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मुक्त कराये गये 16 बाल मजदूर, चूड़ी कारखाने में करते थे काम

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Published : Dec 17, 2019, 8:16 AM IST

जयपुर की आमेर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चूड़ी कारखाने में काम करने वाले 16 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. सभी बच्चे बिहार के रहने वाले हैं. बच्चों ने पूछताछ में बताया कि कारखाना में उनसे 10 से 12 घंटे काम करवाया जाता था और समय पर खाना भी नहीं दिया जाता था.

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चूड़ी कारखाने से 16 बाल श्रमिकों को कराया मुक्त

जयपुर. राजधानी की आमेर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. जिसके चलते पुलिस ने चूड़ी कारखाने में काम करने वाले 16 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. इनमें दो बच्चों की उम्र 10 साल से भी कम बताई जा रही है. बाकी बच्चे भी 14 साल तक के हैं. पुलिस ने कारखाना मालिक दिनेश कुमार को भी गिरफ्तार किया है.

चूड़ी कारखाने से 16 बाल श्रमिकों को कराया मुक्त

डीसीपी नॉर्थ राजीव पचार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि आमेर में नाई की थड़ी इलाके के एक मकान में नाबालिग बच्चों से चूड़ी बनाने का काम करवाया जा रहा है. पुलिस ने कार्रवाई के लिए स्पेशल टीम का गठन किया. एडीसीपी नॉर्थ सुमित गुप्ता, एसीपी आमेर बृजेंद्र भाटी और एसएचओ राजेंद्र सिंह चारण के निर्देशन में एसआई महेश चंद, एएसआई रमेश चंद्र, हेड कांस्टेबल कर्मजीत, अमित कुमार, कैलाश चंद, राजेश कुमार और प्रवीण कुमार की स्पेशल टीम गठित की गई.

तस्दीक की कार्रवाई के लिए मानव तस्करी विरोधी यूनिट और बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट ऑफिसर देशराज सिंह को बुलाया गया. पुलिस ने मानव तस्करी विरोधी यूनिट और बचपन बचाओ आंदोलन के साथ मौके पर दबिश दी तो चूड़ी कारखाने में नाबालिग बच्चों से चूड़ी बनाने का काम करवाया जा रहा था. पुलिस ने बच्चों को कारखाना मालिक के चंगुल से छुड़ाकर पूछताछ की, तो बच्चों ने अपनी पीड़ा बताई.

यह भी पढे़ं : चूरू: मासूम से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट सुनाएगी सिर्फ 6 दिन में फैसला

बच्चों ने पुलिस को बताया कि 10 से 12 घंटे काम करवाया जाता है और समय पर खाना भी नहीं दिया जाता है. बच्चों ने बताया कि कारखाना मालिक दो-तीन महीने पहले बिहार से बहला-फुसलाकर घुमाने के बहाने से लेकर आया था और चूड़ियां बनाने का काम करवाने लगा. काम नहीं करने पर डराता, धमकाता और मकान से बाहर भी नहीं निकलने देता.

बता दें कि पुलिस ने कारखाने से चूड़ियां बनाने के उपकरणों के साथ निर्मित और अर्धनिर्मित चूड़ियों को भी जब्त किया है. फिलहाल, आमेर थाना पुलिस आरोपी से पूछताछ कर पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

जयपुर. राजधानी की आमेर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. जिसके चलते पुलिस ने चूड़ी कारखाने में काम करने वाले 16 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. इनमें दो बच्चों की उम्र 10 साल से भी कम बताई जा रही है. बाकी बच्चे भी 14 साल तक के हैं. पुलिस ने कारखाना मालिक दिनेश कुमार को भी गिरफ्तार किया है.

चूड़ी कारखाने से 16 बाल श्रमिकों को कराया मुक्त

डीसीपी नॉर्थ राजीव पचार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि आमेर में नाई की थड़ी इलाके के एक मकान में नाबालिग बच्चों से चूड़ी बनाने का काम करवाया जा रहा है. पुलिस ने कार्रवाई के लिए स्पेशल टीम का गठन किया. एडीसीपी नॉर्थ सुमित गुप्ता, एसीपी आमेर बृजेंद्र भाटी और एसएचओ राजेंद्र सिंह चारण के निर्देशन में एसआई महेश चंद, एएसआई रमेश चंद्र, हेड कांस्टेबल कर्मजीत, अमित कुमार, कैलाश चंद, राजेश कुमार और प्रवीण कुमार की स्पेशल टीम गठित की गई.

