जयपुर. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लगातार तेज होते असर के बीच सरकार ने 3 मई तक जन अनुशासन पखवाड़ा का ऐलान किया है. इसमें शिक्षण संस्थाओं को बंद रखा गया है. इसके तहत राजस्थान विश्वविद्यालय ने भी राज्य सरकार की नई गाइडलाइन के बाद स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से करवाने का फरमान जारी कर दिया है. लेकिन राजस्थान विश्वविद्यालय के ऑनलाइन सिस्टम का हाल चिंताजनक है.
बता दें कि बीते एक साल में ऑनलाइन पोर्टल पर महज 50 ई-लेक्चर ही अपलोड किए गए हैं. खास बात यह है कि राजस्थान विश्वविद्यालय में करीब 27 हजार विद्यार्थी हैं और ऑनलाइन पोर्टल पर महज 3 हजार सब्सक्राइबर ही हैं.ऐसे हालात में विद्यार्थी घर बैठकर कैसे पढ़ाई कर पाएंगे.
यह बड़ा सवाल है, ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कुलसचिव केएम दूड़िया ने सभी विभागाध्यक्षों और संघटक कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर ऑनलाइन क्लासेज से पढ़ाई करवाने को कहा है. जबकि जरूरत के हिसाब से गेस्ट फैकल्टी लगाने की बात भी कही गई है.
इसके अलावा पोर्टल पर पर्याप्त वीडियो नहीं होने के कारण लॉकडाउन में भी विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई जूम, गूगल मीट जैसी अन्य तकनीक के भरोसे थी. अब एक बार फिर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ऐसी ही तकनीक के भरोसे अपनी पढ़ाई जारी रखनी पड़ेगी.