जयपुर. प्रदेश के तीनों डिस्कॉम्स से रविवार शाम तक बिजली कटौती को लेकर कोई समाचार नहीं है. विभाग की ओर से बिजली के उत्पादन से लेकर वितरण संबंधित सभी पक्षों की लगातार समीक्षा की जा रही है. राज्य के तापीय विद्युत गृहों के लिए शनिवार की रात को कोयले की 23 रैक रवाना (23 rakes of coal will reach thermal power stations) हुईं है. वहीं विद्युत उत्पादन निगम की तकनीकी कारणों से बंद छह इकाइयों में से कोटा की दो इकाइयां देर रात तक और एक इकाई से सोमवार सुबह तक विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा. यह जानकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम और एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने दी.
सीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में विद्युत तापगृहों के लिए आवश्यकतानुसार कोयले की रैक प्राप्त हो रही है. शनिवार-रविवार रात कोल इंडिया की एनसीएल से 4, एसईसीएल से 2 और रोड कम रेल मार्ग से 5 यानी कुल मिलाकर कोल इंडिया से कोयले की 11 रैक और कोल ब्लॉक से 12 रैक की आपूर्ति की गई है. इससे पहले प्रदेश में कोयले की 22 रैक आपूर्ति की गई थी. प्रदेश में पिछले दस दिनों में औसत 22.8 रैक कोयले की आपूर्ति मिली है. यही कारण है कि कोयले की कमी न होने से विद्युत उत्पादन निगम की एक भी इकाई बंद नहीं हुई है.
एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एनटीपीसी की दादरा इकाई से 179 मेगावाट बिजली की आपूर्ति कल से शुरू हो गई है. उन्होंने तीनों डिस्कॉम्स के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बच्चों की परीक्षाओं और खेती की आवश्यकताओं को देखते हुए बिजली की मांग व आपूर्ति का ध्यान रखते हुए आपूर्ति व्यवस्था सुचारु बनाए रखें. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा ने बताया कि उत्पादन निगम की निरंतर मॉनिटरिंग का ही परिणाम है कि तकनीकी टीम ने अथक प्रयासों से कोटा तापीय विद्युत गृह की 110 मेगावाट और 210 मेगावाट की इकाइयों में रविवार रात तक विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा.
छबड़ा सुपर क्रिटिकल तापीय विद्युतगृह की 660 मेगावाट की इकाई में सोमवार सुबह से विद्युत उत्पादन शुरु होने की संभावना है. सीएमडी आरके शर्मा नेे बताया कि कोटा की एक अन्य 195 मेगावाट यूनिट में मंगलवार तक विद्युत उत्पादन शुरु कराने में तकनीकी टीम जुटी हुई है. उन्होंने बताया कि विद्युत उत्पादन निगम की 17 में से केवल दो इकाइयों में तकनीकी कारण से उत्पादन आरंभ होने में अधिक समय लगेगा.