तस्दीक की कार्रवाई के लिए मानव तस्करी विरोधी यूनिट और बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट ऑफिसर देशराज सिंह को बुलाया गया. पुलिस ने मानव तस्करी विरोधी यूनिट और बचपन बचाओ आंदोलन के साथ मौके पर दबिश दी तो चूड़ी कारखाने में नाबालिग बच्चों से चूड़ी बनाने का काम करवाया जा रहा था. पुलिस ने बच्चों को कारखाना मालिक के चंगुल से छुड़ाकर पूछताछ की, तो बच्चों ने अपनी पीड़ा बताई.

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बच्चों ने पुलिस को बताया कि 10 से 12 घंटे काम करवाया जाता है और समय पर खाना भी नहीं दिया जाता है. बच्चों ने बताया कि कारखाना मालिक दो-तीन महीने पहले बिहार से बहला-फुसलाकर घुमाने के बहाने से लेकर आया था और चूड़ियां बनाने का काम करवाने लगा. काम नहीं करने पर डराता, धमकाता और मकान से बाहर भी नहीं निकलने देता.

बता दें कि पुलिस ने कारखाने से चूड़ियां बनाने के उपकरणों के साथ निर्मित और अर्धनिर्मित चूड़ियों को भी जब्त किया है. फिलहाल, आमेर थाना पुलिस आरोपी से पूछताछ कर पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

Intro:जयपुर
एंकर- राजधानी जयपुर की आमेर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चूड़ी कारखाने में काम करने वाले 16 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है। सभी बच्चे बिहार के रहने वाले हैं। जिनमे दो बच्चों की उम्र 10 साल से भी कम बताई जा रही है। बाकी बच्चे भी 14 साल तक के हैं।


Body:पुलिस ने कारखाना मालिक दिनेश कुमार को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कारखाने से चूड़ियां बनाने के उपकरणों के साथ निर्मित और अर्धनिर्मित चूड़ियों को भी जब्त किया है।
डीसीपी नॉर्थ राजीव पचार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि आमेर में नाई की थड़ी इलाके के एक मकान में नाबालिग बच्चों से चूड़ी बनाने का काम करवाया जा रहा है। पुलिस ने कार्रवाई के लिए स्पेशल टीम का गठन किया। एडीसीपी नॉर्थ सुमित गुप्ता, एसीपी आमेर बृजेंद्र भाटी और एसएचओ राजेंद्र सिंह चारण के निर्देशन में एसआई महेश चंद, एएसआई रमेश चंद्र, हेड कांस्टेबल कर्मजीत, अमित कुमार, कैलाश चंद, राजेश कुमार और प्रवीण कुमार की स्पेशल टीम गठित की गई। तस्दीक की कार्रवाई के लिए मानव तस्करी विरोधी यूनिट और बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट ऑफिसर देशराज सिंह को बुलाया गया। पुलिस ने मानव तस्करी विरोधी यूनिट और बचपन बचाओ आंदोलन के साथ मौके पर दबिश दी तो चूड़ी कारखाने में नाबालिग बच्चों से चूड़ी बनाने का काम करवाया जा रहा था। पुलिस ने बच्चों को कारखाना मालिक के चंगुल से छुड़ाकर पूछताछ की, तो बच्चों ने अपनी पीड़ा बताई। बच्चों ने पुलिस को बताया कि 10 से 12 घंटे काम करवाया जाता है और समय पर खाना भी नहीं दिया जाता है। कारखाना मालिक दो-तीन महीने पहले बिहार से बहला-फुसलाकर घुमाने के बहाने से लेकर आया था और चूड़ियां बनाने का काम करवाने लगा। काम नहीं करने पर डराता धमकाता और मकान से बाहर भी नहीं निकलने देता।





Conclusion:फिलहाल आमेर थाना पुलिस आरोपी से पूछताछ कर पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है।

पीटीसी- उमेश सैनी

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