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जेल ब्रेक कांड: डिप्टी जेलर सहित 3 सस्पेंड, DG दासोत बोले- जेल कर्मचारियों की लापरवाही

बीकानेर के नोखा उपकारागृह से बुधवार को सुबह फरार हुए पांच कैदियों का अब तक कोई पता नहीं लग पाया है. घटना को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप में जेल प्रशासन ने डिप्टी जेलर सहित तीन कार्मिकों को निलंबित कर दिया है.

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जेल ब्रेक में डिप्टी जेलर सहित तीन सस्पेंड
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Published : Apr 21, 2021, 10:20 PM IST

बीकानेर. नोखा में बुधवार सुबह जेल से भागे पांच फरार कैदियों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है. उधर, घटना की गंभीरता को देखते हुए नोखा उप कारागृह की डिप्टी जेलर सहित तीन कार्मिकों को निलंबित कर दिया गया है. घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक जेल राजीव दासोत नोखा पहुंचे और स्थानीय अधिकारियों और जेल प्रशासन के अधिकारियों के साथ घटना को लेकर मौका मुआयना किया और जानकारी ली.

जेल ब्रेक में डिप्टी जेलर सहित तीन सस्पेंड

घटना को लेकर डीजी जेल राजीव दासोत ने कहा, यह बहुत गंभीर मामला है और कैदियों ने बहुत बड़ी गलती की है. साथ ही उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया, घटना में स्थानीय जेल प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है. प्रथम दृष्टया डिप्टी जेलर सहित तीन कार्मिकों को निलंबित किया गया है. घटना को लेकर डीजी राजीव दासोत ने कहा, नोखा जेल का हाल ही में रिनोवेशन किया गया था और प्रदेश की बेहतरीन सब जेलों में यह शुमार है. दासोत ने कहा, पांच बन्दी खिड़की के नीचे 10 गुणा 10 इंच साइज का छेद बनाकर बाहर निकले और कंबल की रस्सी के सहारे 18 फीट ऊंची दीवार को लांघकर भागे.

यह भी पढ़ें: बड़ी खबर : बीकानेर की नोखा जेल से 5 कैदी फरार, कंबल से रस्सी बनाकर फांदी दीवार

क्षमता से कम कैदी

पुलिस की फलौदी में कुछ दिन पहले हुए जेल ब्रेक में क्षमता से अधिक कैदी होने की बात सामने आई थी. लेकिन हैरत की बात है, नोखा जेल में 106 कैदियों की क्षमता है. लेकिन वर्तमान में जेल में केवल 46 बंदी ही थे, ऐसे में क्षमता से अधिक कैदी होने की बात भी नहीं है.

ढाई घंटे तक नहीं चल पाया पता

घटना को लेकर प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है, बंदी करीब रात को 2:30 बजे फरार हुए और सुबह 5 बजे के बाद जेल के कैदियों को इसकी जानकारी मिली. इस पूरे घटनाक्रम में जेल प्रहरियों की लापरवाही भी सामने आई है. क्योंकि घटना को अंजाम देने के दौरान कैदियों ने न सिर्फ दीवार को तोड़ा, बल्कि आसपास रखे सामान को भी हटा के किनारे किया और उसके बाद जेल की छत पर जाकर कंबल की रस्सी बनाकर भागे. जेल में रात में कैदियों द्वारा इतना कुछ करने के बावजूद भी जेल प्रहरी सोते रहे और कैदी फरार हो गए.

यह भी पढ़ें: जोधपुर: 16 कैदियों को जेल से फरार करवाने वाला मुख्य आरोपी दबोचा गया

यह रही लापरवाही

नोखा जेल में कुल 14 का स्टाफ हैं, जिनमें एक जेल प्रभारी और 13 प्रहरी हैं. इसमें से किसी की भी ड्यूटी जेल के अंदर की तरफ नहीं थी. जेल स्टाफ को सुबह साढ़े चार बजे इस घटना का पता लगा. इसके बाद पांच बजे पुलिस सक्रिय हुई, तब तक कैदी काफी दूर निकल चुके थे. आशंका है कि फरारी के लिए कैदियों ने पहले ही वाहन की व्यवस्था कर रखी थी. ऐसे में जेल से बाहर निकलते ही वे कम समय में दूर तक पहुंच गए. अब तक पुलिस को अंदाजा नहीं लग पाया है, कैदी किस वाहन में निकले हैं. अब आस-पास के घरों और मुख्य मार्गों पर लगे सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं.

