ETV Bharat / city

SPECIAL: विलय के समय हुए फैसले पर शिक्षा का मुख्यालय बना बीकानेर, लेकिन धीरे-धीरे हुआ कमजोर

हाल ही में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE Proposed Office In Bikaner) के संभागीय कार्यालय को बीकानेर स्थापित करने के बाद राजनीति होने लगी है. अजमेर के भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस की नेता भी इसके विरोध में है. इसे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का विखंडन बताया जा रहा है. ऐसे में जब बोर्ड के विस्तार को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं तो बात बीकानेर की भी की जानी चाहिए. दरअसल रियासतों के विलय करण के बाद बीकानेर में शिक्षा का मुख्यालय रखने के लिए निर्णय किया गया था. लेकिन आज धीरे-धीरे शिक्षा के इस मुख्यालय को कमजोर किया जा रहा है देखिए यह रिपोर्ट.

RBSE In Bikaner Controversy
अपनों ने नहीं दिया साथ
author img

By

Published : Jan 16, 2022, 10:57 AM IST

बीकानेर: देश की आजादी के बाद देसी रियासतों के विलयीकरण (Merger Of Princely States In Rajasthan) के समय अलग-अलग रियासतों में अलग-अलग कार्यों के हिसाब से कुछ निर्णय किए गए और इसी में एक निर्णय बीकानेर में शिक्षा का मुख्यालय होने को लेकर भी हुआ. समय के साथ इस पर धूल पड़ने लगी.

धीरे-धीरे शिक्षा के मुख्यालय के तौर पर बीकानेर (RBSE Proposed Office In Bikaner) की पहचान को कमजोर किया गया और अन्य शिक्षा की तो बात छोड़िए खुद शिक्षा विभाग के कई कारणों को अन्यत्र शुरू किया गया और यहां तक कि अधिकारी के शिक्षा निदेशालय के अनुभवों को भी वहां स्थान्तरित कर दिया गया. दरअसल इन सब के पीछे राजनीतिक कारण तो रहे लेकिन इसका बड़ा कारण बीकानेर में राजनीति से जुड़े लोगों का एकमंच पर न आना भी रहा.

जिन्होंने नहीं ली सुध अब उनसे ही आस

पढे़ं- RBSE AJMER CASE : खैरात में नहीं मिली है संस्था, यह अजमेर का हक - वासुदेव देवनानी

अपनों ने ही कमजोर किया

किसी भी विभाग का Headquarter उस विभाग की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होता है और सभी प्रकार के नीतिगत फैसले भी मुख्यालय स्तर पर होते हैं लेकिन शायद शिक्षा विभाग ही एक ऐसा विभाग है जिसके अधिकांश निर्णय इसके मुख्यालय में नहीं होकर जयपुर में किए जाते हैं.

राजस्थान शिक्षा विभागीय संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यनारायण व्यास कहते हैं कि अब तो केवल बीकानेर में नाम का शिक्षा निदेशालय है. कहते हैं कि अब केवल यह ढांचे के रूप में है और इसके अधिकांश हिस्से और आत्मा रूपी विभाग जयपुर में ही (RBSE proposed 2nd office in Bikaner Sparks Controversy) है. कहते हैं कि विलय के समय तत्कालीन महाराजा सार्दुल सिंह के साथ हुए समझौते का यह खुले तौर पर उल्लंघन है.

कर्मचारियों की मांग- बनायें मजबूत

संघ के प्रदेश महामंत्री मधुसूदन व्यास कहते हैं कि जिस तरह से रेवेन्यू बोर्ड अजमेर (Revenue Board Ajmer) में है और रेवेन्यू बोर्ड में जिस तरह के मुख्यालय स्तर के काम अजमेर में होते हैं वैसे ही शिक्षा विभाग में भी यह प्रणाली होनी चाहिए. लेकिन अपनी राजनीतिक व्यवस्था के हिसाब से धीरे-धीरे शिक्षा निदेशालय (Politics Weaken RBSE 2nd Head Office Bikaner) को कमजोर किया गया लेकिन फिर से कर्मचारियों की मांग है कि निदेशालय को मजबूत किया जाए और और सुदृढ़ किया जाए.

