जयपुर. प्रदेश में मौजूदा समय में कोरोना से हालात बिगड़ने लगे हैं. ऐसे में जिन जिलों में सबसे अधिक पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. वहां के निजी अस्पतालों में 30 प्रतिशत बेड कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के लिए रिजर्व रखने के निर्देश राज्य सरकार ने जारी किए हैं.
मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि कोविड संक्रमित मरीजों का उपचार करना सरकार की प्राथमिकता है. इसीलिए जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और कोटा संभागीय मुख्यालयों पर स्थित 80 बेडों वाले निजी अस्पतालों को 30 प्रतिशत बैड कोविड केयर के लिए रिजर्व रखने के निर्देश दिए हैं. यही नहीं अजमेर और बीकानेर के 60 बेडों वाले निजी चिकित्सालयों में भी 30 फीसद बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे.
चिकित्सा मंत्री शर्मा ने प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालयों को सरकार की ओर से निर्धारित दरों पर कोविड संक्रमितों का उपचार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि कोरोना वायरस से लड़ने में निजी संस्थान अच्छी भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन कुछ संस्थान कोविड मरीजों के लिए संवदेनशील नहीं है. सभी निजी चिकित्सालयों को निर्धारित दरों पर उपचार करना अनिवार्य है.
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि महामारी अध्यादेश के अनुसार कोविड के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए निजी चिकित्सालयों को भी अलग से कोविड वार्ड बनाना अनिवार्य है. उन्होंने कहा प्रदेश के विभिन्न निजी चिकित्सा संस्थानों में बिना लक्षणों के कोविड संक्रमित मरीज एडमिट हैं. ऐसे मरीज जो ठीक या रिकवर हो रहे हैं, उन्हें अस्पतालों में न रखकर उन्हें कोविड केयर सेटर या होम क्वॉरेंटाइन किया जाए, ताकि मरीजों को अस्पताल में बेड उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि इस बारे में सभी संभागीय मुख्यालय के चिकित्सा संस्थानों और जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए जा चुके हैं.
ये पढ़ें: राजस्थान में पुलिस का राजनीतिकरण, पार्टीकरण और कांग्रेसीकरण हो गया है: राजेंद्र राठौड़
वहीं डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकार कोविड को लेकर पूरी तरह संवेदनशील और सतर्क है. लेकिन आमजन को भी कोविड के प्रति लापरवाही छोड़कर सतर्कता अपनानी होगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अभी लापरवाही बरतकर कोविड को हल्के में ले रहे हैं. कोविड का अभी न कोई वैक्सीन आया है और न ही कोई दवा ईजाद हुई है. इसे मास्क लगाकर और हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना करके ही हराया जा सकता है.