भीलवाड़ा. देश में कोरोना को लेकर सबसे पहले हॉटस्पॉट बने भीलवाड़ा के शाहपुरा की संचिना कला संस्थान और नवग्रह आश्रम की ओर से 'जिंदगी' शॉर्ट फिल्म बनाई गई. इसका लोकार्पण जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने किया. इस दौरान फिल्म में अभिनय करने वाले कलाकारों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हमने यह फिल्म मास्क ही जिंदगी की थीम पर बनाई है, भले ही वैक्सीन आ गई है लेकिन जागरूकता जरूरी है. साथ ही इस फिल्म में एक नन्हा बालक अपने दादा को मास्क के लिए जागरूक कर रहा है. फिल्म में संदेश दिया गया है कि वैक्सीन हिंदू, मुस्लिम ,सिख, ईसाई नहीं है यह एक औषधि है.
जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने लोकार्पण के दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन आ चुकी है और लोगों को लगाई जा रही है. इससे बचाव ही उपचार है. लेकिन अभी भी हमारे को कोरोना गाडइलाइन की पालना करनी है. जहां से संचिना संस्थान व नवग्रह आश्रम की ओर से शार्ट फिल्म बनाई है. जिसमें जनता को मास्क के प्रति अच्छा मैसेज देने का काम किया है. कलेक्टर ने संस्था को बधाई दी.
इस फिल्म के प्रोड्यूसर व अभिनय करने वाले कलाकारों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. फिल्म के प्रोड्यूसर दीपक पारीक ने फिल्म के प्रमुख उद्देश्य के सवाल पर कहा कि कोरोना की वैक्सीन आ गई है लेकिन सब लोगों को वैक्सीन उपलब्ध होने में समय लगेगा. लेकिन वर्तमान समय में लोग मास्क को लेकर जागरूक नहीं हैं. इसके लिए लोग जागरूक हो इसी उद्देश्य को लेकर हमने एक शार्ट फिल्म बनाई है जो लगभग 1:30 मिनट की है. जिसमें एक छोटा सा संदेश है कि घर से निकलने पर दादा मास्क लगाना भूल जाते हैं, जहां दादा को घर का एक छोटा बच्चा आकर मास्क की उपयोगिता के बारे में बताता है और कहता है कि मास्क जीवन में नित्य कर्म का अभिन्न अंग बनाएं. जिससे कोरोना संक्रमण की चेन खत्म हो सके.
फिल्म में अभिनय करने वाले छोटे कलाकार दीपांशु पारीक ने कहा कि मैंने इस शॉर्ट फिल्म में कोरोना जागरूकता को लेकर किरदार निभाया है. जिसमें मैं दादाजी को मास्क को लेकर प्रेरित करता हूं. जब दादाजी घर से जब निकलते हैं तो मास्क भूल जाते हैं तो उनको मास्क देकर हमेशा मास्क याद से लगाने के लिए कहता हूं.
फिल्म में नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी ने कहा कि भीलवाड़ा कोरोना को लेकर भारत में सबसे पहले हॉटस्पॉट बना और फिर मॉडल भी बना लेकिन वर्तमान में लोगों में जागरूकता की कमी है. इसलिए हमने एक शॉर्ट फिल्म बनाई है इसमें यह संदेश दिया है कि वैक्सीन आ गई है लेकिन कोरोना के लिए जागरूक रहें. इस फिल्म की थीम 'मास्क ही जिंदगी है' रखी है.
साथ ही उन्होंने कहा कि अभी भी देश में कुछ लोग वैक्सीन पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, उनसे मैं अपील करता हूं कि यह समय बातें बनाने का समय नहीं है वैक्सीन लगाने का समय है. अभी लोगों को कोरोना गाइडलाइन के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क व सैनिटाइज का उपयोग करना होगा. वैक्सिंग हिंदू, मुस्लिम ,सिख, ईसाई नहीं है, यह एक औषधि है. यह मेड इन इंडिया की वैक्सीन है. वैक्सीन किसी व्यक्ति, पार्टी, जाति, धर्म की नहीं है. इसलिए लोग इसके के बारे में सवाल खड़े नहीं करें.