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रेलवे महाप्रबंधक आनंद प्रकाश रहे बीकानेर दौरे पर, सबसे बड़ी समस्या पर सकारात्मक रुख नहीं आया नजर

उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश शनिवार को बीकानेर के दौरे पर रहे. बीकानेर मंडल के वार्षिक दौरे के तहत बीकानेर पहुंचे महाप्रबंधक ने इस दौरान रेल अधिकारियों के साथ चर्चा की. साथ ही लालगढ़ रेलवे वर्कशॉप और स्टेशन का निरीक्षण किया. वहीं स्थानीय व्यापारियों ने भी महाप्रबंधक से मुलाकात कर बीकानेर से नए रेलों को शुरू करने की मांग की.

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आनंद प्रकाश का बीकानेर दौरा
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Published : Feb 28, 2021, 3:47 AM IST

बीकानेर. उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश शनिवार को बीकानेर के दौरे पड़ रहे. बीकानेर मंडल के वार्षिक निरीक्षण के तहत शनिवार को बीकानेर पहुंचे महाप्रबंधक आनंद प्रकाश ने लालगढ़ वर्कशॉप और रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और दौरान मंडल रेल प्रबंधक संजय श्रीवास्तव सहित रेलवे के अधिकारी भी उनके साथ रहे. इस दौरान बीकानेर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीकानेर की बरसों पुरानी रेल फाटकों की समस्या के निदान से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी राय में रेल बाइपास नहीं बनेगा.

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निशुल्क भूमि उपलब्ध करवा दे तो भी यह रेल बाइपास बनना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि रेलवे ने सर्वे करवाया है. इसमें बीकानेर से लालगढ़ के बीच यदि सीधी नई रेल लाइन डाली जाए तो 80 करोड़ रुपए की लागत आती है और यदि उदरामसर से कुछ दूरी पर रेल बाइपास बनाया जाता है तो इस पर लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत आएगी. उन्होंने कहा कि नए विकास कार्य को लेकर रेलवे 8 प्रतिशत वार्षिक दर पर रुपया उधार लेता है. लेकिन सवाल यह है कि रेलवे इतनी बड़ी राशि इस काम के लिए क्यों लेगा. जबकि कम राशि में इस समस्या का समाधान हो सकता है.

यह भी पढ़ें: बीकानेर: इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के लिए 84 दिन की नहरबंदी 7 मार्च से

कल्ला से चर्चा की बताई बात

महाप्रबंधक ने बताया कि पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री डाॅ. बीडी कल्ला ने उनसे मुलाकात की थी. तब रेल बाइपास के मुद्दे पर चर्चा हुई थी. हालांकि, अभी भी कुछ भी कहना जल्दबाजी है. रेलवे भी अपने स्तर पर और सर्वे करवा रहा है. हाल ही रेलवे की निर्माण शाखा की ओर से करवाए गए सर्वे के अनुसार रेल बाइपास के प्रथम चरण पर लगभग 400 करोड़ रुपए लागत आएगी. यदि राज्य सरकार जमीन भी उपलब्ध करवा दे तो भी रेलवे के लिए इतनी बड़ी राशि खर्च करना मुश्किल है. इससे रेलवे को कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने बताया कि साल 2023 तक उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के चारों मण्डलों में विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाएगा. पूरे जोन में तब केवल इलेक्ट्रिक इंजन से ही रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी. बीकानेर मण्डल में इन दिनों सूरतगढ़ से लालगढ़ के बीच विद्युतीकरण का काम चल रहा है. रेलवे वर्कशाॅप को इलेक्ट्रिक लोको शेड बनाने की मांग पर उन्होंने कहा कि फिलहाल तो यह फिजीबल नहीं लगता, लेकिन अभी वर्कशाॅप के आधुनिकीकरण करने पर जोर है.

यह भी पढ़ें: मास्टर भंवरलाल के पुत्र मनोज मेघवाल ने कहा- पार्टी आलाकमान तय करेगा कौन होगा प्रत्याशी

रेलवे में कर्मचारियों की कमी का सवाल उन्होंने सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी अत्यधिक अतिरिक्त कर्मचारी हैं. आज मशीनीकरण का जमाना है. हम रोबोटिक मशीनीकृत कार्य की ओर अग्रसर हैं. चीन में हमसे बहुत कम कर्मचारी हैं और अधिकतर कार्य मशीनों से ही किया जाता है. बीकानेर के दौरे पर आए महाप्रबंधक से रेलवे सलाहकार समिति के सदस्यों और स्थानीय व्यापारियों ने मुलाकात कर बीकानेर से देश के अन्य भागों में नई ट्रेन शुरू करने की मांग भी की. साथ ही पूर्व संचालित कई ट्रेन के कोच बढ़ाने और समय परिवर्तन के साथ ही बड़े शहरों तक प्रदेश के अन्य जिलों तक चल रही ट्रेन को भी बीकानेर की तक बढ़ाने की मांग की.

