जयपुर. केंद्र सरकार के वंदे मातरम अभियान के तहत शनिवार को अंतिम फ्लाइट तजाकिस्तान से जयपुर पहुंची. इस फ्लाइट से 183 राजस्थानी प्रवासी छात्र मौजूद थे. इस दौरान फ्लाइट के जयपुर पहुंचने पर एयरपोर्ट पर सभी की थर्मल स्कैनिंग की गई और चिकित्सकों की टीम की ओर से मेडिकल चेक अप भी किया गया. वहीं, इमिग्रेशन के बाद सभी छात्र-छात्राओं को बसों से संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भिजवाया गया.
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में अब तक करीब 22 फ्लाइट से 3075 से अधिक प्रवासी राजस्थानी जयपुर पहुंच चुके हैं. साथ ही बताया कि तजाकिस्तान से शनिवार को यह फ्लाइट 3:35 बजे जयपुर एयरपोर्ट पंहुची. इस फ्लाइट में मेडिकल का अध्ययन कर रहे प्रवासी राजस्थानी विद्यार्थी थे.
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उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से एयरपोर्ट पर आगमन से लेकर संस्थागत क्वॉरेंटाइन तक की सभी व्यवस्थाएं की गई है. एयरपोर्ट पर वरिष्ठ अधिकारियों, चिकित्सकों और अन्य की टीम आवश्यक व्यवस्थाओं में जुटी होने से एयरपोर्ट पर आने वाले प्रवासी राजस्थानियों को किसी तरह की असुविधा नहीं होने दी जा रही है.
अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर क्वॉरेंटाइन अधिकारी बिरधी चंद गंगवाल, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेन्द्र सिंह शेखावत समेत अधिकारियों का दल एयरपोर्ट पर सभी व्यवस्थाओं की देखरेख कर रहा है. अग्रवाल ने बताया कि फ्लाइट के आते ही 20-20 की संख्या में बारी-बारी से सभी को सैनिटाइज कर कियोस्क पर थर्मल स्कैनिंग की जा रही है. इसके बाद डॉक्टरों की टीम की ओर से स्वास्थ्य जांच और उसके बाद तीन काउंटरों पर संस्थागत क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था, इमिग्रेशन और अन्य औपचारिकताओं के बाद बसों से क्वॉरेंटाइन होटल में भिजवाया जा रहा है.
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इसके साथ ही एयरपोर्ट पर सभी प्रवासियों के मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु और राज कोविड एप अनिवार्य रूप से डाउनलोड करवाया जा रहा है. वहीं, एयरपोर्ट पर सभी प्रवासियों के लिए चाय, कॉफी, पीने का पानी, बिस्कुट आदि की निःशुल्क व्यवस्था की गई है. साथ ही एयरपोर्ट प्रशासन की ओर से आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है.
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि फ्लाइट से आने वाले सभी 183 छात्रों को सात दिन के संस्थागत क्वॉरेंटाइन पर रखा गया है. वहीं, संस्थागत क्वॉरेंटाइन के 7वें दिन आईसीएमआर के दिशा निर्देश के अनुसार क्वॉरेंटाइन सेंटर पर संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से जांच कराई जाएगी. इस जांच में किसी के भी संक्रमण के लक्षण नहीं पाए जाने पर संपूर्ण बैच को आगामी सात दिनों तक खुद की निगरानी में होम क्वॉरेंटाइन में रहने के लिए भेजा जाएगा.