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भीलवाड़ा में पालतू आवारा जानवरों से बढ़ रहे हैं दिन-ब-दिन हादसे, जिला प्रशासन और नगर परिषद मौन - stray animals in Bhilwara

भीलवाड़ा शहर सहित जिले में पालतू आवारा पशुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. ये आवारा पशु दिन भर शहर की सड़कों पर बैठे रहते हैं, जिससे वाहन चालकों को आए दिन हादसे का शिकार होना पड़ रहा है. वहीं इस समस्या को लेकर जिला प्रशासन और नगर परिषद के ध्यान नहीं देने से समस्या बढ़ती जा रही है.

stray animals roaming on streets in Bhilwara, आवारा पशुओं के वजह से सड़क हादसे
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Published : Oct 16, 2019, 11:02 AM IST

Updated : Oct 16, 2019, 2:22 PM IST

भीलवाड़ा. शहर में आवारा पालतू जानवरों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. शहर की मुख्य सड़कों पर दिनभर यह पशु बैठे रहते हैं. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में ये आवारा पशु किसानों की बोई गई फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिसको लेक किसान भी चिंतित है. लेकिन भीलवाड़ा नगर परिषद इस मामले को लेकर उदासीन नजर आ रही है.

शहर में बढ़ रही आवारा पशुओं की संख्या

परिषद के उदासीनता के वजह से शहर के सड़को पर घुम रहे आवारा पशुओं को एकत्रित करके कायन हाऊस में नहीं डाला जा रहा है. वहीं पशु शहर की सड़कों पर बैठे रहते हैं, जिससे वाहन चालकों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कई बार इन पशुओ की चपेट में आने से वाहन चालक हादसों का शिकार हो जाते है.

ये पढ़ें: सोशल मीडिया से महिलाओं पर जाल बिछाकर ठगी करने वाला नाइजीरियन दंपति गिरफ्तार

इसको लेकर शहरवासी नानुराम शर्मा ने बताया कि शहर सहित जिले में प्रशासन की उदासीनता के चलते आवारा पालतू पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. लोग दूध निकालने के बाद अपने पशुओं को इसी तरह खुला छोड़ देते हैं. जिससे इनकी संख्या बढ़ रही है. यदि जनप्रतिनिधि और प्रशासन एक साथ बैठकर इस समस्या का निवारण करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से समस्या का समाधान हो सकता है.

भीलवाड़ा. शहर में आवारा पालतू जानवरों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. शहर की मुख्य सड़कों पर दिनभर यह पशु बैठे रहते हैं. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में ये आवारा पशु किसानों की बोई गई फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिसको लेक किसान भी चिंतित है. लेकिन भीलवाड़ा नगर परिषद इस मामले को लेकर उदासीन नजर आ रही है.

शहर में बढ़ रही आवारा पशुओं की संख्या

परिषद के उदासीनता के वजह से शहर के सड़को पर घुम रहे आवारा पशुओं को एकत्रित करके कायन हाऊस में नहीं डाला जा रहा है. वहीं पशु शहर की सड़कों पर बैठे रहते हैं, जिससे वाहन चालकों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कई बार इन पशुओ की चपेट में आने से वाहन चालक हादसों का शिकार हो जाते है.

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इसको लेकर शहरवासी नानुराम शर्मा ने बताया कि शहर सहित जिले में प्रशासन की उदासीनता के चलते आवारा पालतू पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. लोग दूध निकालने के बाद अपने पशुओं को इसी तरह खुला छोड़ देते हैं. जिससे इनकी संख्या बढ़ रही है. यदि जनप्रतिनिधि और प्रशासन एक साथ बैठकर इस समस्या का निवारण करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से समस्या का समाधान हो सकता है.

Intro:भीलवाड़ा- भीलवाड़ा शहर सहित भीलवाड़ा जिले में पालतू आवारा पशुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है । जिससे कहीं वाहन चालकों को को इनका शिकार होना पड़ रहा है . लेकिन जिला प्रशासन व नगर परिषद इस ओर ध्यान नहीं देने के कारण इन पशुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।।


Body:भीलवाड़ा जिले में आवारा पालतू जानवरों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है । जहां भीलवाड़ा शहर की मुख्य सड़कों पर दिनभर यह पशु बैठे रहते हैं । वहीं ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों पर यह पशु गुजरने के साथ ही किसानों के द्वारा बोई गई फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं ।जिससे किसान भी चिंतित है। भीलवाड़ा नगर परिषद की उदासीनता के चलते भीलवाड़ा शहर में आवारा पालतू जानवरों को एकत्रित करके कायन हाऊस में नहीं डाला जा रहा है। जिससे यह पशु शहर की सड़कों पर बैठे रहते हैं और वाहन चालकों को भी काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है कहीं बाहर तो इन पशुओ की चपेट में आने के कारण वाहन चालको को हादसों का शिकार होना पड़ रहा है। जहां ईटीवी भारत में धरातल पर जानकारी जुटाई तो पशुओं के हाल बेहाल मिले।

शहरवासी नानुराम शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा शहर सहित जिले में प्रशासन की उदासीनता के चलते आवारा पालतू पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है । लोग दूध पीने के बाद अपने पशुओं को इसी प्रकार छोड़ देते हैं जिससे इनकी संख्या बढ़ रही है। अगर जनप्रतिनिधि व प्रशासन एक जाजम पर बैठकर इस समस्या का निवारण करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से 5 वर्ष की समस्या का 5 दिन में समाधान हो सकता है।

अब देखना यह होगा कि इन आवारा पालतू जानवरों से छुटकारा दिलाने के लिए जिला प्रशासन व नगर परिषद क्या कदम उठाता
है या इसी तरह शहर की सड़कों पर पशु बैठे रहेंगे।
सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

वाइट -नानूराम शर्मा, शहरवासी


Conclusion:
Last Updated : Oct 16, 2019, 2:22 PM IST
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