जयपुर. लॉकडाउन के दौरान पाक महीना माह-ए-रमजान में उमस भरी गर्मी व कड़ी धूप में रोजा रखना बहुत बड़ा इम्तिहान है. बड़ों के साथ नन्हे-मुन्ने बच्चे भी इस बार उत्साह के साथ रोजा रख रहे हैं. घरों में बच्चे माता-पिता के साथ पांचों वक्त की नमाज के साथ कोरोना से मुक्ति दिलाने की दुआ भी कर रहे हैं.
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इस बीच जयपुर निवासी 10 वर्षीय ईल्मा शेख भी इस बार माहे रमजान के पूरे रोजा रख रही हैं. ईल्मा शेख का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद हैं. घर में रहकर ही पढ़ाई कर रहे हैं. इसी के साथ ही माहे रमजान के रोजे भी रखे जा रहे हैं. अगर लॉकडाउन नहीं रहता तो शायद में पूरे रोजे नहीं रख पाती.
यह महीना इंसान को खुद पर काबू रखना सिखाता है
जयपुर निवासी 10 वर्षीय ईल्मा शेख का कहना है. अल्लाह के बताए रास्ते पर चलकर नेक इंसान बनना है. यह महीना इंसान को खुद पर काबू रखना सिखाता है. बुराई को हराना, गरीबों के दर्द को महसूस करना, उनकी मदद करना और खुद को एक अच्छा इंसान बनाना सिखाता है.
सहरी में उठना अच्छा लगता है
पहली बार रोजा रखकर बहुत अच्छा लग रहा है. रोजे रखने से अल्लाह खुश रहते हैं. सहरी में उठना अच्छा लगता है. नमाज-ए-फजर के बाद कुरान की तिलावत करते हैं. साथ ही माता-पिता से कई सवाल पूछते हैं तो कई जानकारियां भी मिलती है.