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शुक्रवार से शुरू होगा रम्मत महोत्सव, तीन दिनों में मंचित होंगी 11 रम्मतें, मंत्री बीडी कल्ला ने की तैयारियों की समीक्षा

होली के मौके पर बीकानेर में आयोजित होती रम्मतों को मंच प्रदान करते हुए कला एवं संस्कृति विभाग तथा महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय रम्मत महोत्सव शुक्रवार को प्रारंभ होगा. कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने गुरुवार को विश्वविद्यालय पहुंचकर इसकी पूर्व तैयारियों की समीक्षा की.

Ramat Festival at MGSU, Ramat Festival in Bikaner
शुक्रवार से शुरू होगा रम्मत महोत्सव
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Published : Mar 12, 2021, 1:53 AM IST

बीकानेर. कला एवं संस्कृति विभाग तथा महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय रम्मत महोत्सव शुक्रवार को प्रारंभ होगा. कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने गुरुवार को विश्वविद्यालय पहुंचकर इसकी पूर्व तैयारियों की समीक्षा की. डॉ. कल्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार आयोजित होने वाले रम्मत महोत्सव के लिए अधिक से अधिक लोगों को आमंत्रित किया जाए.

उन्होंने कहा कि होली के अवसर पर आयोजित होने वाली रम्मतें हमारी लोक संस्कृति का प्रमुख अंग हैं. यह रम्मतें बीकानेर को विशिष्ट पहचान दिलाती हैं. देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग इन रम्मतों को देखने के लिए बीकानेर आते हैं. इन सभी विशेषताओं के मद्देनजर कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा लोगों के बीच इन रम्मतों को प्रस्तुत करने का बीड़ा उठाया गया है, जिससे कि आमजन हमारी वैभवशाली लोक संस्कृति और लोक परंपराओं से रूबरू हो सके. साथ ही लोक कलाकारों के माध्यम से यह कला, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित हो.

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर भी इन रम्मतों को साझा किया जाए, जिससे दुनियाभर के लोगों के बीच हमारे इस हुनर को पहुंचाया जा सके. डॉ. कल्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा बीकानेर की लोक परंपराओं को मंच प्रदान करने के लिए रम्मत पार्क बनाया है. यह अपने आप में अभिनव पहल है. यहां सतत रूप से ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं और इनमें अधिक से अधिक लोगों का जुड़ाव हो, ऐसे प्रयास किए जाएं. डॉ. कल्ला ने रम्मत महोत्सव के लिए बैठक व्यवस्था, प्रतिदिन आयोजित होने वाली रम्मतों, लोक कलाकारों के लिए की गई व्यवस्थाओं, आमंत्रण पत्र वितरण सहित तमाम व्यवस्थाओं की समीक्षा की. इस दौरान डाॅ. कल्ला ने धमाल गाकर लोक कलाकारों की हौसला अफजाई की.

राज्यपाल ऑनलाइन करेंगे उद्घाटन

कुलपति प्रो. वीके सिंह ने बताया कि रम्मत महोत्सव का उद्घाटन राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र सायं 7:15 बजे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर करेंगे. इस दौरान कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला और केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी अतिथि के रूप में जुड़ेंगे. कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ होगी. इसके बाद राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया जाएगा.

पढ़ें- भगवान महावीर की जयंती पर REET परीक्षा आयोजित करना जैन धर्म की आस्था से खिलवाड़ : पुनीत कर्णावट

राज्यपाल की अनुमति के शंख और नगाड़ा वादन के साथ रम्मत महोत्सव का आगाज होगा. तत्पश्चात सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी जाएगी. इसी श्रंखला में चंग धमाल और बांसुरी वादन होगा. ऑनलाइन माध्यम पर राज्यपाल और मंत्रियों का परिचय लोक कलाकारों से करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि रम्मत महोत्सव के लिए जिले के विभिन्न जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों तथा लोक कलाकारों को आमंत्रित किया गया है. रम्मत महोत्सव के दौरान राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों की लोक कलाओं और संस्कृति को भी प्रस्तुत किया जाएगा.

पहले दिन इन रम्मतों का होगा मंचन

विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव तथा आयोजन प्रभारी डॉ. बिट्ठल बिस्सा ने बताया कि रम्मत महोत्सव के पहले दिन मशालची नाइयों की वीर रस प्रधान अमर सिंह राठौड़, फक्कड़दाता तथा कीकाणी व्यासों के चौक की स्वांग मेहरी रम्मत का मंचन होगा. विश्वविद्यालय द्वारा बीकानेर शहर के विभिन्न मोहल्लों में होने वाली 11 रम्मतों का चयन किया गया है. रम्मत महोत्सव के दौरान प्रस्तुतीकरण देने वाले लोक कलाकारों का कला एवं संस्कृति विभाग तथा विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया जाएगा. इस दौरान लोक कलाकार गोपाल बिस्सा, अनिल कुमार छंगाणी, राघव पुरोहित आदि मौजूद रहे.

