जयपुर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं की परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से हस्तक्षेप करने से इनकार के बाद सोमवार से परीक्षाओं का आयोजन हुआ. परीक्षार्थियों को एक घंटा पहले परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने की गाइडलाइन भी जारी की गई. हालांकि तमाम प्रयासों के बाद भी परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो सकी.
दरअसल, कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लगाए गए लॉकडाउन से पहले 12 मार्च से दसवीं की परीक्षा का आयोजन किया गया था. जो 19 मार्च को स्थगित कर दी गई थी. हिंदी, इंग्लिश, थर्ड लैंग्वेज और विज्ञान की परीक्षाएं पहले ही हो चुकी हैं. वहीं सोमवार को सामाजिक विज्ञान का पेपर शुरू हुआ, जबकि मंगलवार को गणित का पेपर होना है.
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परीक्षा का समय सुबह 8:30 बजे का रखा गया. हालांकि परीक्षार्थियों को एक घंटा पहले परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने की गाइड लाइन जारी की गई. गांधी सर्किल स्थित सरकारी स्कूल भी 211 छात्रों का परीक्षा केंद्र रहा. परीक्षा के दौरान जिस सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होने का डर सता रहा था, वही हुआ. परीक्षा केंद्र पर छात्र सोशल डिस्टेंसिंग भूल झुंड में नजर आए.
स्कूल प्रधानाचार्य प्रभाकर इंदोरिया ने बताया कि कोविड-19 को देखते हुए परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर परीक्षार्थियों का थर्मल स्कैनर से तापमान मापा गया. साथ ही हाथों को सैनिटाइज भी कराया गया. उन्होंने बताया कि एक कक्ष में अधिकतम 15 छात्रों को बैठाने की व्यवस्था की गई है. ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे.
एहतियात के तौर पर छात्रों के जूते-चप्पल भी खुलवाए गए. हालांकि परीक्षा से पहले मुख्य द्वार पर ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होने को लेकर प्रधानाचार्य ने कहा कि 12वीं की परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराने के लिए यहां पुलिसकर्मी तैनात रहत हैं, लेकिन आज क्यों नहीं पहुंचे, इसका कारण नहीं पता.
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बता दें कि बोर्ड द्वारा मार्च में कक्षा दसवीं की परीक्षा के लिए 5685 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. अब कोरोना संक्रमण को देखते हुए और सोशल डिस्टेंस मेंटेन रखने के लिए 521 परीक्षा केंद्र और बनाए गए हैं. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की स्थगित परीक्षाओं में प्रदेश के 11 लाख 86 हजार 418 छात्र पंजीकृत हैं. अकेले जयपुर में करीब 1 लाख 34 हजार परीक्षार्थी पंजीकृत हैं.
वहीं राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र मे परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया. कोविड-19 से पहले जहां एक परीक्षा कक्ष में 24 परीक्षार्थी बैठने थे, वहीं अब सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए एक परीक्षा कक्ष में 6 फिट की दूरी के साथ 12 से 16 परीक्षार्थी बिठाने की व्यवस्था की गई. ताकि परीक्षा देते समय परीक्षार्थियों के बीच पर्याप्त दूरी बनी रहे, वहीं सभी परीक्षार्थियों को हैंड सैनेटाइजर करवाने के बाद ही परीक्षा में बिठाया गया. परीक्षार्थियों को मास्क पहने होने की स्थिति में ही प्रवेश दिया गया.