जयपुर. राजधानी की शिप्रा पथ थाना पुलिस ने लॉरेंस विश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा से व्यवसायी को जान (17 crores demanded from jaipur businessman) से मारने की धमकी दिलवाकर 17 करोड़ रुपयों की मांग करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी मुस्ताक खान, शंकर सिंह राठौड़, संदीप सिंह और शिवराज सिंह राठौड़ को गिरफ्तार किया है.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजय पाल लांबा के मुताबिक पीड़ित व्यवसाई नरेंद्र शर्मा ने 11 मई को शिप्रा पथ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि रोहित गोदारा बीकानेर ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए अंतरराष्ट्रीय नंबरों से धमकी दी थी. फोन पर मुस्ताक खान, शंकर सिंह, संदीप सिंह और शिवराज सिंह को 17 करोड़ रुपये देने का कहा गया, ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी. मुस्ताक खान, शंकर सिंह, संदीप सिंह और शिवराज सिंह समेत अन्य लोग पीड़ित व्यवसाई के कार्यालय पर आए थे और कर्मचारियों के साथ मारपीट की थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
पुलिस की जांच में सामने आया कि पीड़ित नरेंद्र शर्मा उत्तर पूर्व भारत में सड़क निर्माण के ठेके लेकर कार्य कर रहा था. पीड़ित के साथ बतौर पेटी ठेकेदार मुस्ताक, शंकर सिंह, वीरेंद्र सिंह भी कार्य कर रहे थे. भुगतान को लेकर पीड़ित और आरोपियों के बीच विवाद चल रहा था. विवाद के चलते पीड़ित ने जब आरोपियों को भुगतान करने से मना कर दिया, तो आरोपियों ने लॉरेंस विश्नोई गैंग के गैंगस्टर रोहित गोदारा से व्हाट्सएप ऑडियो मैसेज के माध्यम से जान से मारने की धमकी दिलवाई थी.
परिवार को भी मारने की देने लगे धमकी: मामले में गैंगस्टर रोहित गोदारा के तीन गुर्गे शिव सिंह भलुरी उर्फ शिवजी, संदीप स्वामी और नवरत्न शर्मा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जो कि न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं. इस दौरान गैंगस्टर रोहित गोदारा ने वापस परिवादी नरेंद्र शर्मा को 17 करोड़ रुपये देने और समझौता करने के लिए व्हाट्सएप कॉल पर धमकी दी. रुपये नहीं देने पर इस बार परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी. जिसपर पीड़ित ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई.
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पेशल टीम का गठन कर आरोपियों की तलाश शुरू की. मामले में शुक्रवार को सफलता हासिल करते हुए पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गैंगस्टर रोहित गोदारा और उसकी गैंग के सदस्यों के खिलाफ पहले से ही कई थानों में अपराधिक मामले दर्ज हैं.