बीकानेर. कला एवं संस्कृति विभाग तथा महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय रम्मत महोत्सव शुक्रवार को प्रारंभ होगा. कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने गुरुवार को विश्वविद्यालय पहुंचकर इसकी पूर्व तैयारियों की समीक्षा की. डॉ. कल्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार आयोजित होने वाले रम्मत महोत्सव के लिए अधिक से अधिक लोगों को आमंत्रित किया जाए.

उन्होंने कहा कि होली के अवसर पर आयोजित होने वाली रम्मतें हमारी लोक संस्कृति का प्रमुख अंग हैं. यह रम्मतें बीकानेर को विशिष्ट पहचान दिलाती हैं. देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग इन रम्मतों को देखने के लिए बीकानेर आते हैं. इन सभी विशेषताओं के मद्देनजर कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा लोगों के बीच इन रम्मतों को प्रस्तुत करने का बीड़ा उठाया गया है, जिससे कि आमजन हमारी वैभवशाली लोक संस्कृति और लोक परंपराओं से रूबरू हो सके. साथ ही लोक कलाकारों के माध्यम से यह कला, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित हो.

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर भी इन रम्मतों को साझा किया जाए, जिससे दुनियाभर के लोगों के बीच हमारे इस हुनर को पहुंचाया जा सके. डॉ. कल्ला ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा बीकानेर की लोक परंपराओं को मंच प्रदान करने के लिए रम्मत पार्क बनाया है. यह अपने आप में अभिनव पहल है. यहां सतत रूप से ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं और इनमें अधिक से अधिक लोगों का जुड़ाव हो, ऐसे प्रयास किए जाएं. डॉ. कल्ला ने रम्मत महोत्सव के लिए बैठक व्यवस्था, प्रतिदिन आयोजित होने वाली रम्मतों, लोक कलाकारों के लिए की गई व्यवस्थाओं, आमंत्रण पत्र वितरण सहित तमाम व्यवस्थाओं की समीक्षा की. इस दौरान डाॅ. कल्ला ने धमाल गाकर लोक कलाकारों की हौसला अफजाई की.

राज्यपाल ऑनलाइन करेंगे उद्घाटन

कुलपति प्रो. वीके सिंह ने बताया कि रम्मत महोत्सव का उद्घाटन राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र सायं 7:15 बजे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर करेंगे. इस दौरान कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला और केंद्रीय भारी उद्योग राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी अतिथि के रूप में जुड़ेंगे. कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ होगी. इसके बाद राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया जाएगा.

पढ़ें- भगवान महावीर की जयंती पर REET परीक्षा आयोजित करना जैन धर्म की आस्था से खिलवाड़ : पुनीत कर्णावट

राज्यपाल की अनुमति के शंख और नगाड़ा वादन के साथ रम्मत महोत्सव का आगाज होगा. तत्पश्चात सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी जाएगी. इसी श्रंखला में चंग धमाल और बांसुरी वादन होगा. ऑनलाइन माध्यम पर राज्यपाल और मंत्रियों का परिचय लोक कलाकारों से करवाया जाएगा. उन्होंने बताया कि रम्मत महोत्सव के लिए जिले के विभिन्न जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों तथा लोक कलाकारों को आमंत्रित किया गया है. रम्मत महोत्सव के दौरान राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों की लोक कलाओं और संस्कृति को भी प्रस्तुत किया जाएगा.

पहले दिन इन रम्मतों का होगा मंचन

विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव तथा आयोजन प्रभारी डॉ. बिट्ठल बिस्सा ने बताया कि रम्मत महोत्सव के पहले दिन मशालची नाइयों की वीर रस प्रधान अमर सिंह राठौड़, फक्कड़दाता तथा कीकाणी व्यासों के चौक की स्वांग मेहरी रम्मत का मंचन होगा. विश्वविद्यालय द्वारा बीकानेर शहर के विभिन्न मोहल्लों में होने वाली 11 रम्मतों का चयन किया गया है. रम्मत महोत्सव के दौरान प्रस्तुतीकरण देने वाले लोक कलाकारों का कला एवं संस्कृति विभाग तथा विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया जाएगा. इस दौरान लोक कलाकार गोपाल बिस्सा, अनिल कुमार छंगाणी, राघव पुरोहित आदि मौजूद रहे.

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