बीकानेर. लंबे समय से नियमित करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मदरसा पैरा टीचर्स के अब सरकार से दो-दो हाथ करते हुए नजर आ रहे हैं. बुधवार को शिक्षा मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गृह क्षेत्र पहुंचे मंत्री बीडी कल्ला को इन मदरसा पैरा टीचर्स के विरोध (Madrasa Para Teachers Protest In Rajasthan) का सामना करना पड़ा.
मंत्री की गाड़ी के आगे लेटे पैरा टीचर्स : दरअसल, मदरसा पैरा टीचर्स लंबे समय से नियमित करने की मांग (Regularization Of Madrassa Para Teachers) कर रहे हैं और मंत्री बीडी कल्ला के पास शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी आने के बाद उनके गृह क्षेत्र में मदरसा पैरा टीचर्स को उम्मीद है और इसी के चलते अपनी मांगों को लेकर वे मंत्री बीडी कल्ला से मिले (Protest Against Education Minister BD Kalla) और इस दौरान लंबे समय से उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर आक्रोश भी जताया.
इस दौरान बड़ी संख्या में महिला और पुरुष मदरसा पैरा टीचर्स मौजूद रहे और वे मंत्री बीडी कल्ला की गाड़ी के आगे लेट गए और कई देर तक गाड़ी को जाने नहीं दिया. जिसके बाद मंत्री बीडी कल्ला ने उनसे बात की और इस मौके पर पुलिस बल भी मौजूद रहा.
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ये है पूरा मामला : राज्य में 2001 से मदरसा पैरा टीचर्स की भर्ती होना शुरू हुई थी, 3500 रजिस्टर्ड मदरसों में इस समय 6000 से ज्यादा मदरसा पैरा टीचर्स सेवाएं दे रहे हैं. इनका अधिकतम मानदेय 9000 रुपए है और न्यूनतम 7000 रुपए का मानदेय दिया जाता है. पैराटीचर्स अरसे से न्यूनतम मानदेय 15 हजार रुपए करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी उनका जो मानदेय है, वहीं बढ़ता मुश्किल नजर आ रहा है. पिछली भाजपा सरकार के पांच सालों में दो बार इनके मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. नई सरकार आने के बाद से अब तक कोई बढ़ोतरी मानदेय में इन्हें नहीं मिली है, जबकि कांग्रेस सरकार ने 15 प्रतिशत बढ़ोतरी का वादा किया था