बीकानेर. जिले के नोखा डूंगरगढ़ नगर पालिका और देशनोक नगर पालिका का चुनाव परिणाम रविवार दोपहर तक सामने आ गया और चुनाव की तस्वीर भी पूरी तरह से साफ हो गई. जिले की नोखा नगरपालिका के चुनाव परिणाम में एक बार फिर नोखा विकास मंच का दबदबा कायम रहा और लगातार चौथी बार नोखा विकास मंच ने नोखा में विजय का परचम लहराया.
नोखा की कुल 45 में से 28 सीटों पर विकास मंच के प्रत्याशी जीतने में सफल रहे. वहीं भाजपा के खाते में महज 15 सीटें आई और दो सीटों पर निर्दलीय ने बाजी मारी. डूंगरगढ़ नगर पालिका में एक बार फिर लगातार भाजपा का कब्जा देखने को मिला और पिछले तीन दशक से लगातार चला रहा भाजपा का जीत का दौर एक बार फिर कायम रहा और यहां कुल 40 में से 23 सीटों पर भाजपा स्पष्ट बहुमत हासिल करने में सफल रही.
कांग्रेस को 14 सीटों पर जीत हासिल हुई और तीन निर्दलीय के खाते में गई. जिले की सबसे छोटी देशनोक नगरपालिका में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी के बीच लगातार संघर्ष का दौड़ देखने को मिला और यहां भाटी के प्रयासों से कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई है, लेकिन बहुमत से अभी भी कांग्रेस दूर है. ऐसे में कुल 25 सीटों की नगर पालिका में की 11 सीटों पर कांग्रेस 10 पर भाजपा तीन निर्दलीय और एक अन्य के खाते में गई है. ऐसे में अब दोनों ही पार्टियां निर्दलीयों के सहारे बोर्ड बनाने की जुगत में जुटी हुई है.
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शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी का कहना है कि देशनोक में कांग्रेस का बोर्ड बनेगा और पिछले 2 सालों में सरकार की ओर से किए गए कामों पर जनता ने भरोसा जताया है और लगातार 10 सालों से नगर पालिका भाजपा का बोर्ड था लेकिन अब कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई है. जिले की सबसे बड़ी जीत श्रीडूंगरगढ़ में देखने को मिली जहां वार्ड संख्या 40 से भाजपा की लक्ष्मी देवी ने 840 वोटों से जीत हासिल की है तो वहीं नोखा में वार्ड संख्या 4 से विकास मंच की अनीता 3 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे.
यह है दावेदार
बीकानेर में नोखा नगर पालिका में एक बार फिर निवर्तमान चेयरमैन नारायण झंवर ही विकास मंच के एकमात्र दावेदार हैं. श्रीडूंगरगढ़ में प्रीति शर्मा अरुण पारीक और विनोद गिरी गोसाई भाजपा के संभावित दावेदार हैं तो वहीं देशनोक में अभी तक तस्वीर साफ नहीं हुई है और निर्दलीयों के सहारे दोनों ही पार्टियां बोर्ड बनाने की जुगत में है. ऐसे में किसी निर्दलीय के हाथ बाजी लग सकती है.