शिक्षक संघ शेखावत के जिला अध्यक्ष संजय पुरोहित कहते हैं कि प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के अधीन सारे काम बीकानेर में होनी चाहिए. हो रहा है इसके उलट. बात चाहे समग्र शिक्षा की हो या शिक्षा संकुल की जयपुर में स्थापित करने की धीरे-धीरे निदेशालय को कमजोर ही किया गया है और एक समानांतर व्यवस्था जयपुर में स्थापित कर दी गई है.

पढ़ें- RBSE zone office in Bikaner issue : राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विखंडन का मामला पकड़ने लगा तूल, सांसद भगीरथ चौधरी ने साधा निशाना

शिक्षक संघ की दो टूक- अब नहीं होगा ऐसा

संजय पुरोहित कहते हैं कि अब कर्मचारी और शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे और बीकानेर को वापस उसका हक मिले इसके लिए प्रयास किए. उन्होंने कहा कि प्री डीएलएड और आठवीं बोर्ड की परीक्षा बीकानेर पंजीयक कार्यालय करवा रहा है लेकिन इसको लेकर दो प्रकोष्ठ शिक्षा संकुल में संचालित हो रहे हैं.

कर्मचारी संगठन लोकतांत्रिक के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनवारी शर्मा ने कहा कि बीकानेर में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के संभागीय कार्यालय के शुरू होने की सुगबुगाहट पर जिस तरह से विरोध हुआ है वह गलत है. उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से समझौता हुआ उस मुताबिक तो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का कार्यालय भी बीकानेर में होना चाहिए लेकिन अगर व्यवस्था का विकेंद्रीकरण हो रहा है तो वह गलत नहीं है लेकिन मुख्यालय तो अजमेर ही है.

शर्मा कहते हैं जिस तरह से शिक्षा निदेशालय को कमजोर किया जा रहा है वह पूरी तरह से गलत है और आने वाले दिनों में इसको लेकर सभी कर्मचारी संगठन शिक्षक कर्मचारी एक मंच पर आकर आवाज उठाएंगे. शिक्षा निदेशालय को वापस उसके मूल रूप में लाया जाए इसको लेकर प्रयास किए जाएंगे.

सुविधा के चक्कर में हुआ बंटाधार

आजादी के बाद धीरे-धीरे व्यवस्थाओं के अनुरूप नए कार्यालय को जयपुर में शुरू किया गया. इसके पीछे मंशा यही थी कि विभागीय मंत्री अपने स्तर पर सारी व्यवस्थाओं को चाहते थे. अपनी निगरानी और सुविधानुसार काम करने चाहते थे. ऐसे में शिक्षा निदेशालय की बजाय जयपुर में ही शिक्षा विभाग की नई कंट्रोलिंग व्यवस्था शुरु हुई.

दो IAS के पास जिम्मेदारी लेकिन एक पद खाली
शिक्षा निदेशालय में प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा को अलग किया हुआ है. दोनों के निदेशक भी अलग-अलग हैं लेकिन लंबे समय से प्रारंभिक शिक्षा में सरकार ने कोई निदेशक नहीं बनाया है ऐसे में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ही प्रारंभिक शिक्षा का काम देख रहे हैं. वर्तमान में शिक्षा निदेशक के रूप में कानाराम के पास प्रारम्भिक शिक्षा का चार्ज है.

उम्मीद के वजह है मंत्रीजी!

