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10 वर्षीय बच्ची रख रही पूरे रोजे, दिन भर भूखे प्यासे रहकर कर रही इबादत

इस बार माह-ए-रमजान में बड़ों के साथ नन्हे-मुन्ने बच्चे भी इस बार उत्साह के साथ रोजा रख रहे हैं. लॉकडाउन के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा रहे, घरों में माता-पिता के साथ पांचों वक्त की नमाज के साथ कोरोना से मुक्ति दिलाने की दुआ भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में जयपुर निवासी 10 वर्षीय ईल्मा शेख भी इस बार माहे रमजान के पूरे रोजा रख रही हैं.

children are keeping fast, Jaipur news
10 वर्षीय बच्ची रख रही पूरे रोजे
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Published : May 9, 2020, 9:58 PM IST

जयपुर. लॉकडाउन के दौरान पाक महीना माह-ए-रमजान में उमस भरी गर्मी व कड़ी धूप में रोजा रखना बहुत बड़ा इम्तिहान है. बड़ों के साथ नन्हे-मुन्ने बच्चे भी इस बार उत्साह के साथ रोजा रख रहे हैं. घरों में बच्चे माता-पिता के साथ पांचों वक्त की नमाज के साथ कोरोना से मुक्ति दिलाने की दुआ भी कर रहे हैं.

10 वर्षीय बच्ची रख रही पूरे रोजे

पढ़ें- कब्रिस्तान- जहां जाने में जेहन में घबराहट हो जाए, वहां जिंदगी ने जीने की राह ढूंढ ली

इस बीच जयपुर निवासी 10 वर्षीय ईल्मा शेख भी इस बार माहे रमजान के पूरे रोजा रख रही हैं. ईल्मा शेख का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद हैं. घर में रहकर ही पढ़ाई कर रहे हैं. इसी के साथ ही माहे रमजान के रोजे भी रखे जा रहे हैं. अगर लॉकडाउन नहीं रहता तो शायद में पूरे रोजे नहीं रख पाती.

यह महीना इंसान को खुद पर काबू रखना सिखाता है

जयपुर निवासी 10 वर्षीय ईल्मा शेख का कहना है. अल्लाह के बताए रास्ते पर चलकर नेक इंसान बनना है. यह महीना इंसान को खुद पर काबू रखना सिखाता है. बुराई को हराना, गरीबों के दर्द को महसूस करना, उनकी मदद करना और खुद को एक अच्छा इंसान बनाना सिखाता है.

सहरी में उठना अच्छा लगता है

पहली बार रोजा रखकर बहुत अच्छा लग रहा है. रोजे रखने से अल्लाह खुश रहते हैं. सहरी में उठना अच्छा लगता है. नमाज-ए-फजर के बाद कुरान की तिलावत करते हैं. साथ ही माता-पिता से कई सवाल पूछते हैं तो कई जानकारियां भी मिलती है.

जयपुर. लॉकडाउन के दौरान पाक महीना माह-ए-रमजान में उमस भरी गर्मी व कड़ी धूप में रोजा रखना बहुत बड़ा इम्तिहान है. बड़ों के साथ नन्हे-मुन्ने बच्चे भी इस बार उत्साह के साथ रोजा रख रहे हैं. घरों में बच्चे माता-पिता के साथ पांचों वक्त की नमाज के साथ कोरोना से मुक्ति दिलाने की दुआ भी कर रहे हैं.

10 वर्षीय बच्ची रख रही पूरे रोजे

पढ़ें- कब्रिस्तान- जहां जाने में जेहन में घबराहट हो जाए, वहां जिंदगी ने जीने की राह ढूंढ ली

इस बीच जयपुर निवासी 10 वर्षीय ईल्मा शेख भी इस बार माहे रमजान के पूरे रोजा रख रही हैं. ईल्मा शेख का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद हैं. घर में रहकर ही पढ़ाई कर रहे हैं. इसी के साथ ही माहे रमजान के रोजे भी रखे जा रहे हैं. अगर लॉकडाउन नहीं रहता तो शायद में पूरे रोजे नहीं रख पाती.

यह महीना इंसान को खुद पर काबू रखना सिखाता है

जयपुर निवासी 10 वर्षीय ईल्मा शेख का कहना है. अल्लाह के बताए रास्ते पर चलकर नेक इंसान बनना है. यह महीना इंसान को खुद पर काबू रखना सिखाता है. बुराई को हराना, गरीबों के दर्द को महसूस करना, उनकी मदद करना और खुद को एक अच्छा इंसान बनाना सिखाता है.

सहरी में उठना अच्छा लगता है

पहली बार रोजा रखकर बहुत अच्छा लग रहा है. रोजे रखने से अल्लाह खुश रहते हैं. सहरी में उठना अच्छा लगता है. नमाज-ए-फजर के बाद कुरान की तिलावत करते हैं. साथ ही माता-पिता से कई सवाल पूछते हैं तो कई जानकारियां भी मिलती है.

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