बीकानेर. प्रदेश में सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए नवाचार के तहत महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की शुरुआत की गई. प्रारंभिक तौर पर जिला मुख्यालय से हुई शुरुआत के बाद ब्लॉक लेवल पर इन स्कूलों को खोलने की शुरुआत हुई और अब प्रदेश में 3000 की आबादी के गांव में भी स्कूल को खोलने के लिए सरकार कवायद कर रही है. प्रदेश में पहले से खोली गई 208 स्कूलों की संख्या अब 1182 तक पहुंच गई (Total Mahatma Gandhi English Medium Schools in Rajasthan) है. जिनको शिक्षा सत्र 2022-23 में शुरू करना है.
इनमें पूर्व के 208 के बाद स्वीकृत हुए 950 से ज्यादा स्कूलों के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया भी हो चुकी है. नई स्वीकृत 211 स्कूलों के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया अब शुरू कर दी गई है. शिक्षा निदेशालय स्तर पर 15 जुलाई से पहले प्रक्रिया संपन्न कराने की बात कही जा रही है. लेकिन इन सबके बीच एक बड़ी चुनौती यह है कि जिस रफ्तार से सरकार महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने जा रही है, उस अनुपात में वांछित पात्रता रखने वाला स्टाफ कहां से मिलेगा.
हालांकि खुद शिक्षा विभाग और सरकार के स्तर पर भी इस बात का अंदेशा पहले से ही हो गया था कि विभाग में कार्यरत शिक्षकों में से महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए स्टाफ मिलना संभव नहीं है. ऐसे में विद्या संबल योजना और गेस्ट फैकल्टी के तहत खाली पदों को भरने के लिए सरकार ने स्वीकृति दे दी है. लेकिन इन सबके बीच अभी तक शिक्षा विभाग के पास वह आंकड़ा नहीं आया है, जिससे विभाग को यह पता चल सके कि कितने पद रिक्त हैं. जबकि 1 जुलाई से शुरू होने वाले सत्र में अब ज्यादा दिन शेष नहीं हैं.
पहले विभाग से फिर गेस्ट फैकेल्टी: दरअसल महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पदस्थापन के लिए प्रशिक्षित और अंग्रेजी दक्षता रखने वाले स्टाफ को रखना प्राथमिकता है. इसको लेकर विभाग में वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों के साक्षात्कार के जरिए ही चयन किया जा रहा है. यदि साक्षात्कार की प्रक्रिया के पूरा होने के बाद भी पद नहीं भरे जाते हैं, तो गेस्ट फैकल्टी के तौर पर सेवानिवृत्त शिक्षक और विद्या संबल योजना के तहत बेरोजगारों को मौका देने की बात कही गई है.
15 जुलाई तक प्रक्रिया : हालांकि सरकार की ओर से लगातार महात्मा गांधी स्कूल खोले जाने की घोषणा के बाद अब प्रदेश में 1181 स्कूल 1 जुलाई से शुरू होने वाले सत्र में शुरू करने की बात कही जा रही है और जिसकी विद्यार्थियों के प्रवेश और नियुक्त होने वाले शिक्षकों की प्रक्रिया हर हाल में 15 जुलाई तक करने के लिए निदेशालय स्तर से निर्देश दिए गए हैं. लेकिन इसी बीच फिर से यह सवाल खड़ा हो रहा है कि जो पद रिक्त होंगे, उनको भरने के लिए विभाग कब कवायद करेगा. क्योंकि विभाग के स्तर पर साक्षात्कार की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है ऐसे में गेस्ट फैकल्टी के तौर पर रिटायर्ड या बेरोजगारों को जॉइनिंग देने की प्रक्रिया भी अभी दूर है ऐसे में सवाल यह भी है कि 15 जुलाई तक नई स्कूलों में पद कैसे भरे जाएंगे.
नहीं आया आंकड़ा सामने: वर्तमान में प्रक्रिया जारी है. ऐसे में इन स्कूलों में पदों के रिक्त होने का सही आंकड़ा सामने नहीं आया है. पूर्व में शिक्षा विभाग की ओर से 740 स्कूलों के डाटा में करीब 6500 पद रिक्त थे. जिसके बाद मई और जून में इन स्कूलों के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया की गई है. हालांकि उस प्रक्रिया के तहत चयनित शिक्षकों के पदस्थापन के आदेश अभी तक जारी नहीं हुए हैं. ऐसे में अब नए और 400 से ज्यादा स्कूलों को खोलने की घोषणा के बाद पदों के भरने के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया शुरू की जा रही है और 15 जुलाई के बाद ही तस्वीर साफ होगी.
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प्रक्रिया के बाद भरेंगे रिक्त पद : शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने बताया कि सरकार की ओर से हाल ही में नए खोले जाने स्कूलों की स्वीकृति के बाद इन स्कूलों को 15 जुलाई से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है और इसको लेकर विद्यार्थियों के प्रवेश और शिक्षकों के पदस्थापन के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया को भी 15 जुलाई से पहले पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के बाद रिक्त रहे पदों को गेस्ट फैकल्टी और विद्या संबल योजना के तहत भरा (Teachers as guest faculty) जाएगा क्योंकि रिक्त पदों का आंकड़ा 15 जुलाई के बाद सामने आएगा.
अलग कैडर बनेगा: भविष्य में अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के लिए विशेष शिक्षा की तर्ज पर अलग कैडर बनाया जाएगा और उन शिक्षकों की भर्ती, पदस्थापन, पदोन्नति की प्रक्रिया भी उसी के अनुरूप की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के लिए पदों का कैडर बनाया जा रहा है. इसमें विभाग में वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों में से चयन के अलावा नई होने वाली भर्ती के साथ ही संविदा पर भी भर्ती की जाएगी और संविदा पर 5 साल काम करने के बाद उन्हें स्थाई किया जाएगा.
संविदा को लेकर 2022 की गाइडलाइन के मुताबिक कवायद की जा रही है. इसे सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक अलग कैडर में 10,000 पदों की स्वीकृति की बात कही जा रही है. लेकिन जिस हिसाब से प्रदेश में महात्मा गांधी स्कूल खोले जा रहे हैं, उस अनुपात में यह संख्या काफी कम रहेगी. क्योंकि शुरुआत में प्राथमिक विद्यालय के रूप में न्यूनतम 15 के स्टाफ की जरूरत होगी और माध्यमिक के रूप में क्रमोन्नत होने के बाद यह संख्या 23 पहुंच जाएगी. ऐसे में शुरुआती दौर में ही प्रदेश में महात्मा गांधी स्कूलों की संख्या 1181 हो चुकी है.