अब प्रदेश की शिक्षा का जिम्मा बीकानेर पश्चिम से ही विधायक डॉ बी डी कल्ला के पास है. ऐसे में एक बार फिर बीकानेर में शिक्षा निदेशालय को मजबूत करने की उम्मीद हो रही है. इसका कारण है कि शिक्षा मंत्री रहते हुए मंत्री बीडी कल्ला ने शिक्षा निदेशालय को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए. इस दौरान देखा ये गया कि जब कल्ला विपक्ष में रहे या कांग्रेस की सरकार में ही अन्य कोई शिक्षा मंत्री रहा तो निदेशालय की मजबूती के लिए काम नहीं हुआ. अरसे बाद शिक्षा मंत्री के रूप में बीडी कल्ला के पास जिम्मेदारी है तो निदेशालय के मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है.

पढ़ें-RBSE zone office in Bikaner issue : राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विखंडन का मामला पकड़ने लगा तूल, सांसद भगीरथ चौधरी ने साधा निशाना

पढ़ें- SPECIAL : अजमेर राजस्व मंडल को लेकर सियासी घमासान...आयुक्तालय जयपुर ले जाने की आशंका के बीच विरोध शुरू

रियासतकालीन भवन में ही हो रहा संचालित

शिक्षा निदेशालय वर्तमान में जिस स्थान पर है वह बीकानेर रियासतकालीन भवन है. कभी वहां रियासत से जुड़े महत्वपूर्ण काम होते थे. विलय के समय यह बिल्डिंग सरकार को निदेशालय स्थापित करने के लिए दी गई.

आपत्ति इस पर भी

जयपुर में संचालित हो रहे ऐसे विभाग भी हैं जिन्हें मुख्यालय स्तर पर होना चाहिए, लेकिन हो इसके विपरीत रह है. इनको शिक्षा विभाग से अलग करते हुए संचालित किया जा रहा है. अब इसी पर शिक्षकों और कर्मचारियों को आपत्ति है. उनका कहना ये है कि इसके साथ ही निदेशालय में स्थापित कुछ विभागों के अलग से प्रकोष्ट बनाकर जयपुर में ही काम करवाया जा रहा है और नियंत्रण भी जयपुर से ही हो रहा है, जो गलत है.

विभाग जो नहीं हैं यहां

समग्र शिक्षा अभियान

पाठ्य पुस्तक मंडल, जयपुर

ICTE लैब, जयपुर

शिक्षक प्रशिक्षण जयपुर/उदयपुर

प्री डीएलएड और आठवीं बोर्ड के प्रकोष्ठ जयपुर

शाला दर्पण पोर्टल से जुड़ा काम

समाज शिक्षा विभाग के अनुभाग निदेशालय में है लेकिन इसे जुड़े काम भी जयपुर में ही हो रहा है.

एसआईईआरटी, उदयपुर

बीकानेर: देश की आजादी के बाद देसी रियासतों के विलयीकरण (Merger Of Princely States In Rajasthan) के समय अलग-अलग रियासतों में अलग-अलग कार्यों के हिसाब से कुछ निर्णय किए गए और इसी में एक निर्णय बीकानेर में शिक्षा का मुख्यालय होने को लेकर भी हुआ. समय के साथ इस पर धूल पड़ने लगी.

धीरे-धीरे शिक्षा के मुख्यालय के तौर पर बीकानेर (RBSE Proposed Office In Bikaner) की पहचान को कमजोर किया गया और अन्य शिक्षा की तो बात छोड़िए खुद शिक्षा विभाग के कई कारणों को अन्यत्र शुरू किया गया और यहां तक कि अधिकारी के शिक्षा निदेशालय के अनुभवों को भी वहां स्थान्तरित कर दिया गया. दरअसल इन सब के पीछे राजनीतिक कारण तो रहे लेकिन इसका बड़ा कारण बीकानेर में राजनीति से जुड़े लोगों का एकमंच पर न आना भी रहा.

जिन्होंने नहीं ली सुध अब उनसे ही आस

पढे़ं- RBSE AJMER CASE : खैरात में नहीं मिली है संस्था, यह अजमेर का हक - वासुदेव देवनानी

अपनों ने ही कमजोर किया

किसी भी विभाग का Headquarter उस विभाग की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होता है और सभी प्रकार के नीतिगत फैसले भी मुख्यालय स्तर पर होते हैं लेकिन शायद शिक्षा विभाग ही एक ऐसा विभाग है जिसके अधिकांश निर्णय इसके मुख्यालय में नहीं होकर जयपुर में किए जाते हैं.

