ETV Bharat / city

डीएलबी निदेशक के खिलाफ बीकानेर महापौर ने खोला मोर्चा, सीएम गहलोत को लिखा पत्र

author img

By

Published : Jun 26, 2020, 1:41 AM IST

प्रदेश के नगरीय निकायों के प्रमुखों के अधिकारों को लेकर पिछले दिनों स्थानीय निकाय के निदेशक की ओर से किए आदेशों के बाद बीकानेर नगर निगम की महापौर सुशीला कंवर ने अब मोर्चा खोल दिया है. महापौर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को हटाने की मांग की है.

स्वायत शासन विभाग के निदेशक, सीएम को पत्र, Bikaner Mayor writes letter to CM, DLB Director
बीकानेर महापौर ने लिखा सीएम को पत्र

बीकानेर. प्रदेश के नगरीय निकायों के प्रमुखों के अधिकारों को लेकर पिछले दिनों स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक उज्जवल राठौड़ की ओर से जारी एक आदेश पर बीकानेर नगर निगम की महापौर सुशीला कंवर ने कड़ा रुख अपनाते हुए विरोध किया है. इसको लेकर महापौर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल और मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में उज्ज्वल राठौड़ की ओर से जारी किए गए आदेशों को गलत बताते हुए वापस लेने की मांग की गई है. साथ ही स्थानीय निकाय के अस्तित्व को बचाने का हवाला देते हुए उज्जवल राठौड़ को हटाने की भी मांग की है.

दरअसल, महापौर ने बीकानेर नगर निगम में कुछ पार्षदों के खिलाफ हुए कुछ दिन पहले हुए राजकार्य में बाधा के मुकदमे में निदेशक राठौड़ की ओर से की जा रही कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया है. राठौड़ ने पार्षदों और कर्मचारियों के बीच हुए विवाद के मामले में स्थानीय निकाय के उपनिदेशक बीकानेर को विभागीय स्तर पर मामले की जांच करने के लिए निर्देशित करते हुए रिपोर्ट मांगी थी. इस मामले में कर्मचारियों के साथ ही पार्षदों के आरोप पत्र विवरण और सेवा विवरण का रिकॉर्ड भी मांगा. राठौड़ के तरह विवरण मांगे जाने को महापौर ने हास्यास्पद बताते हुए मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में इस पर सवाल उठाया.

ये पढ़ें: केंद्रीय मंत्री शेखावत का कांग्रेस पर निशाना, कहा- गांधी परिवार ने ना जाने कितने और 'गुप्त समझौते' किए होंगे

उन्होंने कहा कि निदेशक राठौड़ को जनप्रतिनिधि और राजकीय कर्मचारियों के बीच का भेद ही मालूम नहीं है. क्योंकि जनप्रतिनिधि राजकीय सेवा आचरण के नियमों में नहीं आते और उन पर राजकीय सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध प्रयुक्त की जाने वाली विभागीय जांच की प्रणाली अपनाई नहीं जा सकती. पत्र में महापौर ने राठौड़ को अज्ञानी तक बताते हुए उन्हें हटाने की मांग की है.

ये पढ़ें: कांग्रेस विधायक की सीएम गहलोत को नसीहत, कहा- बयानों से नहीं रुकेगा भ्रष्टाचार, करना होगा ये काम

इस पूरे मामले पर अब स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक के खिलाफ महापौर के मोर्चा खोलने को प्रदेश की अन्य निकायों से भी समर्थन मिलता जा रहा है. निदेशक राठौड़ ने पिछले दिनों निकाय प्रमुखों को किसी भी तरह की कोई फाइल सीधे नहीं भेजने और किसी भी पत्रावली के निकाय प्रमुख के मांगने पर उसकी फोटो कॉपी ही देने के आदेश दिए थे. जिस पर अन्य निकाय प्रमुखों ने भी अपने अधिकारों पर कुठाराघात होने का आरोप लगाते हुए सरकार को इसकी शिकायत की है.

बीकानेर. प्रदेश के नगरीय निकायों के प्रमुखों के अधिकारों को लेकर पिछले दिनों स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक उज्जवल राठौड़ की ओर से जारी एक आदेश पर बीकानेर नगर निगम की महापौर सुशीला कंवर ने कड़ा रुख अपनाते हुए विरोध किया है. इसको लेकर महापौर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल और मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में उज्ज्वल राठौड़ की ओर से जारी किए गए आदेशों को गलत बताते हुए वापस लेने की मांग की गई है. साथ ही स्थानीय निकाय के अस्तित्व को बचाने का हवाला देते हुए उज्जवल राठौड़ को हटाने की भी मांग की है.

दरअसल, महापौर ने बीकानेर नगर निगम में कुछ पार्षदों के खिलाफ हुए कुछ दिन पहले हुए राजकार्य में बाधा के मुकदमे में निदेशक राठौड़ की ओर से की जा रही कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया है. राठौड़ ने पार्षदों और कर्मचारियों के बीच हुए विवाद के मामले में स्थानीय निकाय के उपनिदेशक बीकानेर को विभागीय स्तर पर मामले की जांच करने के लिए निर्देशित करते हुए रिपोर्ट मांगी थी. इस मामले में कर्मचारियों के साथ ही पार्षदों के आरोप पत्र विवरण और सेवा विवरण का रिकॉर्ड भी मांगा. राठौड़ के तरह विवरण मांगे जाने को महापौर ने हास्यास्पद बताते हुए मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में इस पर सवाल उठाया.

ये पढ़ें: केंद्रीय मंत्री शेखावत का कांग्रेस पर निशाना, कहा- गांधी परिवार ने ना जाने कितने और 'गुप्त समझौते' किए होंगे

उन्होंने कहा कि निदेशक राठौड़ को जनप्रतिनिधि और राजकीय कर्मचारियों के बीच का भेद ही मालूम नहीं है. क्योंकि जनप्रतिनिधि राजकीय सेवा आचरण के नियमों में नहीं आते और उन पर राजकीय सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध प्रयुक्त की जाने वाली विभागीय जांच की प्रणाली अपनाई नहीं जा सकती. पत्र में महापौर ने राठौड़ को अज्ञानी तक बताते हुए उन्हें हटाने की मांग की है.

ये पढ़ें: कांग्रेस विधायक की सीएम गहलोत को नसीहत, कहा- बयानों से नहीं रुकेगा भ्रष्टाचार, करना होगा ये काम

इस पूरे मामले पर अब स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक के खिलाफ महापौर के मोर्चा खोलने को प्रदेश की अन्य निकायों से भी समर्थन मिलता जा रहा है. निदेशक राठौड़ ने पिछले दिनों निकाय प्रमुखों को किसी भी तरह की कोई फाइल सीधे नहीं भेजने और किसी भी पत्रावली के निकाय प्रमुख के मांगने पर उसकी फोटो कॉपी ही देने के आदेश दिए थे. जिस पर अन्य निकाय प्रमुखों ने भी अपने अधिकारों पर कुठाराघात होने का आरोप लगाते हुए सरकार को इसकी शिकायत की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.