जयपुर. कोरोना के कारण प्रदेश में बीते 8 महीने से अंगदान की प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया था, लेकिन 8 महीने बाद सवाई मानसिंह अस्पताल में एक बार फिर से अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके तहत गुरुवार को ब्रेन डेड 15 वर्षीय अंकित सैनी ने मरणोपरांत भी 4 लोगों को अपने अंगों द्वारा नया जीवनदान दिया है.
स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (SOTTO) के नोडल ऑफिसर डॉक्टर मनीष शर्मा ने बताया कि बीते कुछ समय से कोरोना के चलते अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया एकाएक रुक गई थी, लेकिन सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रदेश का 38वां अंग प्रत्यारोपण किया गया है. उन्होंने बताया कि टोंक निवासी 15 वर्षीय अंकित सैनी का एक सड़क दुर्घटना में ब्रेन डेड हो गया था. इसके बाद परिजनों ने अंकित के अंग दान करने पर सहमति प्रदान की और सवाई मानसिंह अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण किया गया.
इसके तहत अंकित का दिल दिल्ली के एक निजी अस्पताल में प्रत्यारोपित किया गया, तो वहीं लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट सवाई मानसिंह अस्पताल में किया गया. ऐसे में एक बार फिर से कोरोना के कारण बीते कुछ समय से बंद हो चुके अंगदान और अंग प्रत्यारोपण का काम शुरू हो गया.
दरअसल, बीते 8 महीने में 21 मरीजों को ब्रेन डेड घोषित किया जा चुका है, लेकिन कोरोना के कारण ना तो अंगदान हो सका और ना ही किसी जरूरतमंद मरीज को अंग प्रत्यारोपित हो सके. ऐसे में लंबे समय के बाद 15 वर्षीय अंकित के ब्रेन डेड होने के बाद उसके अंग किसी जरूरतमंद मरीज को प्रत्यारोपित किए गए हैं.