बीकानेर. रेमेडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में जांच कर रही एसओजी ने तीन दवा विक्रेताओं को गिरफ्तार किया गया है. इन तीनों दवा विक्रेताओं को गुरुवार को जयपुर कोर्ट में पेश किया जाएगा. वही कुछ दवा विक्रेताओं को पाबंद किया गया है.
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गौरतलब है कि बीकानेर में 1 अप्रैल से लेकर 3 मई तक कुल 1400 रेमेडिसिवर इंजेक्शन में 510 इंजेक्शन की कालाबाजारी सामने आई थी इसको लेकर एसओजी जांच कर रही है.
बताया जा रहा है कि कुल 1400 इंजेक्शन के मुकाबले सहायक औषधि अधिकारी के पास दर्ज रिकॉर्ड में 890 इंजेक्शन का ही रिकॉर्ड है ऐसे में 510 इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में एसओजी ने जांच शुरू की. जिसमें बीकानेर की छह दवा विक्रेताओं के अलावा 25 से ज्यादा चिकित्सक और बीकानेर के 6 अस्पताल के साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों के अलावा पश्चिम बंगाल के कोलकाता और हरियाणा के अस्पताल को भी जांच के दायरे में रखा गया है.
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इस मामले में बुधवार को एसओजी की ओर से दवा विक्रेताओं को गिरफ्तार करने की बात हुई थी लेकिन देर रात तक एसओजी के अधिकारियों ने इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की और गिरफ्तार किए गए दवा विक्रेताओं को छोड़ने की बात भी सामने आई थी, लेकिन देर रात एसओजी के अधिकारियों ने तीन दवा विक्रेताओं मित्तल फार्मा के विनय मित्तल मित्तल ट्रेड सेंटर के अनुज अग्रवाल व प्रदीप अग्रवाल को हिरासत में करने की पुष्टि की. इसके अलावा दो दवा विक्रेताओं को पाबन्द करने की बात कही है. एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ने बताया कि ड्रग डीलरों से पूछताछ के बाद अब चिकित्सकों से पूछताछ की जाएगी.