बीकानेर. जिले में बेतरतीब यातायात के लिए शहर के बीचों-बीच गुजरती रेल लाइन पर बने रेलवे फाटक नासूर बन गए हैं. शहर के मुख्य मार्ग केईएम रोड से पहले कोटगेट और सांखला फाटक पर बने दोनों रेलवे फाटक से हर दिन हर बीकानेरी को रूबरू होना पड़ता है.
शहर के बीच से होकर गुजरती रेलगाड़ियों के आवागमन के चलते बंद होते रेलवे फाटक के चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है और इस जाम में कई बार एंबुलेंस भी फंस जाती है. शहर की सबसे बड़ी समस्या को लेकर हर चुनाव में राजनीतिक पार्टियां और प्रत्याशी अपने-अपने हिसाब से वादे करते हैं लेकिन, आज 40 साल बाद भी इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है.
शहर की अनसुलझी समस्या को लेकर राजनीतिक दलों और नेताओं की उपेक्षा से त्रस्त होकर शहर के चित्रकारों ने भगत सिंह ब्रिगेड के बैनर तले व्यंग्य के माध्यम से गुरुवार को कोर्ट गेट रेलवे फाटक पर अपना सांकेतिक विरोध जताते हुए आमजन के ध्यान आकृष्ट किया.
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चित्रकार मोना सरदार डूडी और मुकेश जोशी की अगुवाई में शहर के चित्रकारों ने बीरबल की खिचड़ी के नाम से व्यंग्य करते हुए बाकायदा बांस पर हांडी रखकर खिचड़ी चढ़ाई और जमीन पर अलाव जलाकर उस खिचड़ी के पकने का इंतजार भी किया.
चित्रकार मुकेश जोशी कहते हैं कि सबको पता है कि बीरबल की खिचड़ी कभी नहीं पकती और उसी तरह से बीकानेर के लिए रेलवे फाटक की समस्या भी अब बन गई है. हर चुनाव में नेता आश्वासन देते हैं लेकिन, समस्या का समाधान नहीं होता है और आम जनता इस समस्या से हर दिन तक होती रहती है.
तो वहीं चित्रकार मोना सरदार डूडी कहते हैं कि चुनाव के समय वोट मांगने वाले नेता अपने इस वादे को भूल जाते हैं और हमने इस बार यह ठान लिया है कि इस बार इन्हें भूलने नहीं देना है. उन्होंने कहा कि आज हमने यह विरोध सांकेतिक रूप से किया है लेकिन, जल्द ही कोटगेट रेलवे फाटक पर आम आदमी को साथ लेकर हजारों की संख्या में ट्रैक पर अपना विरोध जताएंगे और बड़ा आंदोलन भी करेंगे.
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गौरतलब है कि बीकानेर की रेलवे फाटक की समस्या बहुत लंबे समय से चल रही है और पिछली भाजपा सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एलिवेटेड रोड बनाने की बात कही. लेकिन, वह घोषणा धरातल पर साकार नहीं हुई.
तो वहीं केंद्रीय राज्यमंत्री और बीकानेर से सांसद अर्जुन मेघवाल इस समस्या के समाधान के लिए शहर में रोपवे का प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही तो वहीं प्रदेश की कांग्रेस सरकार में ऊर्जा मंत्री और बीकानेर पश्चिम से विधायक बी डी कल्ला इस समस्या के समाधान को लेकर बाईपास की बात कहते नजर आते हैं. लेकिन, आज तक इस समस्या का कोई समाधान किसी भी रूप में नहीं निकला है. ऐसे में नेताओं की जुबान पर कायम नहीं रहने की बात का विरोध करते हुए चित्रकारों ने अपने तरीके से समस्या को उठाकर विरोध जताना शुरू कर दिया है.