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16 kg tumour removed In Jaipur: 55 वर्षीय महिला के पेट से निकाली 16 किलो की गांठ, 4 घंटे चला ऑपरेशन - BMCHRC Jaipur on tumour news

राजधानी जयपुर में भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMCHRC) में चिकित्सकों की टीम ने एक महिला का नया जीवन दे दिया. हॉस्पिटल के चिकित्सकों की टीम ने 16.8 किलो (16 kg tumour removed In Jaipur) की गांठ पेट से निकालने में सफलता प्राप्त की है.

BMCHRC Jaipur on tumour news
भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर जयपुर
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Published : Dec 13, 2021, 5:20 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 5:44 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर में भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMCHRC) के डॉ प्रशांत शर्मा और डॉ. पुष्पलता गुप्ता की टीम ने एक 55 वर्षीय महिला के पेट से 23 सेमी बड़ी और 16.8 किलो की (16 kg tumour removed In Jaipur) गांठ निकालने में सफलता प्राप्त की है. चार घंटे चली सर्जरी के बाद रोगी पूर्ण रूप से स्वस्थ है. ऑपरेशन के दूसरे दिन से रोगी चलने में सक्षम हो गया.

आमतौर पर ऑपरेट होने वाले ट्यूमर का साइज 2 से 8 सेमी का होता है. इस मामले में ओवरी में ट्यूमर को नजर अंदाज करने की वजह से पेट के अंदर ही अंदर ट्यूमर का साइज बढ़ता चला गया. जिसकी वजह से ये गांठ 23 सेमी तक बढ़ गई.

पढ़ें- खबर का असरः इन परिवारों के लिए राशन लेकर घर पहुंचा प्रशासन, ईटीवी भारत का जताया आभार

सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत शर्मा ने बताया कि झुंझुनूं निवासी इस महिला ने पांच माह पूर्व हॉस्पिटल (BMCHRC Jaipur on tumour news) में पहली बार दिखाया था. जांच के बाद महिला को ऑपरेशन की सलाह दी थी, लेकिन रोगी का परिवार पहले सर्जरी के लिए तैयार नहीं था. पिछले 8 दिसंबर को रोगी की तबियत ज्यादा खराब होने पर उसे हॉस्पिटल लाया गया और सर्जरी की गई. डॉ. शर्मा ने बताया कि रोगी को चलने और सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी.

डॉ. प्रशांत शर्मा, भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर जयपुर

हालात चिंताजनक होने पर महिला को कराया भर्ती

चिकित्सकों के अनुसार महिला अपने दैनिक कार्य करने में भी सक्षम नहीं थी. मरीज की हालात को देखकर ये अंदाजा था कि ट्यूमर का साइज पहले से काफी बढ़ गया. ट्यूमर का आकार और वजन के कारण रोगी के ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियां थी. जिसमें सबसे बड़ी चुनौती थी ट्यूमर को फटने से बचाना. उन्होंने टीम में मौजूद कुशल एनिस्थियोलॉजिस्ट और नर्सिंग स्टॉफ को श्रेय देते हुए कहा कि उनकी वजह से ये ऑपरेशन सफल हो पाया.आपको बता दें कि मरीज को 3 साल से ये तकलीफ थी धीरे-धीरे ट्यूमर बढ़ता चला गया और फिर यह ट्यूमर फेफड़ों पर दबाव डाल रहा था, जिसकी वजह से थोड़ा सा चलने में ही सांस लेने की परेशानी होने लगती थी. इसके अलावा एज फैक्टर भी था लेकिन महावीर कैंसर अस्पताल के सर्जरी विभाग ने एक सफल ऑपरेशन कर नायाब उदाहरण पेश किया.

जयपुर. राजधानी जयपुर में भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMCHRC) के डॉ प्रशांत शर्मा और डॉ. पुष्पलता गुप्ता की टीम ने एक 55 वर्षीय महिला के पेट से 23 सेमी बड़ी और 16.8 किलो की (16 kg tumour removed In Jaipur) गांठ निकालने में सफलता प्राप्त की है. चार घंटे चली सर्जरी के बाद रोगी पूर्ण रूप से स्वस्थ है. ऑपरेशन के दूसरे दिन से रोगी चलने में सक्षम हो गया.

आमतौर पर ऑपरेट होने वाले ट्यूमर का साइज 2 से 8 सेमी का होता है. इस मामले में ओवरी में ट्यूमर को नजर अंदाज करने की वजह से पेट के अंदर ही अंदर ट्यूमर का साइज बढ़ता चला गया. जिसकी वजह से ये गांठ 23 सेमी तक बढ़ गई.

पढ़ें- खबर का असरः इन परिवारों के लिए राशन लेकर घर पहुंचा प्रशासन, ईटीवी भारत का जताया आभार

सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत शर्मा ने बताया कि झुंझुनूं निवासी इस महिला ने पांच माह पूर्व हॉस्पिटल (BMCHRC Jaipur on tumour news) में पहली बार दिखाया था. जांच के बाद महिला को ऑपरेशन की सलाह दी थी, लेकिन रोगी का परिवार पहले सर्जरी के लिए तैयार नहीं था. पिछले 8 दिसंबर को रोगी की तबियत ज्यादा खराब होने पर उसे हॉस्पिटल लाया गया और सर्जरी की गई. डॉ. शर्मा ने बताया कि रोगी को चलने और सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी.

डॉ. प्रशांत शर्मा, भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर जयपुर

हालात चिंताजनक होने पर महिला को कराया भर्ती

चिकित्सकों के अनुसार महिला अपने दैनिक कार्य करने में भी सक्षम नहीं थी. मरीज की हालात को देखकर ये अंदाजा था कि ट्यूमर का साइज पहले से काफी बढ़ गया. ट्यूमर का आकार और वजन के कारण रोगी के ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियां थी. जिसमें सबसे बड़ी चुनौती थी ट्यूमर को फटने से बचाना. उन्होंने टीम में मौजूद कुशल एनिस्थियोलॉजिस्ट और नर्सिंग स्टॉफ को श्रेय देते हुए कहा कि उनकी वजह से ये ऑपरेशन सफल हो पाया.आपको बता दें कि मरीज को 3 साल से ये तकलीफ थी धीरे-धीरे ट्यूमर बढ़ता चला गया और फिर यह ट्यूमर फेफड़ों पर दबाव डाल रहा था, जिसकी वजह से थोड़ा सा चलने में ही सांस लेने की परेशानी होने लगती थी. इसके अलावा एज फैक्टर भी था लेकिन महावीर कैंसर अस्पताल के सर्जरी विभाग ने एक सफल ऑपरेशन कर नायाब उदाहरण पेश किया.

Last Updated : Dec 13, 2021, 5:44 PM IST
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