ETV Bharat / city

सरकार के 2 साल : सहकारिता विभाग की क्या रही उपलब्धि, कितना हुआ काम...ये है पूरा लेखा-जोखा

17 दिसंबर 2020 को राजस्थान की गहलोत सरकार के कार्यकाल का दूसरा साल पूरा होने जा रहा है. बीते 2 साल में किसानों से सीधे तौर पर जुड़े हुए सहकारिता विभाग में क्या रही खास उपलब्धि और कितना हुआ काम, देखिए ये रिपोर्ट...

Rajasthan Cooperative Department, 2 years of Gehlot government
सहकारिता विभाग का लेखा-जोखा
author img

By

Published : Dec 16, 2020, 11:04 PM IST

जयपुर. गहलोत सरकार के 2 साल का कार्यकाल 17 दिसंबर को पूरा हो रहा है और इस दूसरी वर्षगांठ पर हर विभाग अपनी-अपनी उपलब्धियां भी गिना रहा है. लेकिन बीते 2 साल में किसानों से सीधे तौर पर जुड़े हुए सहकारिता विभाग में क्या रही खास उपलब्धि और कितना हुआ काम, इस पर भी नजर डाल लें.

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से बातचीत-1

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना अपनी बड़ी उपलब्धि बायोमेट्रिक पद्धति से किसानों के पंजीयन और ऋण वितरण व फसली ऋण माफी को बताते हैं, लेकिन कुछ मामलों में विभाग की नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर भी फोड़ते हैं. सहकारिता विभाग में बीते 2 साल पर क्या खास उपलब्धियां रही और कौन-कौन से काम अब तक अधूरे रहे, इसका लेखा जोखा जानने के लिए ईटीवी भारत ने सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से खास बातचीत की.

बीते 2 साल में विभाग में जो महत्वपूर्ण काम किए वो इस प्रकार हैं...

  • सहकारी बैंकों के 20.85 लाख किसानों का 7726 करोड़ रुपए से अधिक का फसली ऋण माफ.
  • भाजपा सरकार की ऋण माफी के 6000 करोड़ भी मौजूदा गहलोत सरकार ने वहन किए.
  • किसानों को 15,000 करोड़ रुपए की ऋण माफी का लाभ दिया गया.
  • 29,262 किसानों के मध्यकालीन और दीर्घकालीन कृषि ऋण के 336.49 करोड़ रुपए का ऋण माफ किए गए.
  • सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन और वितरण योजना 2019 की शुरुआत की गई.
  • अब तक 27.86 लाख किसानों ने बायोमेट्रिक पद्धति से पंजीयन कराया.
  • 12 लाख 72 हजार नए किसानों को पहली बार फसली ऋण से जोड़ा गया.
  • नए किसानों को 2553.73 करोड़ रुपए का फसली ऋण प्रदान किया गया.
  • उत्तरदायित्व और पारदर्शी व्यवस्था के लिए राज सहकार पोर्टल बनाया गया.
  • 700 नए एटीएम लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई ताकि सहकारी बैंक आधुनिक तकनीक से लैस हो सके.
  • मोबाइल एटीएम वैन के माध्यम से डोर स्टेप पर बैंकिंग सुविधाओं की प्रक्रिया शुरू की गई.
  • बायोमेट्रिक सत्यापन से ऑनलाइन पंजीयन कर उपज खरीद की शुरुआत की गई.
  • खरीद केंद्रों की संख्या को 3 गुना मतलब 871 तक बढ़ाया गया जो कि पहले उपज खरीद के 250 से 300 केंद्र ही होते थे.
  • राजफैड द्वारा वेयरहाउस ई रिसिप्ट सेवा से किसानों को 3 से 4 दिन में भुगतान किए जाने की व्यवस्था की गई.
  • राजफैड द्वारा मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली, गेहूं, सरसों और चना के समर्थन मूल्य पर 25.84 लाख मीट्रिक टन की उपज खरीदी गई, जिसका मूल्य 11,760 करोड़ रुपए है.
  • महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष 2 अक्टूबर 2019 पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ई-मित्र की सुविधा से जोड़ा गया.
  • 386 गोदाम निर्माण की स्वीकृति जारी की गई.
  • सहकारी बैंकों में 715 रिक्त पदों पर भर्ती की गई.
  • 30 जिलों में 100 कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए 8 करोड़ की राशि दी गई.
  • 550 ग्राम सेवा और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को गौण मंडी घोषित किया गया.
  • उपज ऋण योजना में 11% के स्थान पर 3% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की पहल की गई.
  • लॉकडाउन में 326 वैन के जरिए लगभग 12 लाख परिवारों को उचित मूल्य पर खाद सामग्री उपलब्ध कराई गई.
  • अल्पकालीन फसली ऋण 2019-20 ठीक पुकारा अवधि 31 मार्च से 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई.
  • 5% ब्याज अनुदान योजना की अवधि को 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 किया गया.
  • अवधिपार ऋणी किसानों के लिए एक मुश्त समझौता योजना लागू की गई.
  • भूमि विकास बैंक द्वारा 50% ब्याज माफ किया गया.
  • 150 GSS गठन को स्वीकृति दी जा चुकी है. इन समितियों के गठन से 75 हजार से अधिक लोगों को सहकारी समितियों से जोड़ा जा चुका है.

