बीकानेर. शहर का जोड़बीड़ इन दिनों कंजर्वेशन वल्चर सहित मेहमान पक्षियों के कलरव से गुंजायमान हो रहा है. जहां देखो अलग-अलग देशों से आए विदेशी मेहमान पक्षी देसी विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. उनकी कलरव और अपना अपना अंदाज भी बीकानेर वासियों और पर्यटकों को खूब लुभा रहा है. जहां एक ओर सांभर में प्रवासी पक्षियों की मौत के बाद पक्षी प्रेमियों में सन्नाटा पसरा हुआ है तो वहीं बीकानेर का जोड़बीड़ इन प्रवासी मेहमानों से गुलजार नजर आ रहा है.
हजारों मील लंबा सफर तय करने के बाद यह विदेशी मेहमान परदेस में मेहमान नवाजी से खुश नजर आ रहे हैं. वर्तमान समय की बात करें तो गिद्धों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. प्रदेश में भी गिद्ध की स्थिति बिल्कुल खराब हो चुकी है. वन्यजीव प्रेमियों की माने तो लोगों की नजरें इन पक्षियों को देखने और उनके दीदार के लिए तरस रही हैं तो वहीं बीकानेर का जोड़बीड़ इन दिनों विदेशी पक्षियों की मेहमान नवाजी में लगा हुआ है.
हजारों किलोमीटर का सफर तय करने के बाद इन दिनों बीकानेर में अलग-अलग पक्षी अपनी अंखियों से सबको लुभा रहे हैं. भोर होने के साथ ही पंछियों की कल यहां सुनाई देने लगती है. करीब 4 हजार पक्षी इन दिनों अपनी उपस्थिति बीकानेर के जोड़बीड़ में दर्ज करवा चुके हैं.
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बता दें कि इन पक्षियों ने सर्दियों के खत्म होने तक बीकानेर को ही अपना आशियाना बना लिया है. बीकानेर ही नहीं बल्कि देशभर से लोग इन पक्षियों को अपने कैमरे में कैद करने के लिए आ रहे हैं. वहीं, इस इलाके में बढ़ती मानवीय दखल जैसे नगर निगम की ओर से आवारा श्वानों को यहां छोड़ना आस-पास बस रही कॉलोनियों से बिजली के तारों से और पास से गुजर रहे रेलवे ट्रैक से गुजरती ट्रेनों के चलते इनकी संख्या में लगातार कमी आ रही है.
एक तरफ मानवीय दखल और यहां डाले जाने वाले मृत पशुओं के शरीर में डाइक्लोफिनेक दवा की मात्रा पाए जाने के कारण गिद्ध अकाल मौत का शिकार हो जाते हैं. सांभर झील जैसी घटना यहां ना हो जाए इसे रोकने के लिए वन विभाग ने अब यहां आने वाले मृत पशुओं के ठेकेदारों को हिदायत देते हुए बीमारी ग्रस्त पशुओं को अन्यत्र खड्डा खोज कर दफनाने के लिए पाबंद किया है. वन विभाग ने देसी विदेशी पक्षी प्रेमियों को लुभाने के लिए 13 जनवरी को बर्ड फेस्टिवल का आयोजन भी किया है.
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अभी भी लगातार अलग-अलग देश से इन पक्षियों का बीकानेर आना जारी है. यहां का मौसम इनके अनुकूल होने के कारण यह पक्षी मार्च तक यहां पर डेरा डाले रखेंगे. उसके बाद यह अपने आगे के सफर के लिए निकल जाएंगे. एक तरफ सांभर में पक्षियों की मौत के बाद पक्षी प्रेमी बेचैन हैं तो वहीं पक्षी प्रेमी चाहे तो बीकानेर के जोड़बीड़ में खुशी के कुछ पल बिता सकते हैं.