बीकानेर. रम्मत फेस्टिवल से बीकानेर के लोकनाट्य कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी. महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के रम्मत पार्क में आयोजित तीन दिवसीय रम्मत महोत्सव के दूसरे दिन शिरकत करते हुए उर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने यह बात कही. इस दौरान उन्होंने कहा कि रम्मतों का इतिहास बीकानेर के इतिहास से जुड़ा है. होली के त्योहार से पहले रम्मतों का मंचन शहर के सामाजिक ताने-बाने को और मजबूत बनाता है.
शनिवार को विश्वविद्यालय के पास में भक्त पूरणमल, शहजादी नौटंकी, अमर सिंह राठौड़ और स्वांग महरी रम्मत का मंचन हुआ. इस दौरान मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि रम्मतों का अपना एक इतिहास है. उन्होंने कहा कि इन दिनों में मंचन करने वाले कलाकार अब वृद्ध हो चुके हैं और ऐसे में आने वाली पीढ़ी इन रम्मतों से दूर होती जा रही है, क्योंकि संचार साधनों की युग में सोशल मीडिया लोगों के मनोरंजन का साधन बन चुका है. उन्होंने कहा कि पुराने समय में रम्मतें मनोरंजन का जरिया थी.
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विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित तीन दिवसीय समारोह को नई पीढ़ी के साथ ही बीकानेर के साहित्य और लोक नाट्य परंपरा को आगे ले जाने की शुरुआत बताते हुए उन्होंने कहा कि से बीकानेर को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिलेगी. इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि विवि परिसर में रम्मत पार्क का निर्माण करवाने और इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने से युवा अपनी सांस्कृतिक पहचान से रूबरू होंगे. साथ ही बीकानेर की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का एक कला उत्सव के रूप में आयोजन होना बड़ी बात है. रमत महोत्सव में कुलपति विनोद कुमार सिंह के साथ ही बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय स्टाफ और आमजन भी मौजूद रहे.