भीलवाड़ा. कपड़ा नगरी भीलवाड़ा की नगर परिषद की अंतिम बोर्ड बैठक का आयोजन हुआ. बोर्ड बैठक से पूर्व बैठक में आने वाले जनप्रतिनिधियों की थर्मल स्क्रीनिंग और हाथों को सैनिटाइज भी किया गया. सभापति मंजू चेचाणी की अध्यक्षता में हुई अंतिम बोर्ड बैठक हंगामेदार रही. बैठक में कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आपस में ही झगड़ते हुए नजर आए. वहीं नगर परिषद बोर्ड बैठक के गठन के बाद पहली बार बोर्ड बैठक करीब 2 घंटे तक चली, जिसमें जिंदल सॉ लिमिटेड के आरओबी का मामला पूरे समय गरमाया रहा.
इस बैठक में नगर परिषद आयुक्त नारायण लाल मीणा पर गत बोर्ड बैठकों में हुए निर्णय की अनुपालन नहीं करवाने का आरोप सत्ता और विपक्ष के पार्षदों ने लगाए. वहीं दूसरी ओर निर्णयों के अनुपालन नहीं करवाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव भी पास किया गया. इस अंतिम बोर्ड बैठक में 21 बिंदुओं के एजेंटों पर भी चर्चा करके उन्हें भी पास किया गया.
पढ़ें- पायलट को पद से हटाने का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा : गुर्जर महासभा
पार्षद मनोज पालीवाल ने कहा कि आज जो एजेंडा बनाया गया है, वह भ्रष्टाचार से युक्त है. इसमें स्ट्रीप भूमि उन्हीं को विक्रय करना चीन का कब्जा है. यह गलत है और इसको लेकर हम न्यायालय तक भी जाएंगे. इसके साथ ही पूर्व में दिए गए भूखंड का भुगतान नहीं होने के बाद भी उसकी थर्ड पार्टी रजिस्ट्री करवाने को हम विरोध करते हैं और हमने आपत्ति दर्ज करवाई है.
पढ़ें- राजस्थान के सियासी गलियारों में सुगबुगाहट, आखिर क्यों चुप हैं वसुंधरा राजे?
वहीं, दूसरी ओर विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने कहा कि यह बोर्ड बैठक पूरे कार्यकाल के ऐतिहासिक बैठक है. इसमें बैठक में जिंदल की ओर से आरओबी के मामला और सीवरेज को लेकर विशेष चर्चा की गई. इन मामलों को लेकर दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं. नगर परिषद सभापति मंजू चेचाणी ने कहा कि आरोपी के मामले में जिंदल सॉ लिमिटेड अपना मुकदमा हार चुकी है. हम उन्हें आदेश प्रदान करेंगे कि वह जल्द से जल्द आरओबी बनाए. इसके साथ ही शहर में सौंदर्यकरण, सड़कों का विकास के साथ अन्य विकास विषयों पर भी हमने चर्चा की है.