बीकानेर. नशीली दवाइयों के नाम पर नशे के बढ़ रहे कारोबार पर लगाम कसने के लिए औषधि नियंत्रण आयुक्तालय की ओर से पूर्व में जारी आदेश को लेकर केमिस्ट एसोसिएशन के विरोध के बाद अब इस आदेश में संशोधन कर दिया गया (Drug controller amends order) है.
दरअसल दवाइयों में NRX ड्रग्स के मिश्रण की दवाइयों का इस्तेमाल मेडिकल में डॉक्टर अपने मरीजों पर करते हैं. लेकिन इन दवाइयों में मिश्रित साल्ट के चलते नशेड़ी भी इन दवाइयों को लेते हैं. इससे नशीले कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है. इसी की रोकथाम के लिए औषधि नियंत्रण विभाग ने मेडिकल स्टोर संचालकों के लिए एक आदेश जारी किया, जिसमें निर्देश दिए गए थे कि इस तरह के साल्ट की दवाइयों की बिक्री-खरीद से संबंधित सभी रिकॉर्ड हर रोज एसएसओ आइडी से लॉगिन कर एंट्री की जाए.
पढ़ें: कोटा: नहीं कर पाएंगे रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी, ड्रग कंट्रोलर हर इंजेक्शन का रख रहा हिसाब
इस आदेश के बाद इस आदेश के बाद एसोसिएशन विरोध में उतर (Chemist protest order of drug controller) गई और उनका तर्क था कि इस साल्ट में अलग-अलग तरह की बहुत सी दवाइयां होती हैं और इनकी बिक्री और खरीद भी हर रोज होती है. ऐसे में हर दवाई की खपत के आधार पर हर रोज इस तरह से अपडेशन करने की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है. इसमें समय लगता है और तकनीकी रूप से हर रोज संभव नहीं है. इस आदेश के जारी होने के बाद केमिस्ट एसोसिएशन ने ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक से मुलाकात की और अपनी परेशानी से अवगत (Chemist met to Drug controller) कराया. वार्ता के बाद आदेश में संशोधन करते हुए नशे के रूप में सर्वाधिक काम में ली जाने वाली तीन दवाइयों के रिकॉर्ड को ही मेंटेन करने का आदेश किया गया है.
ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक ने बताया कि अब मासिक रूप से मेडिकल स्टोर संचालक को केवल तीन दवाइयों का हिसाब रखना होगा, जिसमें उसकी खरीद और बिक्री से संबंधित सारा रिकॉर्ड होगा. गौरतलब है कि जिन तीन दवाइयों को लेकर ड्रग कंट्रोलर विभाग ने सर्वाधिक नशीली दवाइयों के रूप में मानते हुए रिकॉर्ड संधारण के निर्देश दिए हैं. इन्हीं दवाइयों में से एक ट्रामाडोल कई बार पुलिस कार्रवाई के दौरान जब्त की जाती है. हनुमानगढ़-गंगानगर जिले में कई बार पुलिस ने ड्रग तस्करों से ट्रामाडोल की बड़ी खेप जब्त की है.