यह तो वह उपलब्धियां है, जिसका बखान विभाग और मंत्री कर रहे हैं. विभाग के अधीन और भी कई काम है, जिसका भी लेखा-जोखा लेना बेहद जरूरी है. खासतौर पर सहकारी समितियों की गड़बड़ी और धोखाधड़ी की शिकायतों पर अब तक ज्यादा काम नहीं हो पाया. विभाग ने पहल करते हुए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए पोर्टल तो बनाया लेकिन मल्टी स्टेट को ऑपरेटिव सोसाइटी पर लगाम कसने में सहकारिता विभाग नाकाम ही रहा. हालांकि, इस मसले पर केंद्र सरकार के स्तर पर ही कानूनी रूप से कार्रवाई हो सकती है.

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से बातचीत-2

पढ़ें- गहलोत सरकार के दो साल के कार्यकाल का बहीखाता, 501 में कितने वादे हुए पूरे...कितने अधूरे

सहकारी बैंकों का ऋण माफ, लेकिन प्राइवेट बैंकों के ऋण अब तक अधूरे

प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालने के बाद अपने चुनावी वादे के अनुरूप सहकारी बैंकों से लिए गए किसानों के ऋण माफ करने की कवायद शुरू की, लेकिन अन्य व्यापारिक और दूसरे बैंकों से लिए गए किसानों के ऋण को लेकर अब तक कोई कवायद नहीं की गई. इसके चलते किसानों के अन्य बैंकों से लिए गए ऋण अब भी माफी का इंतजार कर रहे हैं.

कर्जे के चलते नहीं हुई कोई किसान की मौत

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने यह भी दावा किया कि राजस्थान में कर्जे के चलते कोई भी किसान ने आत्महत्या नहीं की. मंत्री ने कहा कि संभवतः बराबरी करने के चलते यदि किसी ने आत्महत्या की होगी तो उसकी जानकारी विभाग को नहीं है. लेकिन कर्ज के बोझ से परेशान होकर राजस्थान में किसी किसान ने आत्महत्या नहीं की है.

केंद्रीय कृषि कानून पर यह बोले सहकारिता मंत्री...

केंद्रीय कृषि कानून को लेकर देशभर में चल रहे सियासी उबाल के बीच शिकायत मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा है कि नए केंद्रीय कृषि कानून में यदि एमएसपी पर संपूर्ण खरीद को लेकर केंद्र सरकार स्पष्ट कर दें तो यह तमाम विरोध प्रदर्शन रुक जाएंगे. आंजना ने कहा कि उनकी नजरों में मौजूदा केंद्रीय कानून में केवल यही एक बड़ी कमी है. इसमें सुधार केंद्र सरकार को करना चाहिए. साथ ही यह भी तय करना चाहिए कि देश में किसानों के सभी जींस की एमएसपी पर खरीद हो और एमएसपी के बाहर ही खरीद की गई तो कानूनी रूप से खरीद करने वाले पर भी कार्रवाई हो.

पढ़ें- सरकार के दो साल : दावे से परे हकीकत की जमीन...'ऊंट' जैसे बेरोजगारों के मुंह में 'जीरा' जैसी भर्तियां

सहकारी बैंक का कर्जा होगा कम, कर रहे प्रयास

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि विभाग के अधीन आने वाले सहकारी बैंक और अपेक्स बैंकों की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है क्योंकि किसानों के कर्ज माफी और फसली ऋण वितरण के चलते कई बार घाटे की स्थिति होती है. लेकिन प्रदेश सरकार और विभाग का प्रयास है कि इन बैंकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो और इसको लेकर कई नए प्रयास भी किए जा रहे हैं.