राजस्थान शिक्षा विभागीय संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यनारायण व्यास कहते हैं कि अब तो केवल बीकानेर में नाम का शिक्षा निदेशालय है. कहते हैं कि अब केवल यह ढांचे के रूप में है और इसके अधिकांश हिस्से और आत्मा रूपी विभाग जयपुर में ही (RBSE proposed 2nd office in Bikaner Sparks Controversy) है. कहते हैं कि विलय के समय तत्कालीन महाराजा सार्दुल सिंह के साथ हुए समझौते का यह खुले तौर पर उल्लंघन है.

कर्मचारियों की मांग- बनायें मजबूत

संघ के प्रदेश महामंत्री मधुसूदन व्यास कहते हैं कि जिस तरह से रेवेन्यू बोर्ड अजमेर (Revenue Board Ajmer) में है और रेवेन्यू बोर्ड में जिस तरह के मुख्यालय स्तर के काम अजमेर में होते हैं वैसे ही शिक्षा विभाग में भी यह प्रणाली होनी चाहिए. लेकिन अपनी राजनीतिक व्यवस्था के हिसाब से धीरे-धीरे शिक्षा निदेशालय (Politics Weaken RBSE 2nd Head Office Bikaner) को कमजोर किया गया लेकिन फिर से कर्मचारियों की मांग है कि निदेशालय को मजबूत किया जाए और और सुदृढ़ किया जाए.

शिक्षक संघ शेखावत के जिला अध्यक्ष संजय पुरोहित कहते हैं कि प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के अधीन सारे काम बीकानेर में होनी चाहिए. हो रहा है इसके उलट. बात चाहे समग्र शिक्षा की हो या शिक्षा संकुल की जयपुर में स्थापित करने की धीरे-धीरे निदेशालय को कमजोर ही किया गया है और एक समानांतर व्यवस्था जयपुर में स्थापित कर दी गई है.

पढ़ें- RBSE zone office in Bikaner issue : राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विखंडन का मामला पकड़ने लगा तूल, सांसद भगीरथ चौधरी ने साधा निशाना

शिक्षक संघ की दो टूक- अब नहीं होगा ऐसा

संजय पुरोहित कहते हैं कि अब कर्मचारी और शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे और बीकानेर को वापस उसका हक मिले इसके लिए प्रयास किए. उन्होंने कहा कि प्री डीएलएड और आठवीं बोर्ड की परीक्षा बीकानेर पंजीयक कार्यालय करवा रहा है लेकिन इसको लेकर दो प्रकोष्ठ शिक्षा संकुल में संचालित हो रहे हैं.

कर्मचारी संगठन लोकतांत्रिक के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनवारी शर्मा ने कहा कि बीकानेर में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के संभागीय कार्यालय के शुरू होने की सुगबुगाहट पर जिस तरह से विरोध हुआ है वह गलत है. उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से समझौता हुआ उस मुताबिक तो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का कार्यालय भी बीकानेर में होना चाहिए लेकिन अगर व्यवस्था का विकेंद्रीकरण हो रहा है तो वह गलत नहीं है लेकिन मुख्यालय तो अजमेर ही है.

शर्मा कहते हैं जिस तरह से शिक्षा निदेशालय को कमजोर किया जा रहा है वह पूरी तरह से गलत है और आने वाले दिनों में इसको लेकर सभी कर्मचारी संगठन शिक्षक कर्मचारी एक मंच पर आकर आवाज उठाएंगे. शिक्षा निदेशालय को वापस उसके मूल रूप में लाया जाए इसको लेकर प्रयास किए जाएंगे.

