जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे प्रवासियों को अब वापस अपने वतन लाया जा रहा है, जिसके तहत सोमवार को कुवैत की फ्लाइट से 175 राजस्थानी प्रवासी जयपुर पहुंचे. इस दौरान एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई. साथ ही चिकित्सकों की टीम की ओर से मेडिकल चेकअप भी किया गया. वहीं, इमिग्रेशन के बाद सभी प्रवासियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भिजवाया गया.
एयरपोर्ट को बार-बार किया जाता है सैनिटाइज
वाईपी सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है. साथ ही एयरपोर्ट को बार-बार सैनिटाइज भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई किराया और होटल से लेकर सारा खर्चा यात्रियों को वहन करना है. एयरपोर्ट पर यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया गया है, जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, उनका इमिग्रेशन क्लीयरेंस कराया जा रहा है.
प्रवासियों को भेजा जा रहा है उनके गृह जिले में
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अब जो भी प्रवासी राजधानी आ रहे हैं. उनको उनके गृह जिले या उनके संभाग में भी क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. साथ ही बताया कि रविवार को भी उदयपुर संभाग के प्रवासियों को 8 बसों के माध्यम से उनके गृह जिलों में क्वॉरेंटाइन किया गया था. वहीं, सोमवार को भी कई बसों के माध्यम से प्रवासियों को उनके गृह जिलों में क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है.
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एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत आने वाले सभी प्रवासी राजस्थानियों की एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. वहीं, पुलिस का जाप्ता भी एयरपोर्ट पर तैनात कर रखा है. ऐसे में पुलिस निगरानी के बीच ही सभी यात्रियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भेजा जा रहा है. सभी यात्रियों को 7 दिन के संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रहना होगा. उसके बाद उन्हें 7 दिन की होम क्वॉरेंटाइन में भी रखा जाएगा.
यात्रियों के पासपोर्ट CISF के अधिकारियों के पास
सीनियर कमांडेंट के मुताबिक यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के एक अधिकारी के पास है. इमीग्रेशन क्लीयरेंस के बाद ही यात्रियों को लगेज कलेक्शन के लिए ले जाया जाता है. इसके बाद यात्रियों को कस्टम क्लीयरेंस लेना होता है. फिर 20-20 के ग्रुप में यात्रियों को पुलिस को सौंपा जाता है.
वहीं, राज्य सरकार की ओर से तीन श्रेणियां लो, मीडियम और हाई श्रेणी के लिए चयनित किए गए हैं. यात्रियों को जिन होटलों में ठहराया जा रहा है, उनका किराया भी उन्हीं को चुकाना है. साथ ही अंतिम दिन कोरोना टेस्ट कराया जाता है, जिसका भुगतान भी यात्री ही करते हैं. वहीं, टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही यात्री घर लौट सकते हैं.