बीकानेर. उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश शनिवार को बीकानेर के दौरे पड़ रहे. बीकानेर मंडल के वार्षिक निरीक्षण के तहत शनिवार को बीकानेर पहुंचे महाप्रबंधक आनंद प्रकाश ने लालगढ़ वर्कशॉप और रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और दौरान मंडल रेल प्रबंधक संजय श्रीवास्तव सहित रेलवे के अधिकारी भी उनके साथ रहे. इस दौरान बीकानेर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीकानेर की बरसों पुरानी रेल फाटकों की समस्या के निदान से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी राय में रेल बाइपास नहीं बनेगा.

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निशुल्क भूमि उपलब्ध करवा दे तो भी यह रेल बाइपास बनना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि रेलवे ने सर्वे करवाया है. इसमें बीकानेर से लालगढ़ के बीच यदि सीधी नई रेल लाइन डाली जाए तो 80 करोड़ रुपए की लागत आती है और यदि उदरामसर से कुछ दूरी पर रेल बाइपास बनाया जाता है तो इस पर लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत आएगी. उन्होंने कहा कि नए विकास कार्य को लेकर रेलवे 8 प्रतिशत वार्षिक दर पर रुपया उधार लेता है. लेकिन सवाल यह है कि रेलवे इतनी बड़ी राशि इस काम के लिए क्यों लेगा. जबकि कम राशि में इस समस्या का समाधान हो सकता है.

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कल्ला से चर्चा की बताई बात

महाप्रबंधक ने बताया कि पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री डाॅ. बीडी कल्ला ने उनसे मुलाकात की थी. तब रेल बाइपास के मुद्दे पर चर्चा हुई थी. हालांकि, अभी भी कुछ भी कहना जल्दबाजी है. रेलवे भी अपने स्तर पर और सर्वे करवा रहा है. हाल ही रेलवे की निर्माण शाखा की ओर से करवाए गए सर्वे के अनुसार रेल बाइपास के प्रथम चरण पर लगभग 400 करोड़ रुपए लागत आएगी. यदि राज्य सरकार जमीन भी उपलब्ध करवा दे तो भी रेलवे के लिए इतनी बड़ी राशि खर्च करना मुश्किल है. इससे रेलवे को कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने बताया कि साल 2023 तक उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के चारों मण्डलों में विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाएगा. पूरे जोन में तब केवल इलेक्ट्रिक इंजन से ही रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी. बीकानेर मण्डल में इन दिनों सूरतगढ़ से लालगढ़ के बीच विद्युतीकरण का काम चल रहा है. रेलवे वर्कशाॅप को इलेक्ट्रिक लोको शेड बनाने की मांग पर उन्होंने कहा कि फिलहाल तो यह फिजीबल नहीं लगता, लेकिन अभी वर्कशाॅप के आधुनिकीकरण करने पर जोर है.

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रेलवे में कर्मचारियों की कमी का सवाल उन्होंने सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी अत्यधिक अतिरिक्त कर्मचारी हैं. आज मशीनीकरण का जमाना है. हम रोबोटिक मशीनीकृत कार्य की ओर अग्रसर हैं. चीन में हमसे बहुत कम कर्मचारी हैं और अधिकतर कार्य मशीनों से ही किया जाता है. बीकानेर के दौरे पर आए महाप्रबंधक से रेलवे सलाहकार समिति के सदस्यों और स्थानीय व्यापारियों ने मुलाकात कर बीकानेर से देश के अन्य भागों में नई ट्रेन शुरू करने की मांग भी की. साथ ही पूर्व संचालित कई ट्रेन के कोच बढ़ाने और समय परिवर्तन के साथ ही बड़े शहरों तक प्रदेश के अन्य जिलों तक चल रही ट्रेन को भी बीकानेर की तक बढ़ाने की मांग की.

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