. उन्होंने कहा कि फिलहाल कोरोना के कारण लॉकडाउन चल रहा है और देखते हैं कि आने वाले समय में सरकार नुकसान का आकलन किस तरह से करती है. टिड्डियों को खत्म करने के लिए किसान के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है.
भारतीय किसान संघ के सांवरमल ने बताया कि इससे पहले बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर में भी टिड्डियों का हमला हो चुका है. वहां किसानों की हजारों हेक्टेयर फसल टिड्डियों ने खराब कर दी और किसान बर्बाद हो गए. वहां सरकार की पूरी मशीनरी फेल हो गई.