जयपुर. कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर (Corona 2nd wave) के बाद प्रदेश में म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस (black fungus) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली. बीते कुछ दिनों में बच्चों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं. हालांकि, अब वयस्कों में ब्लैक फंगस के नए मामले देखने को नहीं मिल रहे हैं.
जयपुर के जेके लोन अस्पताल (JK Lone Hospital Jaipur) में एक बच्चे में ब्लैक फंगस (black fungus in children) का नया मामला देखने को मिला है. कोरोना के बाद प्रदेश में ब्लैक फंगस से बड़ी संख्या में मरीज संक्रमण के शिकार हुए. वहीं बीमारी बढ़ने के साथ ही कुछ मरीजों की मौत भी देखने को मिली. लेकिन अब बच्चों में यह फंगस तेजी से फैल रहा है, जो एक चिंता का विषय बनता जा रहा है.
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जेके लोन अस्पताल के पूर्व अधीक्षक और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक गुप्ता का कहना है कि बच्चों में यदि इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो और बच्चा कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आ चुका है तो ब्लैक फंगस फैलने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है.
अब तक प्रदेश में 5 बच्चों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी है. जिनमें चार मामले बीकानेर और एक जयपुर में दर्ज किया गया है. संक्रमित होने वाले सभी बच्चों की उम्र 15 साल से कम है. इसमें से एक मरीज की मौत भी हो चुकी है. इनमें से कुछ बच्चे दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित थे.
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पिछले 5 महीने की बात की जाए ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली. एक समय राजस्थान में हर दिन 25 से 30 ब्लैक फंगस के मामले देखने को मिल रहे थे. आंकड़ों की बात की जाए तो प्रदेश में अब तक 3000 से अधिक ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज चिंहित किए जा चुके हैं. जबकि 167 मरीजों की मौत बीमारी से हो चुकी है. फंगस के बढ़ते मामलों के बाद सरकार ने इसे नोटिफाइड डिजीज घोषित किया था और निशुल्क इलाज की घोषणा भी की थी.