बीकानेर. सोमवार को बीकानेर में उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ की ओर से ऊर्जा और जलदाय मंत्री बीडी कल्ला पर किए गए जुबानी हमले के बाद कल्ला ने भी एक बयान जारी कर राठौड़ पर पलटवार किया है. कल्ला ने कहा कि पिछली सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में संविदाकर्मियों के हितों के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है. हमारी सरकार द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट करीब-करीब तैयार है.
कल्ला ने एक बयान जारी कर कहा कि प्रदेश में गत सरकार के समय उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ संविदा कर्मियों के लिए गठित समिति के अध्यक्ष रहे. मगर पिछली सरकार अपने पूरे कार्यकाल में संविदा कर्मियों के हितों के बारे में कोई भी निर्णय नहीं ले सकी.
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उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की ओर से गठित संविदा कर्मिर्यों की समिति ने अपनी रिपोर्ट को करीब-करीब तैयार कर लिया गया है. जबकि सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष तो अब पूरे होंगे. ऐसे में जो खुद की सरकार के समय संविदा कर्मिर्यों के मुद्दे पर पूरे पांच साल हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे. उन्हें इस बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है.
मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में जब से संविदा कर्मिर्यों की समिति बनी है, तब से लेकर अब तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंर्तगत करीब 10 हजार संविदाकर्मिर्यों को बोनस अंक देकर नियमित किया जा चुका है. जबकि पूर्ववर्ती सरकार के समय संविदा कर्मिर्यों को कोई लाभ नहीं दिया गया. डॉ. कल्ला ने बताया कि उनकी अध्यक्षता में राज्य सरकार ने जिन कमेटियों का गठन किया है, उनमें से अधिकांश कमेटियों ने अपना काम समय पर पूरा कर लिया है. स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से स्कूलों का नामकरण तथा जन घोषणा पत्र क्रियान्वयन से सम्बंधित समितियों का कार्य नियमित रूप से चलने वाला है. इनकी बैठकें भी समयबद्ध रूप से आयोजित हो रही है. इन समितियों के पास फिलहाल कोई प्रकरण या कार्य लम्बित नहीं है.
डॉ. कल्ला ने अपने बयान में यह भी कहा कि राठौड़ जब पूर्ववर्ती सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, तो उस समय प्रदेश सरकार ने बीकानेर, भरतपुर एवं कोटा में बिजली का कार्य 20 साल की अवधि के लिए निजी कम्पनियों को सौंप दिया. अब वो ही बताएं कि किस नियम और प्रावधान के तहत इस कांट्रेक्ट को निरस्त किया जाए.