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जयपुर: सीवरेज सिस्टम को स्मार्ट करने पर खर्च किए जाएंगे 1.30 करोड़ रुपए - jaipur news

जयपुर के वॉल सिटी के 2000 क्रिटिकल मेन हॉल हाईटेक किए जाएंगे. बारिश और रुकावट के कारण अमूमन शहरी क्षेत्र में सीवर चैंबर उफ़न पड़ते हैं. जिसकी वजह से सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती हैं. हालांकि अब स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 1 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च कर सीवर चैंबर के उफनने से पहले उन्हें साफ करने का प्लान बनाया गया है. सीवर चैंबर को हाईटेक करते हुए इनमें सेंसर लगाए जाएंगे.

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सीवरेज सिस्टम को स्मार्ट करने पर खर्च किए जाएंगे 1.30 करोड़ रुपए
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Published : Mar 31, 2021, 9:48 PM IST

जयपुर. राजधानी के वॉल सिटी के 2000 क्रिटिकल मेन हॉल हाईटेक किए जाएंगे. बारिश और रुकावट के कारण अमूमन शहरी क्षेत्र में सीवर चैंबर उफ़न पड़ते हैं. जिसकी वजह से सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती हैं. हालांकि अब स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 1 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च कर सीवर चैंबर के उफनने से पहले उन्हें साफ करने का प्लान बनाया गया है. सीवर चैंबर को हाईटेक करते हुए इनमें सेंसर लगाए जाएंगे.

पढ़ें: राजस्थान उपचुनाव 2021: कांग्रेस ने जारी की 30 स्टार प्रचारकों की सूची, जाट विधायकों को तरजीह

हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर बहने की समस्या आम है. जो क्षेत्रीय लोगों की परेशानी का सबब बनती है और राहत, निगम का दरवाजा खटखटाने के बाद भी नहीं मिलती. वर्तमान में नगर निगम में 245 शिकायतें अकेले सीवरेज की पेंडिंग चल रही है, इनमें हेरिटेज निगम क्षेत्र में 70 जबकि ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में 175 सीवर की पेंडिंग शिकायतें हैं. निगम का तर्क है कि समय के साथ और जनसंख्या की दृष्टि से सीवरेज चैम्बर और लाइन आउटडेटेड हो गए हैं.

सीवरेज सिस्टम को स्मार्ट करने पर खर्च किए जाएंगे 1.30 करोड़ रुपए

हालांकि अब परकोटे के सीवरेज सिस्टम के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड एक प्रोजेक्ट ला रही है. जिसके तहत 2000 क्रिटिकल चैंबर्स पर सेंसर लगाए जाएंगे. जिससे पता चल पाएगा कि किस चैंबर में प्रॉब्लम है और कहां वाटर लेवल सर्टेन लेवल से ऊपर आ गया. सेंसर से इंडिकेशन मिलने पर समय रहते समस्या का समाधान किया जा सकेगा. इस प्रोजेक्ट की लागत 1 करोड़ 30 लाख बताई जा रही है. स्मार्ट सिटी एक्सईएन अजय सिंधु ने बताया कि वॉल सिटी एरिया में जगह-जगह नई सीवर लाइन डाली जा रही है. इसके साथ ही लोरा वैन नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए क्रिटिकल मेन हॉल पर सेंसर लगाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट की लागत में 5 साल का नेटवर्क, ऑपरेशन और मेंटेनेंस भी शामिल है.

हालांकि प्रोजेक्ट 6 महीने पहले लाया जा रहा था जिसे अब रिटेंडर किया जा रहा है. बहरहाल, जनसंख्या बढ़ने के कारण परकोटे का सीवरेज सिस्टम तो पूरी तरह अपडेट होना चाहिए. ताकि मानसून में सीवरेज मेनहोल शहर की आम जनता के लिए परेशानी का कारण ना बने.

जयपुर. राजधानी के वॉल सिटी के 2000 क्रिटिकल मेन हॉल हाईटेक किए जाएंगे. बारिश और रुकावट के कारण अमूमन शहरी क्षेत्र में सीवर चैंबर उफ़न पड़ते हैं. जिसकी वजह से सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती हैं. हालांकि अब स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 1 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च कर सीवर चैंबर के उफनने से पहले उन्हें साफ करने का प्लान बनाया गया है. सीवर चैंबर को हाईटेक करते हुए इनमें सेंसर लगाए जाएंगे.

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हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर बहने की समस्या आम है. जो क्षेत्रीय लोगों की परेशानी का सबब बनती है और राहत, निगम का दरवाजा खटखटाने के बाद भी नहीं मिलती. वर्तमान में नगर निगम में 245 शिकायतें अकेले सीवरेज की पेंडिंग चल रही है, इनमें हेरिटेज निगम क्षेत्र में 70 जबकि ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में 175 सीवर की पेंडिंग शिकायतें हैं. निगम का तर्क है कि समय के साथ और जनसंख्या की दृष्टि से सीवरेज चैम्बर और लाइन आउटडेटेड हो गए हैं.

सीवरेज सिस्टम को स्मार्ट करने पर खर्च किए जाएंगे 1.30 करोड़ रुपए

हालांकि अब परकोटे के सीवरेज सिस्टम के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड एक प्रोजेक्ट ला रही है. जिसके तहत 2000 क्रिटिकल चैंबर्स पर सेंसर लगाए जाएंगे. जिससे पता चल पाएगा कि किस चैंबर में प्रॉब्लम है और कहां वाटर लेवल सर्टेन लेवल से ऊपर आ गया. सेंसर से इंडिकेशन मिलने पर समय रहते समस्या का समाधान किया जा सकेगा. इस प्रोजेक्ट की लागत 1 करोड़ 30 लाख बताई जा रही है. स्मार्ट सिटी एक्सईएन अजय सिंधु ने बताया कि वॉल सिटी एरिया में जगह-जगह नई सीवर लाइन डाली जा रही है. इसके साथ ही लोरा वैन नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए क्रिटिकल मेन हॉल पर सेंसर लगाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट की लागत में 5 साल का नेटवर्क, ऑपरेशन और मेंटेनेंस भी शामिल है.

हालांकि प्रोजेक्ट 6 महीने पहले लाया जा रहा था जिसे अब रिटेंडर किया जा रहा है. बहरहाल, जनसंख्या बढ़ने के कारण परकोटे का सीवरेज सिस्टम तो पूरी तरह अपडेट होना चाहिए. ताकि मानसून में सीवरेज मेनहोल शहर की आम जनता के लिए परेशानी का कारण ना बने.

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