जयपुर. प्रदेश में बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है. गहलोत सरकार (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) पंचायती राज विभाग में कनिष्ठ लिपिक-2013 की भर्ती को पूरा करने के लिए प्रथम चरण में 4 हजार पदों के लिए भर्ती निकालेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गांव-ढाणी तक विकास कार्यों को मूर्त रूप देने और योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने में पंचायती राज विभाग की अहम भूमिका है. राज्य सरकार निरंतर फैसले लेकर प्रदेश में पंचायती राज को सशक्त बना रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department Rajasthan) में कनिष्ठ लिपिक-2013 की भर्ती को चरण बद्ध रूप से पूरा करें. प्रथम चरण में 4 हजार पदों तथा शेष पदों पर अगले चरण में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए.
सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंस से पंचायतीराज विभाग की योजनाओं एवं बजट घोषणाओं के प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी राज्य सरकार की गुड गवर्नेंस की मंशा के अनुरूप बजट घोषणाओं की लागू करने को तेज करके अंतिम छोर तक विकास का लाभ पहुंचाने को सुनिश्चित करें. राज्य सरकार ने गांवों के विकास को गति प्रदान करने के लिए 57 नई पंचायत समितियों और 1456 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया है.
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इन नई पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के लिए जहां पर कोई सरकारी भवन रिक्त या अनुपयोगी स्थिति में है तो उनका उपयोग किया जाए. जहां सरकारी भवन उपलब्ध नहीं हैं वहां नए भवनों का निर्माण भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाए. नव सृजित ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण ग्राम सचिवालय की अवधारणा को साकार करने के उद्देश्य से किया जाए.
पदोन्नति के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराएं
गहलोत ने कहा कि पंचायती राज विभाग में विभिन्न रिक्त पदों पर (Panchayati Raj Department Rajasthan Vacancy) भर्तियों के काम को गति दी जाए. साथ ही ग्रामीण विकास राज्य सेवा और अधीनस्थ सेवा कैडर में पदोन्नति के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराए जाएं. उन्होंने निर्देश दिए कि जो भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं, उनमें परीक्षा और परिणाम जारी करने की प्रक्रिया जल्द पूरी करके अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी जाए.
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15वें वित्त आयोग तथा राज्य वित्त आयोग के तहत होने वाले विकास कार्यों एवं योजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने का प्रयास किया जाए ताकि लोगों को इनका समुचित लाभ समय पर मिल सके. गांवों के संपूर्ण और समुचित विकास के लिए मास्टर प्लान बनाने की बजट घोषणा को जल्द से जल्द धरातल पर उतारा जाए. मास्टर प्लान भावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार करें. इसके लिए पटवारी एवं अन्य कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जाए.