बीकानेर: प्रदेश भाजपा में चल रहा पोस्टर वार अब जयपुर से लेकर बीकानेर तक पहुंच गया है. जयपुर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की तस्वीर सब ढूंढ रहे थे तो बीकानेर में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को तलाशा जा रहा है. यानी पोस्टर से मंत्री जी गायब हैं. संसदीय क्षेत्र में इस तरह दरकिनार किए जाने के मायने और मकसद को लेकर सियासी माथापच्ची शुरू हो गई है. ये सब कुछ प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह के दो दिनी बीकानेर दौरे पर दिखा.
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प्रदेश भाजपा में फिलहाल All Is Not Well स्पष्ट दिख रहा है. खेमेबाजी की चर्चा Talk Of The Town है. एक दूसरे के खिलाफ खुद को 21 साबित करने की जोर आजमाइश सब कर रहे हैं. फिलहाल रस्साकशी पोस्टर पर दिखने को लेकर है. गुटबाज हालांकि इसे हल्की बात मानते हैं जबकि जानते सब हैं कि जो नेता दिखता है वो...!
बीकानेर के दौरे पर आए प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह के स्वागत में बड़ी बड़ी होर्डिंग्स लगी, पोस्टर छाए रहे. जिला मुख्यालय से लेकर सड़क चौराहों पर इनमें बीकानेर की कई राजनीतिक हस्तियों की तस्वीरें चस्पा थीं. लेकिन यहीं से संसद पहुंचने वाले जिले के कद्दावर नेता अर्जुन राम मेघवाल गायब थे. मेघवाल के अलावा जिले के भाजपा विधायकों को भी इनमें जगह नहीं दी गई थी. ये सभी पोस्टर्स बीकानेर नगर विकास न्यास के पूर्व चेयरमैन और भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक महावीर रांका की अगुवाई में लगाए गए थे.
इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित बड़े नेताओं के फोटो नजर आए. अफसाना तो इसी बात पर बन रहा है कि भला मेघवाल को क्यों छोड़ दिया गया, क्योंकि वो पार्टी के बड़े नेता तो हैं ही साथ में बीकानेर से उनका गहरा नाता भी है.
लोगों को बीकानेर में सजे पोस्टर्स से यहीं के लोगों की नदारदगी कुछ अखर रही है. मेघवाल के अलावा बीकानेर पूर्व से विधायक सिद्धि कुमारी और लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा, नोखा के विधायक बिहारीलाल भी इन पोस्टर्स में कोई स्थान नहीं हासिल कर पाए. ये दर्शाता है कि पार्टी खेमेबाजी के दौर से गुजर रही है. मेघवाल के पोस्टर से गायब होने की एक खास वजह मंत्री जी के महावीर रांका से अच्छे संबंध न होना भी बताया जा रहा है.