जयपुर. जवाहर कला केन्द्र (JKK) एवं तारामणि फाउंडेशन, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में 5 दिवसीय 'जयपुर थिएटर फेस्ट' (Jaipur Theater Festival 2022) का आगाज सोमवार को जवाहर कला केंद्र में हुआ. ये थिएटर फेस्टिवल का पहला संस्करण है, जो कि 29 अप्रैल तक आयोजित होगा. फेस्टिवल के दौरान जयपुरवासियों को देश भर के कुछ बेहतरीन नाटकों को देखने और खुद को रोमांचित करने का अवसर प्राप्त होगा.
सावित्री मेधातुल द्वारा नाटक 'संगीत बारी': जेकेके के रंगायन में काली बिल्ली प्रोडक्शन के 'संगीत-बारी' नाटक के मंचन के साथ जयपुर थियेटर फेस्टिवल का आगाज हुआ. मुंबई का बहु प्रचलित नाटक 'संगीत-बारी' जो की पारंपरिक लावणी कलाकारों की कहानियों और उनके प्रदर्शन के जादू को साझा करने वाला एक अद्वितीय नाटक है. नाटक का निर्देशन सावित्री मेधातुल ने और भूषण कोरगांवकर ने लिखा है. ये हिंदी-मराठी नाटक इस बात पर केंद्रित था कि कैसे लावणी दर्शकों के साथ कलाकारों के बीच सीधे संवाद को शामिल कर सकते हैं.
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कलाकार ने अपने गायन, 'अभिनय' और नृत्य के माध्यम से दर्शकों के साथ संवाद किया. लावणी की समृद्ध विरासत धीरे-धीरे मर रही है और जल्द ही पूरी तरह से भुला दी जाएगी. ज्यादातर महिलाएं, जो संगीत बारी कला केंद्रों (पारंपरिक लावणी थिएटर) में नृत्य करना शुरू करती हैं, वे भाटू कोल्हाटी, डोंबरी और कलवात जैसी खानाबदोश जनजातियों से संबंध रखती हैं. इन समुदायों की महिलाएं सदियों से लावणी करती आ रही हैं. लड़कियों को बहुत कम उम्र में 'घुंघरू' बांधकर इस पेशे में लाया जाता है और इसके बाद उन्हें शादी करने की इजाजत नहीं दी जाती.
उनसे एक ऐसे व्यक्ति के संरक्षण में रहने की उम्मीद की जाती है जिसे वे मलक (पति) कहती हैं. उस आदमी से उनकी सभी जरूरतों का ख्याल रखने की उम्मीद की जाती है. लेकिन ज्यादातर मामलों में ये संरक्षण बस नाम का होता है और महिलाओं को खुद की देखभाल स्वयं करने के लिए छोड़ दिया जाता है. नाटक में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में पुष्पा सत्तारकर, आकांक्षा कदम, लताबाई वायकर, चंद्रकांत लाखे, विनायक जवाले, सुमित कुदलकर, सावित्री, भूषण और शकुंतलाबाई नागरकर शामिल थे.
महमूद अली द्वारा ’मुगल बच्चा’ नाटक: एक और शानदार नाटक 'मुगल बच्चा' का मंचन किया गया, जिसका निर्देशन और प्रदर्शन जयपुर के एक वरिष्ठ थिएटर कलाकार महमूद अली ने किया. इस नाटक की कहानी इस बारे में है कि कैसे शक्तिशाली शासकों की पत्नियों को अपने पतियों के अहंकार और असफलता का बोझ उठाना पड़ता है. नाटक में केंद्रीय पात्र एक विवाहित जोड़ा, काले मियां और गोरी बी थे. काले मियां सख्त आदेश के रूप में चाहते हैं कि गोरी बी अपनी शादी की रात खुद अपना घूंघट उठाएं. दोनों किरदारों को खुद महमूद अली ने रूपांतरित और निभाया है. कहानी एक पुरुष प्रधान समाज में फंसी एक महिला की दुर्दशा को बयां करती है. नाटक पुरुषों के तुच्छ स्वभाव और अपनी पत्नियों के प्रति उनके अहंकार के बारे में भी था. मंच संचालन दधीचि पटेल ने किया. नाटककार इस्मत चुगताई थे. लाइट्स को गगन मिश्रा ने डिजाइन किया था और मेकअप एंड हेयर चित्रांशी ने किया था.
26 अप्रैल के कार्यक्रम: फेस्टिवल के दूसरे दिन यानी आज मंगलवार 26 अप्रैल को मुंबई की अदाकारा उल्का मयूर पूरी नाटक 'कास्ट ऑफ ऑल शेम' की प्रस्तुति करेंगी. भावपूर्ण कविताओं और कहानियों से युक्त ये नाटक सभी के लिए एक मनोरंजक, आकर्षक और सशक्त अनुभव साबित होगा. ये नाटक जेकेके के कृष्णायन में दोपहर 2.30 बजे और शाम 5.30 बजे होगा. वहीं 26 अप्रेल की दूसरी प्रस्तुति भोपाल अथवा भारत के दिग्गज़ रंगकर्मी आलोक चैटर्जी की होगी जो की अपना नाटक ’ऐसा ही होता है’ पेश करेंगे. ये नाटक रंगमंच की दुनिया में उनकी यात्रा पर आधारित है. आलोक चैटर्जी ने स्वयं के जीवन की यात्रा, एक थिएटर कलाकार के जीवन को ठीक उसी समय से चित्रित किया है जब उन्होंने थिएटर को करियर के रूप में लेने का फैसला किया था. ये प्रस्तुति जेकेके के रंगायन में शाम 7 बजे होगी. दोनों नाटक की प्रस्तुती देखने के लिए एंट्री टिकट से होगी.
कलासंबंधी टॉक शो के एक भाग के रूप में- जेकेके के कृष्णायन में सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक 'पैट्रॉन ऑफ आर्टिस्ट एन ऑडियंस ऑर कस्टमर?' विषय पर 'संगीत बारी' से सावित्री मेधातुल और भूषण चर्चा करेंगे. इसी तरह, रणवीर सिंह, अभिषेक गोस्वामी, महमूद अली और योगेंद्र परमार 'सर्वाइविंग द हार्डशिप्स ऑफ थिएटर' विषय पर कृष्णयान में दोपहर 12 बजे से दोपहर 1 बजे तक चर्चा करेंगे. इन आयोजनों में प्रवेश निःशुल्क है.