भीलवाड़ा. भीलवाड़ा शहर के रिजर्व पुलिस लाइन स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पुलिस लाइन पर छात्र-छात्राओं और उनके परिजनों की ओर से प्रदर्शन किया (Student and family demonstrated at Government School) गया. इस प्रदर्शन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी सम्मिलित हो गया. प्रदर्शन के दौरान छात्र-छात्राओं ने सरकारी स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला भी जड़ दिया. छात्रों के परिजनों ने आरोप लगाया कि विद्यालय के हिंदी मीडियम से अंग्रेजी मीडियम में कन्वर्ट होने के बाद विद्यालय प्रशासन की ओर से स्कूल के छात्रों को टीसी देकर निकाला जा रहा है.
सूचना पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) बंशीलाल और प्रताप नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं जहां परिजनों ने जबरन स्कूल की ओर से बच्चों को टीसी देने की बात की. वहीं बंशीलाल शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने कहा कि इंग्लिश मीडियम विद्यालय होने के बाद हिंदी मीडियम के बालकों के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है. दो पारी में स्कूल चलाने का प्रस्ताव भेजा गया है. करीब 4 घंटे तक प्रदर्शन चलता रहा. ये समझाइश और आश्वासन के बाद शांत हुआ. वहीं, एबीवीपी महामंत्री हर्षित शर्मा और स्थानीय पार्षद ललित सिंह भाटी के नेतृत्व में स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य और अध्यापकों पर कार्रवाई की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को सौंपा.
अभिभावक युवराज दमामी ने कहा कि उनके दो बच्चे हैं. एक ने पांचवीं तो दूसरे ने पहली कक्षा इसी स्कूल से पास की है. बड़े बच्चे को रखने पर तो सहमति बन गई. लेकिन छोटे वाले बच्चे की टीसी काटने की बात कह रहे हैं. ऐसे में छोटे अकेले बच्चे को दूसरी स्कूल में कहां भेजूंगा. एबीवीपी के महामंत्री हर्षित शर्मा ने कहा कि स्कूल में बच्चों को टीसी लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है. स्कूल में नामांकित बच्चे कहां जाएंगे. इस पर शिक्षा विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पहले सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था कि हिंदी और अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं दो पारियों में संचालित की जाए. लेकिन इस पर भी ध्यान नहीं दिया गया. बच्चों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसके विरोध में आज हमने स्कूल के गेट पर ताला लगाकर प्रदर्शन किया है.
जिला शिक्षा अधिकारी बंशीलाल कीर ने कहा कि अभी तक एक भी बच्चे की टीसी नहीं काटी गई है. उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भेज रखा है कि नामांकन ज्यादा होने की स्थिति में स्कूल को दो पारी में संचालित किया जा सकता है. किसी भी बच्चे को एडमिशन से भी मना नहीं किया गया है. ऐसा कुछ नहीं है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.