बीकानेर. जिला नगर निगम में महापौर बनने को लेकर काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 26 नवंबर को महापौर का चुनाव होगा और उसके बाद ही परिणाम जारी होगा. महापौर के चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. भाजपा ने जहां सुशीला राजपुरोहित को मैदान में उतारा है, तो वहीं कांग्रेस से अंजना खत्री ने नामांकन दाखिल किया है. हालांकि, बहुमत के खेल में भाजपा का पलड़ा भारी है.
बीकानेर नगर निगम के 80 वार्डों के हुए चुनाव में भाजपा ने 38 सीटें जीती हैं, तो वहीं कांग्रेस के खाते में मात्र 30 सीट आई हैं.वहीं एक सीट पर बसपा ने चुनाव जीता है. और 11 सीटों पर निर्दलीय जीतकर आए हैं.
बहुमत के जादूई आंकड़े से 3 सीट दूर रही भाजपा ने मतगणना के तुरंत बाद निर्दलीयों को साधने का प्रयास शुरू किया और अब तक 5 निर्दलीयों को अपने पक्ष में कर लिया है. वहीं बताया जा रहा है कि दो से तीन निर्दलीय भाजपा की अंदरूनी तौर पर संपर्क में है.
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वहीं दूसरी और मतगणना के बाद कांग्रेस ने बाड़ाबंदी में रखे अपने सभी पार्षदों को फ्री कर दिया, हालांकि कांग्रेस को उम्मीद है कि भाजपा में जिस नाम पर सहमति बताते हुए प्रत्याशी को उतारा गया है, उसको लेकर क्रॉस वोटिंग हो सकती है और ऐसे में कांग्रेस क्रॉस वोटिंग के सहारे चुनाव मैदान में उतरी है.
कांग्रेस से नामांकन दाखिल करने वाली अंजना खत्री ने कहा कि बाड़ाबंदी पूरी तरह से गलत है और बीकानेर में हमने यह नवाचार किए हैं और सभी पार्षदों को स्वतंत्र कर दिया है कि वे अपने हिसाब से अपना वोट करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि सभी पार्षद स्वतंत्र होकर अपने अनुसार वोट करें किसी को जबरन वोट डलवाना ठीक नहीं है. बहुमत के सवाल पर अंजना खत्री ने कहा कि बहुमत तो भाजपा के पास भी नहीं है. और वो जिले का जनता का उन्हें पूर्ण समर्थन हैं. वो परिणाम क दिन यह बता देंगी.
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अंजना ने कहा कि उनका परिवार पुराना कांग्रेसी है, और उनके पिता और वे खुद भी पार्षद रही हैं. साथ ही वे लगातार समाज सेवा से जुड़ी रही हैं और जनता की तकलीफों को समझती है. अगर मौका मिला तो वे महापौर बनकर बीकानेर में विकास के नए काम करवाएगी.
बता दें कि नामांकन दाखिले के वक्त अंजना खत्री के साथ प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत, नोखा नगरपालिका चेयरमैन नारायण झंवर, कांग्रेस नेता गोपाल गहलोत समेत कांग्रेसी पार्षद मौजूद रहे.