बीकानेर. नगर निकाय चुनाव के 19 नवंबर को आए परिणाम के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के खेमों में खलबली मची हुई है. दोनों ही दलों के नेता अपने-अपने हिसाब से नगर निगम में खुद का बोर्ड बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अब इसका फैसला मंगलवार को हो जाएगा.
दरअसल, इस बार बीकानेर नगर निगम में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों को बहुमत हासिल नहीं हो पाया, जिससे दोनों ही पार्टियां पूरी तरह से निर्दलीयों के भरोसे हो गई है. बीकानेर नगर निगम के 80 वार्डों में हुए चुनाव में भाजपा 38 सीट जीतकर सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई और कांग्रेस को 30 सीटें हासिल हुई. वहीं 12 सीटों पर निर्दलीय और अन्य ने जीत दर्ज की. सभापति पद के लिए भाजपा ने जहां सुशीला कंवर राजपुरोहित को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने अंजना खत्री पर अपना दांव खेला है.
हालांकि, भाजपा का दावा है कि उसके पास सात निर्दलीयों का समर्थन है तो वहीं चार निर्दलीयों को साधने में सफल हुई. साथ ही कांग्रेस का दावा है कि भाजपा में असंतुष्ट क्रॉस वोटिंग करेंगे और कांग्रेस का बोर्ड बन जाएगा. इसके अलावा बीकानेर की दो दिग्गज नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई है. भाजपा में जहां पूरे चुनाव की कमान केंद्र राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल के हाथ में रही तो वहीं कांग्रेस की पूरी चुनावी कमान प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बीडी कला के हाथ में रही.
ऐसे में अब नगर निगम में सत्ता की लड़ाई भी इन दोनों की बीच वर्चस्व की लड़ाई बन चुकी है. अब यह तो मंगलवार को चुनाव परिणाम से ही सामने आएगा कि इस वर्चस्व की लड़ाई में कौन किस को मात देने में सफल हो पाता है. हालांकि दोनों ही पार्टियों के पार्षदों को प्रशिक्षण के नाम पर बीकानेर से बाहर बाड़ेबंदी में ले जाया हुआ है और अब सीधे मंगलवार को सुबह ही बीकानेर पहुंचेंगे. इसके साथ ही मंगलवार को महापौर के चुनाव के बाद ही उप महापौर के लिए नामांकन भी होंगे.