जयपुर. गहलोत सरकार के 2 साल का कार्यकाल 17 दिसंबर को पूरा हो रहा है और इस दूसरी वर्षगांठ पर हर विभाग अपनी-अपनी उपलब्धियां भी गिना रहा है. लेकिन बीते 2 साल में किसानों से सीधे तौर पर जुड़े हुए सहकारिता विभाग में क्या रही खास उपलब्धि और कितना हुआ काम, इस पर भी नजर डाल लें.

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से बातचीत-1

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना अपनी बड़ी उपलब्धि बायोमेट्रिक पद्धति से किसानों के पंजीयन और ऋण वितरण व फसली ऋण माफी को बताते हैं, लेकिन कुछ मामलों में विभाग की नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर भी फोड़ते हैं. सहकारिता विभाग में बीते 2 साल पर क्या खास उपलब्धियां रही और कौन-कौन से काम अब तक अधूरे रहे, इसका लेखा जोखा जानने के लिए ईटीवी भारत ने सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से खास बातचीत की.

बीते 2 साल में विभाग में जो महत्वपूर्ण काम किए वो इस प्रकार हैं...

  • सहकारी बैंकों के 20.85 लाख किसानों का 7726 करोड़ रुपए से अधिक का फसली ऋण माफ.
  • भाजपा सरकार की ऋण माफी के 6000 करोड़ भी मौजूदा गहलोत सरकार ने वहन किए.
  • किसानों को 15,000 करोड़ रुपए की ऋण माफी का लाभ दिया गया.
  • 29,262 किसानों के मध्यकालीन और दीर्घकालीन कृषि ऋण के 336.49 करोड़ रुपए का ऋण माफ किए गए.
  • सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन और वितरण योजना 2019 की शुरुआत की गई.
  • अब तक 27.86 लाख किसानों ने बायोमेट्रिक पद्धति से पंजीयन कराया.
  • 12 लाख 72 हजार नए किसानों को पहली बार फसली ऋण से जोड़ा गया.
  • नए किसानों को 2553.73 करोड़ रुपए का फसली ऋण प्रदान किया गया.
  • उत्तरदायित्व और पारदर्शी व्यवस्था के लिए राज सहकार पोर्टल बनाया गया.
  • 700 नए एटीएम लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई ताकि सहकारी बैंक आधुनिक तकनीक से लैस हो सके.
  • मोबाइल एटीएम वैन के माध्यम से डोर स्टेप पर बैंकिंग सुविधाओं की प्रक्रिया शुरू की गई.
  • बायोमेट्रिक सत्यापन से ऑनलाइन पंजीयन कर उपज खरीद की शुरुआत की गई.
  • खरीद केंद्रों की संख्या को 3 गुना मतलब 871 तक बढ़ाया गया जो कि पहले उपज खरीद के 250 से 300 केंद्र ही होते थे.
  • राजफैड द्वारा वेयरहाउस ई रिसिप्ट सेवा से किसानों को 3 से 4 दिन में भुगतान किए जाने की व्यवस्था की गई.
  • राजफैड द्वारा मूंग, उड़द, सोयाबीन, मूंगफली, गेहूं, सरसों और चना के समर्थन मूल्य पर 25.84 लाख मीट्रिक टन की उपज खरीदी गई, जिसका मूल्य 11,760 करोड़ रुपए है.
  • महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष 2 अक्टूबर 2019 पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ई-मित्र की सुविधा से जोड़ा गया.
  • 386 गोदाम निर्माण की स्वीकृति जारी की गई.
  • सहकारी बैंकों में 715 रिक्त पदों पर भर्ती की गई.
  • 30 जिलों में 100 कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए 8 करोड़ की राशि दी गई.
  • 550 ग्राम सेवा और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को गौण मंडी घोषित किया गया.
  • उपज ऋण योजना में 11% के स्थान पर 3% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की पहल की गई.
  • लॉकडाउन में 326 वैन के जरिए लगभग 12 लाख परिवारों को उचित मूल्य पर खाद सामग्री उपलब्ध कराई गई.
  • अल्पकालीन फसली ऋण 2019-20 ठीक पुकारा अवधि 31 मार्च से 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई.
  • 5% ब्याज अनुदान योजना की अवधि को 31 मार्च 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 किया गया.
  • अवधिपार ऋणी किसानों के लिए एक मुश्त समझौता योजना लागू की गई.
  • भूमि विकास बैंक द्वारा 50% ब्याज माफ किया गया.
  • 150 GSS गठन को स्वीकृति दी जा चुकी है. इन समितियों के गठन से 75 हजार से अधिक लोगों को सहकारी समितियों से जोड़ा जा चुका है.

