जयपुर. रिश्वत लेते हुए रंगे हांथों गिरफ्तार होने के मामले में एसीबी ने भैरूलाल मीणा और उनकी पत्नी के कुल चार बैंक खातों की जांच की. इस दौरान इन चारों बैंक खातों में 23 लाख रुपए अज्ञात स्त्रोत से जमा होना पाया गया है, जिसे लेकर अब एसीबी ने भैरूलाल मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करेगी.
वहीं इस मामले में एसीबी की ओर से की गई जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि रिश्वतखोर डीएसपी भैरूलाल मीणा सूदखोरी का काम भी किया करते थे. दो रुपए सैकड़ा ब्याज के हिसाब से लोगों को रुपए उधार दिया करते थे. इस संबंध में जांच के दौरान एसीबी को लेन-देन के अनेक कागज और हिसाब बरामद हुआ है. भैरूलाल मीणा ढाई साल तक एसीबी में पदस्थापित रहे. इस दौरान उन्होंने खुद भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया.
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भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं करने के लिए परिवहन विभाग और अन्य विभागों के अधिकारियों से भैरूलाल मीणा मीणा मासिक बंधी लेते थे. फिलहाल, इस पूरे मामले में एसीबी की जांच जारी है और आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्जकर भैरूलाल मीणा की अघोषित संपत्ति के बारे में पड़ताल की जाएगी.
जब पकड़े गए थे...
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस पर भाषण देने वाले डीएसपी को महज एक घंटे बाद ही घूस लेते हुए पकड़ा गया था. दरअसल, सवाई माधोपुर में स्थित एसीबी कार्यालय में अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार दिवस पर समारोह आयोजित किया गया था. इसमें डीएसपी मीणा बतौर मुख्य वक्ता मौजूद थे. वहां उन्होंने भाषण दिया, 'हमें पूरी ईमानदारी के साथ भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त करना है. केंद्र और राज्य सरकार का कोई भी कर्मचारी घूस मांगे तो इस नंबर...या हेल्पलाइन नंबर...पर किसी भी समय पर कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं.'