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Exclusive: नंदी गौशाला में 4 और गौवंश ने दम तोड़ा, 1 महीने में करीब 80 से ज्यादा गौवंश की मौत

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Published : Jan 8, 2020, 1:17 PM IST

प्रदेश में चल रही शीतलहर के बीच गौवंश की स्थिति दयनीय होती जा रही है. बीकानेर नगर निगम की ओर से संचालित नन्दी गौशाला में मंगलवार को चार और गौवंश की मौत हो गई. पिछले एक महीने में यह आंकड़ा 80 के पार हो गया है.

नंदी गौशाला में गायों की मौत,Nandi Gaushala of Bikaner, Gauvansh died in Nandi Gaushala
नगर निगम की गौशाला का बुरा हाल

बीकानेर. बीकानेर नगर निगम की नंदी गौशाला में मंगलवार को शीतलहर की वजह से 4 और गौवंश ने दम तोड़ दिया. यहां एक महीने में अबतक 80 गौवंश की मौत हो चुकी है.

नगरनिगम की गौशाला का बुरा हाल

बता दें, कि नगर निगम की गौशाला में गायों की मौत को लेकर सबसे पहले ईटीवी भारत ने खुलासा किया था. उसके बाद लगातार जिला कलेक्टर महापौर और नगर निगम आयुक्त ने गौशाला के दौरा किए. इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी और हालात जस के तस हैं. लगातार गौशाला की स्थिति को सुधारने के लिए नगर निगम के पार्षद विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आते हैं. इसी बीच मंगलवार को नगर निगम के उपायुक्त रणजीत कुमार ने गौशाला का दौरा किया और उस दौरे के दौरान पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई.

पढ़ेंः बीकानेरः गौशाला में नहीं है गोवंश रखने की जगह, गोवंश से भरे दो ट्रॉली को लेकर ठेकेदार पहुंचा कलेक्ट्रेट

उपायुक्त ने कर्मचारियों को लगाई फटकार

उपायुक्त रंजीत कुमार ने लिखा है, कि गौशाला के निरीक्षण के दौरान वहां पशु चिकित्सक मौजूद नहीं थे और उनके पहुंचने के करीब एक घंटे बाद वे मौके पर पहुंचे, साथ ही गंभीर स्थिति में पशुओं के इलाज के लिए किसी भी तरह की कोई उपाधि की व्यवस्था नहीं है. जिसके बाद उन्होंने वहां मौजूद कर्मचारियों को फटकार लगाई.

पढ़ेंः स्पेशल: नगर निगम की गौशाला में सर्दी से मर रहे गोवंश, नहीं है कोई खास इंतजाम

बता दें, कि गौशाला में गंभीर हालत में दम तोड़ने वाले पशुओं के लिए कोई भी अलग रजिस्टर नहीं बनाया गया है, जिससे ये पता चल सके, कि कुल कितने पशुओं की मौत हुई है. कुल मिलाकर सरकार की ओर से वित्तीय सहायता से संचालित इस गौशाला की पूरी तरह से कलई खुल कर रह गई है.

बीकानेर. बीकानेर नगर निगम की नंदी गौशाला में मंगलवार को शीतलहर की वजह से 4 और गौवंश ने दम तोड़ दिया. यहां एक महीने में अबतक 80 गौवंश की मौत हो चुकी है.

नगरनिगम की गौशाला का बुरा हाल

बता दें, कि नगर निगम की गौशाला में गायों की मौत को लेकर सबसे पहले ईटीवी भारत ने खुलासा किया था. उसके बाद लगातार जिला कलेक्टर महापौर और नगर निगम आयुक्त ने गौशाला के दौरा किए. इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी और हालात जस के तस हैं. लगातार गौशाला की स्थिति को सुधारने के लिए नगर निगम के पार्षद विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आते हैं. इसी बीच मंगलवार को नगर निगम के उपायुक्त रणजीत कुमार ने गौशाला का दौरा किया और उस दौरे के दौरान पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई.