यह तो वह उपलब्धियां है, जिसका बखान विभाग और मंत्री कर रहे हैं. विभाग के अधीन और भी कई काम है, जिसका भी लेखा-जोखा लेना बेहद जरूरी है. खासतौर पर सहकारी समितियों की गड़बड़ी और धोखाधड़ी की शिकायतों पर अब तक ज्यादा काम नहीं हो पाया. विभाग ने पहल करते हुए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने के लिए पोर्टल तो बनाया लेकिन मल्टी स्टेट को ऑपरेटिव सोसाइटी पर लगाम कसने में सहकारिता विभाग नाकाम ही रहा. हालांकि, इस मसले पर केंद्र सरकार के स्तर पर ही कानूनी रूप से कार्रवाई हो सकती है.

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से बातचीत-2

पढ़ें- गहलोत सरकार के दो साल के कार्यकाल का बहीखाता, 501 में कितने वादे हुए पूरे...कितने अधूरे

सहकारी बैंकों का ऋण माफ, लेकिन प्राइवेट बैंकों के ऋण अब तक अधूरे

प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालने के बाद अपने चुनावी वादे के अनुरूप सहकारी बैंकों से लिए गए किसानों के ऋण माफ करने की कवायद शुरू की, लेकिन अन्य व्यापारिक और दूसरे बैंकों से लिए गए किसानों के ऋण को लेकर अब तक कोई कवायद नहीं की गई. इसके चलते किसानों के अन्य बैंकों से लिए गए ऋण अब भी माफी का इंतजार कर रहे हैं.

कर्जे के चलते नहीं हुई कोई किसान की मौत

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने यह भी दावा किया कि राजस्थान में कर्जे के चलते कोई भी किसान ने आत्महत्या नहीं की. मंत्री ने कहा कि संभवतः बराबरी करने के चलते यदि किसी ने आत्महत्या की होगी तो उसकी जानकारी विभाग को नहीं है. लेकिन कर्ज के बोझ से परेशान होकर राजस्थान में किसी किसान ने आत्महत्या नहीं की है.

केंद्रीय कृषि कानून पर यह बोले सहकारिता मंत्री...

केंद्रीय कृषि कानून को लेकर देशभर में चल रहे सियासी उबाल के बीच शिकायत मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा है कि नए केंद्रीय कृषि कानून में यदि एमएसपी पर संपूर्ण खरीद को लेकर केंद्र सरकार स्पष्ट कर दें तो यह तमाम विरोध प्रदर्शन रुक जाएंगे. आंजना ने कहा कि उनकी नजरों में मौजूदा केंद्रीय कानून में केवल यही एक बड़ी कमी है. इसमें सुधार केंद्र सरकार को करना चाहिए. साथ ही यह भी तय करना चाहिए कि देश में किसानों के सभी जींस की एमएसपी पर खरीद हो और एमएसपी के बाहर ही खरीद की गई तो कानूनी रूप से खरीद करने वाले पर भी कार्रवाई हो.

पढ़ें- सरकार के दो साल : दावे से परे हकीकत की जमीन...'ऊंट' जैसे बेरोजगारों के मुंह में 'जीरा' जैसी भर्तियां

सहकारी बैंक का कर्जा होगा कम, कर रहे प्रयास

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि विभाग के अधीन आने वाले सहकारी बैंक और अपेक्स बैंकों की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है क्योंकि किसानों के कर्ज माफी और फसली ऋण वितरण के चलते कई बार घाटे की स्थिति होती है. लेकिन प्रदेश सरकार और विभाग का प्रयास है कि इन बैंकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो और इसको लेकर कई नए प्रयास भी किए जा रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.