सुविधा के चक्कर में हुआ बंटाधार

आजादी के बाद धीरे-धीरे व्यवस्थाओं के अनुरूप नए कार्यालय को जयपुर में शुरू किया गया. इसके पीछे मंशा यही थी कि विभागीय मंत्री अपने स्तर पर सारी व्यवस्थाओं को चाहते थे. अपनी निगरानी और सुविधानुसार काम करने चाहते थे. ऐसे में शिक्षा निदेशालय की बजाय जयपुर में ही शिक्षा विभाग की नई कंट्रोलिंग व्यवस्था शुरु हुई.

दो IAS के पास जिम्मेदारी लेकिन एक पद खाली
शिक्षा निदेशालय में प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा को अलग किया हुआ है. दोनों के निदेशक भी अलग-अलग हैं लेकिन लंबे समय से प्रारंभिक शिक्षा में सरकार ने कोई निदेशक नहीं बनाया है ऐसे में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ही प्रारंभिक शिक्षा का काम देख रहे हैं. वर्तमान में शिक्षा निदेशक के रूप में कानाराम के पास प्रारम्भिक शिक्षा का चार्ज है.

उम्मीद के वजह है मंत्रीजी!

अब प्रदेश की शिक्षा का जिम्मा बीकानेर पश्चिम से ही विधायक डॉ बी डी कल्ला के पास है. ऐसे में एक बार फिर बीकानेर में शिक्षा निदेशालय को मजबूत करने की उम्मीद हो रही है. इसका कारण है कि शिक्षा मंत्री रहते हुए मंत्री बीडी कल्ला ने शिक्षा निदेशालय को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए. इस दौरान देखा ये गया कि जब कल्ला विपक्ष में रहे या कांग्रेस की सरकार में ही अन्य कोई शिक्षा मंत्री रहा तो निदेशालय की मजबूती के लिए काम नहीं हुआ. अरसे बाद शिक्षा मंत्री के रूप में बीडी कल्ला के पास जिम्मेदारी है तो निदेशालय के मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है.

पढ़ें-RBSE zone office in Bikaner issue : राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विखंडन का मामला पकड़ने लगा तूल, सांसद भगीरथ चौधरी ने साधा निशाना

पढ़ें- SPECIAL : अजमेर राजस्व मंडल को लेकर सियासी घमासान...आयुक्तालय जयपुर ले जाने की आशंका के बीच विरोध शुरू

रियासतकालीन भवन में ही हो रहा संचालित

शिक्षा निदेशालय वर्तमान में जिस स्थान पर है वह बीकानेर रियासतकालीन भवन है. कभी वहां रियासत से जुड़े महत्वपूर्ण काम होते थे. विलय के समय यह बिल्डिंग सरकार को निदेशालय स्थापित करने के लिए दी गई.

आपत्ति इस पर भी

जयपुर में संचालित हो रहे ऐसे विभाग भी हैं जिन्हें मुख्यालय स्तर पर होना चाहिए, लेकिन हो इसके विपरीत रह है. इनको शिक्षा विभाग से अलग करते हुए संचालित किया जा रहा है. अब इसी पर शिक्षकों और कर्मचारियों को आपत्ति है. उनका कहना ये है कि इसके साथ ही निदेशालय में स्थापित कुछ विभागों के अलग से प्रकोष्ट बनाकर जयपुर में ही काम करवाया जा रहा है और नियंत्रण भी जयपुर से ही हो रहा है, जो गलत है.

विभाग जो नहीं हैं यहां

समग्र शिक्षा अभियान

पाठ्य पुस्तक मंडल, जयपुर

ICTE लैब, जयपुर

शिक्षक प्रशिक्षण जयपुर/उदयपुर

प्री डीएलएड और आठवीं बोर्ड के प्रकोष्ठ जयपुर

शाला दर्पण पोर्टल से जुड़ा काम

समाज शिक्षा विभाग के अनुभाग निदेशालय में है लेकिन इसे जुड़े काम भी जयपुर में ही हो रहा है.

एसआईईआरटी, उदयपुर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.