बीकानेर. बीकानेर. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने का सिलसिला जारी है. लेकिन युद्ध शुरू होने के बाद वहां से वापस आने में खासी परेशानी हो रही है. केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए कवायद (Student Reaches Bikaner Amid Ukraine Crisis) तेज कर दिया है. जिसके चलते भारतीय स्टूडेंट यूक्रेन के पड़ोसी देशों से होते हुए भारत वापस आ रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार यूक्रेन में फंसी बीकानेर निवासी शिवांगी शर्मा वापस लौटी.
बुधवार को नाल एयरपोर्ट पर शिवांगी के पहुंचने के बाद उसके परिजन भावुक हो गए. इस दौरान शिवांगी ने वहां युद्ध के बीच बिताए एक सप्ताह के हालातों को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की. शिवांगी ने कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद वहां अब धीरे-धीरे हालात खराब हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनकी यूनिवर्सिटी ने शुरुआत में 10 दिन की छुट्टी करने की बात कही है. अब आगे की स्थिति के बाद ही आगे निर्णय होगा. शिवांगी ने कहा कि हम लोग पोलैंड बॉर्डर तक पहुंचे उसमें हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और खुले में ठंड में रात गुजारते हुए कई किलोमीटर तक पैदल भी चलना पड़ा.
दूतावास के अधिकारियों ने सहयोग कियाः शिवानी ने कहा कि पौलेंड में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने सहयोग किया और वहां से फ्लाइट को लेकर सारी व्यवस्थाएं की. साथ ही दिल्ली एयरपोर्ट पर भी रिसीव करने के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मौजूद थी. दिल्ली एयरपोर्ट पर राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने बीकानेर पहुंचने की व्यवस्था की. इस पूरी यात्रा में हमारा एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है.
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शिवांगी के पिता दिनेश शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पिछले एक सप्ताह से हम तनाव में थे. लेकिन लगातार शिवांगी से बात हो पा रही थी. इसलिए चिंता थोड़ी कम थी और अब बेटी घर आ गई है तो बहुत अच्छा लग रहा है. शिवांगी के पिता दिनेश शर्मा ने बीकानेर के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुधीश शर्मा को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने इस कठिन समय में सरकार और प्रशासन के साथ ही हमारे साथ लगातार संपर्क बनाए रखा.
30 किलोमीटर पैदल चलेः यूक्रेन में फंसा धौलपुर जिले का एक छात्र अपने घर लौट आया है. धौलपुर लौटने पर उसके घर पर होली से पहले ही होली जैसा माहौल है. घर के सभी लोग काफी खुश हैं. एमबीबीएस के छात्र शिवपाल का कहना है कि यूक्रेन में हालात बहुत ही गंभीर हो गए हैं. वहां पर लगातार बमबारी हो रही है. ऐसे में वहां से बॉर्डर तक पहुंचना काफी मुसीबतों भरा है.
शिवपाल ने बताया कि 30 किलोमीटर पैदल चल कर बॉर्डर तक पहुंचा. कुछ स्टूडेंट वतन वापिसी कर चुके हैं और काफी छात्र बॉर्डर पर मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि वहां फंसे छात्रों को यूक्रेन का कोई भी सपोर्ट नहीं मिल पा रहा हैं. उन्होंने अपनी घर वापसी पर भारत सरकार और राजस्थान सरकार को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान काफी सहायता की और बॉर्डर से मुंबई लाया गया. राजस्थान सरकार के अधिकारियो ने सहायता की और घर तक के सफर की पूरी जिम्मेदारी निभाई.