जयपुर. बेरोजगारों के लिए भर्ती, संविदा कर्मचारियों और पंचायत सहायकों के नियमितीकरण का वादा प्रदेश की गहलोत सरकार के लिए गले की फांस बन गया है. सरकार ने भले ही इन समस्याओं को हल करने के लिए अलग-अलग कमेटी बनाई हो, लेकिन कमेटी अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है. जिसकी वजह से बेरोजगार, संविदा कर्मचारी और पंचायत सहायक सरकार से नाराज चल रहे हैं. अब प्रदेश के 27,000 पंचायत सहायकों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ हुंकार भरी है. ये कांग्रेस को चुनाव से पहले किए गए वादे को याद दिलाने के लिए 25 अक्टूबर से राजधानी जयपुर में अनशन शुरू करेंगे.
जयपुर में अनिश्चितकालीन धरना
प्रदेशभर के 27 हजार पंचायत सरकार को नियमितिकरण का वादा याद दिलवाने के लिए जयपुर में अनिश्चितकालीन धरना देंगे. सरकार फिर भी उनकी मांगों को नहीं मानती है तो यह धरना अनशन में बदल जाएगा. पंचायत सहायक संघ के मीडिया प्रभारी पूरणसिंह काबावत आकोली ने जानकारी देते हुए बताया कि पंचायत सहायकों को नियमितिकरण करने का वादा 2018 के घोषणा पत्र मे किया था. जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. इससे पंचायत सहायकों में रोष है. प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण जसरापर और प्रदेश संयोजक रामजीत पटेल के नेतृत्व में 25 अक्टूबर से अनशन करेंगे.
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नियमितीकरण तक 24 हजार रुपए मानदेय देने की रखी मांग
बता दें कि चुनावी घोषणा पत्र में किया गया नियमितीकरण का वादा याद दिलाने के लिए पंचायत सहायक आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि नियमित होने तक उनका मानदेय 24 हजार रुपए किया जाए. साथ ही एक विभाग के अधीन कर शिक्षा विभाग से मानदेय दिलवाने और नगर पालिका से प्रभावितों को फिर से ग्राम पंचायत में लगवाने की भी पंचायत सहायक मांग कर रहे हैं.