बीकानेर. नोखा में बुधवार सुबह जेल से भागे पांच फरार कैदियों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है. उधर, घटना की गंभीरता को देखते हुए नोखा उप कारागृह की डिप्टी जेलर सहित तीन कार्मिकों को निलंबित कर दिया गया है. घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक जेल राजीव दासोत नोखा पहुंचे और स्थानीय अधिकारियों और जेल प्रशासन के अधिकारियों के साथ घटना को लेकर मौका मुआयना किया और जानकारी ली.

जेल ब्रेक में डिप्टी जेलर सहित तीन सस्पेंड

घटना को लेकर डीजी जेल राजीव दासोत ने कहा, यह बहुत गंभीर मामला है और कैदियों ने बहुत बड़ी गलती की है. साथ ही उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया, घटना में स्थानीय जेल प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है. प्रथम दृष्टया डिप्टी जेलर सहित तीन कार्मिकों को निलंबित किया गया है. घटना को लेकर डीजी राजीव दासोत ने कहा, नोखा जेल का हाल ही में रिनोवेशन किया गया था और प्रदेश की बेहतरीन सब जेलों में यह शुमार है. दासोत ने कहा, पांच बन्दी खिड़की के नीचे 10 गुणा 10 इंच साइज का छेद बनाकर बाहर निकले और कंबल की रस्सी के सहारे 18 फीट ऊंची दीवार को लांघकर भागे.

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क्षमता से कम कैदी

पुलिस की फलौदी में कुछ दिन पहले हुए जेल ब्रेक में क्षमता से अधिक कैदी होने की बात सामने आई थी. लेकिन हैरत की बात है, नोखा जेल में 106 कैदियों की क्षमता है. लेकिन वर्तमान में जेल में केवल 46 बंदी ही थे, ऐसे में क्षमता से अधिक कैदी होने की बात भी नहीं है.

ढाई घंटे तक नहीं चल पाया पता

घटना को लेकर प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है, बंदी करीब रात को 2:30 बजे फरार हुए और सुबह 5 बजे के बाद जेल के कैदियों को इसकी जानकारी मिली. इस पूरे घटनाक्रम में जेल प्रहरियों की लापरवाही भी सामने आई है. क्योंकि घटना को अंजाम देने के दौरान कैदियों ने न सिर्फ दीवार को तोड़ा, बल्कि आसपास रखे सामान को भी हटा के किनारे किया और उसके बाद जेल की छत पर जाकर कंबल की रस्सी बनाकर भागे. जेल में रात में कैदियों द्वारा इतना कुछ करने के बावजूद भी जेल प्रहरी सोते रहे और कैदी फरार हो गए.

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यह रही लापरवाही

नोखा जेल में कुल 14 का स्टाफ हैं, जिनमें एक जेल प्रभारी और 13 प्रहरी हैं. इसमें से किसी की भी ड्यूटी जेल के अंदर की तरफ नहीं थी. जेल स्टाफ को सुबह साढ़े चार बजे इस घटना का पता लगा. इसके बाद पांच बजे पुलिस सक्रिय हुई, तब तक कैदी काफी दूर निकल चुके थे. आशंका है कि फरारी के लिए कैदियों ने पहले ही वाहन की व्यवस्था कर रखी थी. ऐसे में जेल से बाहर निकलते ही वे कम समय में दूर तक पहुंच गए. अब तक पुलिस को अंदाजा नहीं लग पाया है, कैदी किस वाहन में निकले हैं. अब आस-पास के घरों और मुख्य मार्गों पर लगे सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं.

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