भीलवाड़ा. जिले में यातायात व्यवस्थाओं में सुधार के लिए परिवहन विभाग और पुलिस महकमा मिलकर कार्य करेगा. इसको लेकर सोमवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ हुआ. इस दौरान सप्ताह के पहले दिन स्कूली छात्र-छात्राओं ने सड़क सुरक्षा को लेकर जागरुकता रैली निकाली. रैली को जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और परिवहन विभाग अधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस रैली को स्वयं संगठनों ने भी जगह-जगह स्वागत किया है. बता दें कि सुरक्षित यातायात नियमों की पालना के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन पूरे प्रदेश में 23 अक्टूबर तक किया जा रहा है.
इस दौरान जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने कहा कि जिलेभर में सड़क दुर्घटना से लोगों की मौत हो रही है. जिसको लेकर परिवहन विभाग और पुलिस विभाग ने मिलकर एक पहल की है. इसका मुख्य उद्देश्य है, अभिभावक बच्चों को यातायात नियमों की सीख न दे बल्कि बच्चे खुद अभिभावकों को यातायात नियमों का याद दिलाएं और बच्चों के साथ बड़े भी ज्यादा से ज्यादा यातायात नियमों का पालन करें. इसलिए स्कूली छात्र-छात्राओं की ओर से सड़क सुरक्षा रैली निकाली गई है.
यह भी पढ़ें- खिले चेहरेः 14 पाक विस्थापितों को मिली भारतीय नागरिकता, मिला प्रमाण पत्र
वहीं इस विषय पर पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावर का कहना है कि यातायात सप्ताह के तहत आज सोमवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन स्कूली छात्र-छात्राओं की ओर से यातायात नियमों की जागरुकता रैली निकाली गई हैं. जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं ने शहर भर में ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी.
बता दें कि 14 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा. जिसमें प्रत्येक दिन एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसके जरिए आम नागरिकों को यातायात नियमों की जानकारी दी जाएगी. जिससे कि शहर में दुर्घटना का स्तर कम हो और लोगों की दुर्घटना में कम से कम नुकसान हो. साथ ही लोग ज्यादा से ज्यादा यातायात नियमों का पालन भी करें.
यह भी पढ़ें- ये कैसा संकट! पति को मिली भारतीय नागरिकता और पत्नी व बच्चे अब भी पाक विस्थापित
इसी के तहत परिवहन विभाग अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि पुलिस विभाग, परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग के तत्वाधान में सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. जिस पर प्रत्येक दिन अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए आम नागरिकों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जाएगी. जिससे लोगों को ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक नियमों की जानकारी मिले और सड़क दुर्घटना का स्तर कम हो.