बीकानेर. कोरोना के चलते 2 सालों से जहां शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हुई है. वहीं अब कोरोना के बाद सामान्य हुई परिस्थितियों में हो रही परीक्षाओं में सिलेबस कम करने की मांग उठ रही है. बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (MGSU) में अगामी महीनों में (demand to reduce the exam syllabus ) आयोजित होने वाली वार्षिक परीक्षाओं के सिलेबस में 50 फ़ीसदी की कमी और परीक्षा के समय को आधा करने की मांग को लेकर गुरुवार को छात्र संगठन एनएसयूआई (NSUI) के बैनर तले विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया और धरना देकर बैठ गए.
एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष रामनिवास कुकणा और डूंगर कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष कृष्ण कुमार गोदारा की अगुवाई में धरने पर बैठे छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. एनएसयूआई के पूर्व जिला अध्यक्ष रामनिवास कुकणा ने बताया कि प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी सिलेबस को 50 फीसदी कम किया गया है और परीक्षा के समय को भी 3 घंटे से घटाकर डेढ़ घंटे कर दिया गया है. लेकिन बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (MGSU) में अभी तक इस बात को लेकर किसी भी तरह का कोई निर्णय नहीं हुआ है. जबकि पूर्व में भी छात्र प्रतिनिधियों ने परीक्षा नियंत्रक और कुलपति से वार्ता की है. रामनिवास ने कहा कि कोरोना के चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई है और विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी हठधर्मिता पर अड़ा हुआ हुआ है.
कुकणा ने कहा कि बीकानेर संभाग के 4 जिलों के तकरीबन 450000 विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं और अभी तक इन छात्रों को इस बात का पता नहीं है कि उनका सिलेबस कम होगा या नहीं और परीक्षा का समय कम होगा या नहीं. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी पूरी तरह से असमंजस में है क्योंकि प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय में इस तरह का निर्णय हुआ है. लेकिन बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में अभी तक इसको लेकर किसी तरह का कोई निर्णय नहीं किया गया है. एक तरफ जहां विद्यार्थी सिलेबस को कम करने की मांग कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय वार्षिक परीक्षाओं के लिए आवेदन ले रहा है और साथ ही तीन गुना लेट फीस के साथ विद्यार्थियों से आवेदन लिए जा रहे हैं.