बीकानेर. पूरी दुनिया में रसगुल्ला और नमकीन के लिए मशहूर बीकानेर में खाने-पीने के शौकीनों की कमी नहीं है. वैसे तो बीकानेर में बनी खास नमकीन का तीखापन और रसगुल्लों की मिठास पूरी दुनिया में मशहूर है. बात की जाए बीकानेर में बीकानेर के लोगों के लिए बनने वाले खाने के आइटम की तो इस मामले में कचौरी सबसे ऊपर है. सुनने में भले ही अटपटा लगे लेकिन बीकानेर में हर रोज एक लाख कचौरी को यहां के बाशिंदे चट कर जाते हैं.
बीकानेर में शुरू से ही लोग खाने-पीने के शौकीन माने जाते रहे हैं. यहां की चायपट्टी इस मामले में पूरी देश में मशहूर है. देश के कोने कोने से यहां घूमने के लिए आने वाला शख्स एक बार चाय पट्टी की ओर रुख जरूर करता है. सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक चाय पट्टी पूरी तरह से गुलजार रहती है.
अलसुबह ही यहां कचौरी को खाने के शौकीन लोगों की भीड़ शुरू हो जाती है. तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा दुकानें चाय पट्टी में कचौरी के लिए प्रसिद्ध है. पूरे बीकानेर में तकरीबन साढ़े तीन सौ से ज्यादा दुकानों में हर रोज एक लाख से ज्यादा कचौरियों की खपत होती है. कचौरी खाने के शौकीन लोग कहते हैं कि यहां का स्वाद अलग है .सुबह नाश्ते में उनका कचौरियों की आदत हो गई है. इसलिए हर रोज यहां आते हैं.
कचौरी की एक दुकान के संचालक कहते हैं कि उनकी दुकान करीब 4 दशक पुरानी है. और उनकी दुकान में आने वाले 30 फ़ीसदी लोग ऐसे हैं जो तकरीबन 30 सालों से उनकी दुकान में कचौरी खाने के लिए हर रोज आते हैं. वह कहते है कि कचौरी का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. कचौरी खाने के शौकीन कहते हैं कि वर्तमान में लोग जंक फूड की तरफ आकर्षित हो रहे है.लेकिन आज भी जंक फूड के इस युग में बीकानेर में कचौरी का अपना एक अलग क्रेज है.