पढ़ेंः बीकानेरः गौशाला में नहीं है गोवंश रखने की जगह, गोवंश से भरे दो ट्रॉली को लेकर ठेकेदार पहुंचा कलेक्ट्रेट

उपायुक्त ने कर्मचारियों को लगाई फटकार

उपायुक्त रंजीत कुमार ने लिखा है, कि गौशाला के निरीक्षण के दौरान वहां पशु चिकित्सक मौजूद नहीं थे और उनके पहुंचने के करीब एक घंटे बाद वे मौके पर पहुंचे, साथ ही गंभीर स्थिति में पशुओं के इलाज के लिए किसी भी तरह की कोई उपाधि की व्यवस्था नहीं है. जिसके बाद उन्होंने वहां मौजूद कर्मचारियों को फटकार लगाई.

पढ़ेंः स्पेशल: नगर निगम की गौशाला में सर्दी से मर रहे गोवंश, नहीं है कोई खास इंतजाम

बता दें, कि गौशाला में गंभीर हालत में दम तोड़ने वाले पशुओं के लिए कोई भी अलग रजिस्टर नहीं बनाया गया है, जिससे ये पता चल सके, कि कुल कितने पशुओं की मौत हुई है. कुल मिलाकर सरकार की ओर से वित्तीय सहायता से संचालित इस गौशाला की पूरी तरह से कलई खुल कर रह गई है.

Intro:प्रदेश में चल रही शीतलहर के बीच गौवंश की स्थिति दयनीय होती जा रही है बीकानेर नगर निगम की ओर से संचालित नन्दी गौशाला में मंगलवार को चार और गौवंश की मौत हो गई और पिछले एक महीने में यह आंकड़ा 80 को पार कर गया।


Body:बीकानेर नगर निगम की गौशाला में गायों की मौत को लेकर सबसे पहले ईटीवी भारत ने खुलासा किया था उसके बाद लगातार जिला कलेक्टर महापौर और नगर निगम आयुक्त ने गौशाला के दौरा किए इसके बाद एक बार की स्थिति सुधरी लेकिन फिर से लेकिन ऐसा लगता है कि आज भी हालात जस के तस है। लगातार गौशाला की स्थिति को सुधारने के लिए जहां नगर निगम के पार्षद विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आते हैं उन्हें इसी बीच मंगलवार को नगर निगम के उपायुक्त रणजीत कुमार ने गौशाला का दौरा किया और उस दौरे के दौरान पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई। मंगलवार को भी शीतलहर के चलते 4 गौवंश की मौत हो गई।


Conclusion:अपने निरीक्षण के दौरान मिली खामियों के चलते उपायुक्त रंजीत कुमार ने वहां मौजूद कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई।

आप भी सुनिए क्या कह रहे है उपायुक्त...........



इस दौरान उपायुक्त रणजीत कुमार ने अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर गौशाला की खामियों को इंगित करते हुए एक नोट भी बनाया आइए आपको भी दिखाते हैं क्या है इस नोट में .......

उपायुक्त रणजीत कुमार द्वारा लिखे गए इस नोट में साफ तौर पर लिखा है कि सर्दी से बचाव के लिए कोई भी संतोषजनक उपाय नहीं है साथ ही जिला कलेक्टर के द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद दिए गए आदेशों की पालना भी नहीं हुई है।

उपायुक्त रंजीत कुमार ने लिखा है कि गौशाला के निरीक्षण के दौरान वहां पशु चिकित्सक मौजूद नहीं थे और उनके पहुंचने की करीब एक घंटे बाद वे मौके पर पहुंचे साथ ही गंभीर स्थिति में पशुओं के इलाज के लिए किसी भी तरह की कोई उपाधि की व्यवस्था नहीं है।

गौशाला में गंभीरी में दम तोड़ने वाले मत पशुओं के लिए कोई भी अलग रजिस्टर नहीं बनाया गया है ताकि जिससे पता चल सके कि कुल कितने पशुओं की मौत हुई है।

कुल मिलाकर सरकार की ओर से वित्तीय सहायता से संचालित इस गौशाला की पूरी तरह से कलाई खुल कर रह गई है की करोड़ों रुपए देने के बाद भी इन गौवंश की कोई सुध नहीं ले रहा है और सरकार की ओर से दिया गया रुपया पूरी तरह से व्यर्थ जा रहा है।

कृपया EXCLUSIVE का tag लगाकर चलाएं।
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